संसार की सबसे शक्तिशाली दूरबीनों में से एक ’ग्रैन टेलिस्कोपियो कैनरिस’ कैनरी द्वीप समूह के ला पालोमा में एक शान्त हो चुके ज्वालामुखी के शिखर पर स्थित है। इसका उद्घाटन सन २००९ में स्पेन के राजा कार्लोस ने किया था। इस दूरबीन से नक्षत्र और सितारे का बहुत ही स्पष्ट दिखाई देते हैं क्योंकि 7,870 फीट की ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यह बादलों के ऊपर है, वहाँ की हवा साफ और बिना नमी की है तथा हवा के प्रवाह में हलचल नहीं होती। भूमध्य रेखा के निकट स्थित होने के कारण खगोलशास्त्रियों के लिए इस दूरबीन से समस्त उत्तरी खगोलीय गोलार्ध तथा दक्षिणी खगोलीय गोलार्ध के कुछ भाग का अध्ययन करना संभव है।
प्रभु यीशु भी अपने चेलों को परमेश्वर को समर्पित जीवन के गुण सिखाने के लिए एक पहाड़ पर ले गए। वहाँ पर उन्होंने चेलों को सिखाया कि उनका व्यवहार उनके लिए परमेश्वर के दर्शन को निर्धारित करेगा। परमेश्वर को स्पष्ट जानने के लिए पहाड़ की नहीं वरन चरित्र और परमेश्वर की आज्ञाकारिता कि ऊँचाई आवश्यक है। प्रभु यीशु के उस पहाड़ी उपदेश में से एक वाक्य है: "धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे" (मत्ती 5:8)। यह उन थोड़े से लोगों के लिए नहीं है जो अपने प्रयासों से इसे संभव करना चाहते हैं, वरन उन सभी के लिए है जो दीन और नम्र होकर प्रभु यीशु को स्वीकार कर लेते हैं।
मन की शुद्धि उन्हीं के लिए संभव है जिनके पाप प्रभु यीशु में क्षमा हो गए हों। यह पाप क्षमा का अवसर आज भी संसार के सब लोगों के लिए परमेश्वर की ओर से सेंत-मेंत उपलब्ध है। परमेश्वर का संसार के सभी लोगों को आश्वासन है कि "यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है" (1 यूहन्ना 1:9)।
पहाड़ की ऊँचाई सितारों को देखने के लिए एक उत्तम स्थान है, लेकिन परमेश्वर के दर्शन के लिए पाप से क्षमा पाया हुआ तथा पाप से परिवर्तित हृदय चाहिए। क्या आपने परमेश्वर के आश्वासन को मानकर प्रभु यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार कर लिया है? - डेविड मैक्कैसलैंड
परमेश्वर के स्पष्ट दर्शन पाने के लिए प्रभु यीशु पर दृष्टि केंद्रित करें।
धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे। - मत्ती 5:8
बाइबल पाठ: मत्ती 5:1-12
Matthew 5:1 वह इस भीड़ को देखकर, पहाड़ पर चढ़ गया; और जब बैठ गया तो उसके चेले उसके पास आए।
Matthew 5:2 और वह अपना मुंह खोल कर उन्हें यह उपदेश देने लगा,
Matthew 5:3 धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
Matthew 5:4 धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे।
Matthew 5:5 धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
Matthew 5:6 धन्य हैं वे जो धर्म के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किये जाएंगे।
Matthew 5:7 धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।
Matthew 5:8 धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।
Matthew 5:9 धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे।
Matthew 5:10 धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
Matthew 5:11 धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण तुम्हारी निन्दा करें, और सताएं और झूठ बोल बोलकर तुम्हरो विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें।
Matthew 5:12 आनन्दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था।
एक साल में बाइबल:
- व्यवस्थाविवरण 17-19
- मरकुस 13:1-20