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रविवार, 8 मार्च 2015

टीम


   ओकलैण्ड एथेलेटिक्स ने सन 2002 में एक बड़े ही अपरंपरागत तरीके से विजयी बेसबॉल टीम बनाई। उन्होंने 2001 के पश्चात अपनी टीम के तीन प्रमुख खिलाड़ियों को खो दिया था, और उनके पास अन्य जाने-माने खिलाड़ियों को टीम में लेने के लिए पर्याप्त धन की घटी थी। इसलिए ओकलैण्ड टीम के महाप्रबंधक, बिली बीन ने कुछ उपेक्षित आँकड़ों पर ध्यान किया और कुछ ऐसे कम ख्याति प्राप्त खिलाड़ियों को एकत्रित किया जिन्हें अन्य टीमें या तो कम योग्यता वाले या फिर कम क्षमता वाले आँकते थे। ओकलैण्ड द्वारा जोड़-तोड़ करके बनाई गई यह टीम लगातार 20 गेम जीतती हुई अपने मण्डलीय खेलों में विजयी बनी तथा कुल 103 गेमों में विजयी रही!

   यह मुझे प्रभु यीशु द्वारा चुने गए चेलों की टीम की याद दिलाता है। उन चेलों की टीम में कोई विद्वान, ख्याति-प्राप्त या समाज के उच्च-वर्ग से संबंधित व्यक्ति नहीं था। प्रभु यीशु की टीम में थे गलील के रूखे अनपढ़ मछुवारे, एक उन्मादी व्यक्ति और लेवी (मत्ती) नाम का उपेक्षित चुंगी लेने वाला। इस टीम के इन लोगों के बारे में पढ़कर परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस द्वारा लिखी बात स्मरण हो आती है: "हे भाइयो, अपने बुलाए जाने को तो सोचो, कि न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान, और न बहुत सामर्थी, और न बहुत कुलीन बुलाए गए। परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञान वालों को लज्ज़ित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्ज़ित करे" (1 कुरिन्थियों 1:26-27)। परमेश्वर ने जगत द्वारा उपेक्षित परन्तु प्रभु यीशु के प्रति पूर्णतः समर्पित (यहूदा इस्करियोती को छोड़) इन व्यक्तियों को अपनी सामर्थ तथा ज्ञान से भरकर एक ऐसे अभियान के लिए प्रयोग किया जिसने सारे संसार को प्रभावित किया और हमेशा के लिए बदल डाला और आज भी यही कर रहा है।

   हम सब के लिए यहाँ एक महत्वपूर्ण सबक है: अकसर हम परिचित, प्रभावी, ख्याति-प्राप्त तथा समृद्ध लोगों को खोजते हैं और उनकी उपेक्षा करते हैं जो या तो कम हैसियत अथवा कुशलता रखते हैं, या जो किसी शारीरिक कमज़ोरी से ग्रसित हैं। लेकिन हमारे प्रभु ने उदाहरण द्वारा दिखा दिया कि समाज के उपेक्षित और कमज़ोर लोग भी उसके लिए उपयोगी हैं, वह उन्हें भी ऐसी सामर्थ से भर सकता है जो अलौकिक है, वह उनसे भी वह कार्य करवा सकता है जो संसार के सामर्थी और यशस्वी नहीं कर सकते।

   सांसारिक मापदण्डों और योग्यता परखने के पैमानों के आधार पर किसी को कभी कमतर नहीं आँकें। प्रभु यीशु के लिए सब समान हैं, वह सबसे प्रेम करता है, वह सबको सामर्थी बना सकता है, सबको अपनी महिमा के लिए प्रयोग कर सकता है। प्रभु यीशु का नज़रिया अपनाएं, सबको समान दृष्टि से देखें, सब को साथ लेकर प्रभु के लिए कार्य करें। - डेविड एग्नर


प्रभु यीशु की मण्डली में कोई महत्वहीन नहीं है।

क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे। - रोमियों 12:3

बाइबल पाठ: लूका 5:27-35
Luke 5:27 और इसके बाद वह बाहर गया, और लेवी नाम एक चुंगी लेने वाले को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा, और उस से कहा, मेरे पीछे हो ले। 
Luke 5:28 तब वह सब कुछ छोड़कर उठा, और उसके पीछे हो लिया। 
Luke 5:29 और लेवी ने अपने घर में उसके लिये बड़ी जेवनार की; और चुंगी लेने वालों की और औरों की जो उसके साथ भोजन करने बैठे थे एक बड़ी भीड़ थी। 
Luke 5:30 और फरीसी और उन के शास्त्री उस के चेलों से यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे, कि तुम चुंगी लेने वालों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो? 
Luke 5:31 यीशु ने उन को उत्तर दिया; कि वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये अवश्य है। 
Luke 5:32 मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूं। 
Luke 5:33 और उन्होंने उस से कहा, यूहन्ना के चेले तो बराबर उपवास रखते और प्रार्थना किया करते हैं, और वैसे ही फरीसियों के भी, परन्तु तेरे चेले तो खाते पीते हैं! 
Luke 5:34 यीशु ने उन से कहा; क्या तुम बरातियों से जब तक दूल्हा उन के साथ रहे, उपवास करवा सकते हो? 
Luke 5:35 परन्तु वे दिन आएंगे, जिन में दूल्हा उन से अलग किया जाएगा, तब वे उन दिनों में उपवास करेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 5-7
  • मरकुस 11:1-18