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मंगलवार, 10 सितंबर 2019

सन्देश



      मेरी माँ और उनकी बहनें अभी भी परस्पर कुछ ऐसा करती हैं जो एक लुप्त होती जा रही कला है – पत्र लिखना। प्रति सप्ताह, बिना किसी चूक के, वे एक दूसरे को व्यक्तिगत पत्र लिखती हैं; और इसलिए उनमें से एक के डाकिए को चिंता होने लगती है यदि उसके पास उन्हें देने के लिए चिट्ठी नहीं होती है। उनके पत्रों में जीवन की बातों का आनन्द, मित्रों तथा परिवार जनों से संबंधित दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों तथा घटनाओं की मज़ेदार बातें और दिल को दुखाने वाले किस्से भी होते हैं।

      मुझे अपने परिवार की इन महिलाओं द्वारा किए जाने वाले इस नियमित अभ्यास पर मनन करना पसन्द है। इससे मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस के द्वारा प्रभु यीशु मसीह के अनुयायियों को कही गई एक बात और भी अधिक सराहनीय लगती है कि “यह प्रगट है, कि तुम मसीह की पत्री हो, जिस को हम ने सेवकों के समान लिखा; और जो सियाही से नहीं, परन्तु जीवते परमेश्वर के आत्मा से पत्थर की पटियों पर नहीं, परन्तु हृदय की मांस रूपी पटियों पर लिखी है” (2 कुरिन्थियों 3:3)। पौलुस ने यह बात कोरिन्थ के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में उन झूठे उपदेशकों की गलत शिक्षाओं के प्रत्युत्तर में कही, जो पौलुस द्वारा उन विश्वासियों को दी गई शिक्षाओं का विरोध कर रहे थे (देखे कुरिन्थियों 11)।

      पौलुस ने कोरिन्थ की मसीही विश्वासियों की मण्डली को प्रोत्साहित किया कि वे सच्चे और जीवते परमेश्वर का अनुसरण वैसे ही करते रहें, जैसा कि उसने उन्हें सिखाया था। उन्हें यह समझाते हुए, पौलुस ने उन मसीही विश्वासियों को विस्मरणीय रूप में मसीह की पत्री बताया, और यह कि उनके परिवर्तित जीवन पौलुस की सेवकाई के द्वारा उनमें हुए पवित्र-आत्मा के कार्य की इतनी प्रबल गवाही है जितनी कभी कोई लिखित पत्री नहीं हो सकती है।

      यह कितना अद्भुत है कि आज परमेश्वर का पवित्र-आत्मा हम में अनुग्रह और छुटकारे की गवाही का पत्र लिखता है। लिखित शब्द चाहे जितने भी सार्थक और प्रभावी क्यों न हों, लेकिन सुसमाचार के सत्य के सबसे प्रबल और प्रभावी गवाह हमारे परिवर्तित जीवन हैं, जो हमारे चरित्र और व्यवहार में आए दयालुता, सेवा, कृतज्ञता, और आनन्द के भावों द्वारा मसीह यीशु के प्रभाव के विषय बताते हैं।

      हमारे कार्यों और व्यवहार के द्वारा प्रभु अपने अनन्त-जीवन देने वाले प्रेम के सुसमाचार को लोगों में फैलाता है। आज आपका जीवन लोगों को क्या सन्देश दे रहा है? – एमी बाउचर पाई

हम मसीह की पत्रियां हैं।

परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो मसीह में सदा हम को जय के उत्‍सव में लिये फिरता है, और अपने ज्ञान का सुगन्‍ध हमारे द्वारा हर जगह फैलाता है। क्योंकि हम परमेश्वर के निकट उद्धार पाने वालों, और नाश होने वालों, दोनों के लिये मसीह के सुगन्‍ध हैं। - 2 कुरिन्थियों 2:14-15

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 3:1-6
2 Corinthians 3:1 क्या हम फिर अपनी बड़ाई करने लगे? या हमें कितनों के समान सिफारिश की पत्रियां तुम्हारे पास लानी या तुम से लेनी हैं?
2 Corinthians 3:2 हमारी पत्री तुम ही हो, जो हमारे हृदयों पर लिखी हुई है, और उसे सब मनुष्य पहिचानते और पढ़ते है।
2 Corinthians 3:3 यह प्रगट है, कि तुम मसीह की पत्री हो, जिस को हम ने सेवकों के समान लिखा; और जो सियाही से नहीं, परन्तु जीवते परमेश्वर के आत्मा से पत्थर की पटियों पर नहीं, परन्तु हृदय की मांस रूपी पटियों पर लिखी है।
2 Corinthians 3:4 हम मसीह के द्वारा परमेश्वर पर ऐसा ही भरोसा रखते हैं।
2 Corinthians 3:5 यह नहीं, कि हम अपने आप से इस योग्य हैं, कि अपनी ओर से किसी बात का विचार कर सकें; पर हमारी योग्यता परमेश्वर की ओर से है।
2 Corinthians 3:6 जिसने हमें नई वाचा के सेवक होने के योग्य भी किया, शब्द के सेवक नहीं वरन आत्मा के; क्योंकि शब्द मारता है, पर आत्मा जिलाता है।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 8-9
  • 2 कुरिन्थियों 3