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शुक्रवार, 11 अप्रैल 2014

खुले द्वार


   डेनमार्क के दार्शनिक सोरेन कर्कगार्ड (1813-1855) ने लिखा था: "यदि मुझे किसी एक वस्तु की इच्छा करने का अवसर होता तो मैं दौलत, ताकत आदि की इच्छा नहीं करता, वरन एक ऐसे दृष्टिकोण की जो संभावनाओं को देखने और पहचानने के लिए सदा तत्पर और तैयार रहे।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस भी अपने जीवन में मसीही सेवकाई के अवसरों के प्रति सदा सचेत बना रहता था। उसे जब जहाँ अवसर मिलता था वह मसीह यीशु में विश्वास के द्वारा पाप से क्षमा और उद्धार का सुसमाचार देता था। जब उसे बन्दी बनाकर राज्यपाल फेलिक्स के सामने लाया गया, उसने फेलिक्स के सामने सुसमाचार सुनाया (प्रेरितों 24:24)। जब वह सिलास के साथ बन्दीगृह में डाला गया, उन्होंने बन्दियों और जेलर को सुसमाचार सुनाया (फिलिप्पियों 16:25-34) और बाद में जब पौलुस को रोम में बन्दी बना कर भेजा गया तो उसने वहाँ भी सुसमाचार सुनाया और वहाँ से पत्रियाँ लिखकर मसीही विश्वासियों की मण्डलियों के लोगों को मसीह यीशु के लिए कार्यरत रहने के लिए उभारा (फिलिप्पियों 1:12-18)।

   कुरिन्थुस की मण्डली को लिखे अपने पत्र में पौलुस ने लिखा कि वह उसकी इच्छा तो है कि उनके पास आकर कुछ समय उनके साथ बिताए, लेकिन इफसुस में मिले सेवकाई के एक अवसर के कारण अभी उसका इफसुस में रहना अधिक आवश्यक है: "परन्तु मैं पेन्‍तिकुस्‍त तक इफिसुस में रहूंगा। क्योंकि मेरे लिये एक बड़ा और उपयोगी द्वार खुला है, और विरोधी बहुत से हैं" (1 कुरिन्थियों 16:8-9)। पौलुस ने अपनी मसीही सेवकाई में औरों को भी उनकी प्रार्थनाओं के द्वारा संभागी कर लिया, क्योंकि वह उनसे निवेदन करता था कि वे उसके लिए प्रार्थना करें जिससे वह मसीह के सुसमाचार को स्पष्टता से बता सके (कुलुस्सियों 4:3)।

   परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह आपको मसीही सेवकाई के लिए खुले द्वार दिखाए। जो आप देखने पाएंगे वह आपको भी चकित कर देगा। - डेनिस फिशर


परमेश्वर द्वार के एक ओर ’अवसर’ लिखता है और दूसरी ’उत्तरदायित्व’।

और इस के साथ ही साथ हमारे लिये भी प्रार्थना करते रहो, कि परमेश्वर हमारे लिये वचन सुनाने का ऐसा द्वार खोल दे, कि हम मसीह के उस भेद का वर्णन कर सकें जिस के कारण मैं कैद में हूं। - कुलुस्सियों 4:3 

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 16:1-12
1 Corinthians 16:1 अब उस चन्‍दे के विषय में जो पवित्र लोगों के लिये किया जाता है, जैसी आज्ञा मैं ने गलतिया की कलीसियाओं को दी, वैसा ही तुम भी करो। 
1 Corinthians 16:2 सप्‍ताह के पहिले दिन तुम में से हर एक अपनी आमदनी के अनुसार कुछ अपने पास रख छोड़ा करे, कि मेरे आने पर चन्‍दा न करना पड़े। 
1 Corinthians 16:3 और जब मैं आऊंगा, तो जिन्हें तुम चाहोगे उन्हें मैं चिट्ठियां देकर भेज दूंगा, कि तुम्हारा दान यरूशलेम पहुंचा दें। 
1 Corinthians 16:4 और यदि मेरा भी जाना उचित हुआ, तो वे मेरे साथ जाएंगे। 
1 Corinthians 16:5 और मैं मकिदुनिया हो कर तुम्हारे पास आऊंगा क्योंकि मुझे मकिदूनिया हो कर तो जाना ही है। 
1 Corinthians 16:6 परन्तु सम्भव है कि तुम्हारे यहां ही ठहर जाऊं और शरद ऋतु तुम्हारे यंहा काटूं, तब जिस ओर मेरा जाना हो, उस ओर तुम मुझे पहुंचा दो। 
1 Corinthians 16:7 क्योंकि मैं अब मार्ग में तुम से भेंट करना नहीं चाहता; परन्तु मुझे आशा है, कि यदि प्रभु चाहे तो कुछ समय तक तुम्हारे साथ रहूंगा। 
1 Corinthians 16:8 परन्तु मैं पेन्‍तिकुस्‍त तक इफिसुस में रहूंगा। 
1 Corinthians 16:9 क्योंकि मेरे लिये एक बड़ा और उपयोगी द्वार खुला है, और विरोधी बहुत से हैं।
1 Corinthians 16:10 यदि तीमुथियुस आ जाए, तो देखना, कि वह तुम्हारे यहां निडर रहे; क्योंकि वह मेरी नाईं प्रभु का काम करता है। 
1 Corinthians 16:11 इसलिये कोई उसे तुच्‍छ न जाने, परन्तु उसे कुशल से इस ओर पहुंचा देना, कि मेरे पास आ जाए; क्योंकि मैं उस की बाट जोह रहा हूं, कि वह भाइयों के साथ आए। 
1 Corinthians 16:12 और भाई अपुल्लोस से मैं ने बहुत बिनती की है कि तुम्हारे पास भाइयों के साथ जाए; परन्तु उसने इस समय जाने की कुछ भी इच्छा न की, परन्तु जब अवसर पाएगा, तब आ जाएगा।

एक साल में बाइबल: 2 राजा 18-20