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सोमवार, 7 जनवरी 2019

संसाधन



      अगस्त 2010 में, सँसार का ध्यान चिली देश के कोपिआको इलाके में एक खान के साथ जुड़ी हुई घटनाओं पर लगा हुआ था। एक खान में हुई दुर्घटना के कारण, तैंतीस खनिक धरती की सतह से 2,300 फीट नीचे फंसे हुए थे। उन्हें कोई आशा नहीं थी कि कोई सहायता उन तक कभी पहुँचेगी भी कि नहीं। सत्रह दिनों की प्रतीक्षा के पश्चात, उन्होंने ड्रिल मशीन की आवाज़ सुनी और बचाव दल ने उस खान की सुरंग की छत में एक छेद बनाने में सफलता पा ली। उसके बाद तीन और छेद बनाए गए, जिससे उन फंसे हुए खनिकों को पानी, भोजन और दवाईयाँ पहुँचने का मार्ग बन गया। वे खनिक अब सतह के साथ संपर्क के उन छेदों पर निर्भर थे, जहाँ से उनके जीवन के लिए आवश्यक संसाधनों को पहुंचाया जा रहा था। अन्ततः उनहत्तरवें दिन उन में से अंतिम खनिक को बाहर निकाल लिया गया।

      इस सँसार में हम में से कोई भी, हमारी अपनी क्षमता और योग्यता से बाहर, परमेश्वर द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे संसाधनों के बिना जीवित नहीं रह सकता है। इस सृष्टि का सृष्टिकर्ता, परमेश्वर, ही सँसार के प्रत्येक व्यक्ति को हमारी आवश्यकता की प्रत्येक वस्तु उपलब्ध करवाता है। जैसे उन खनिकों के लिए वे छेद आवश्यक वस्तुओं के लिए संपर्क माध्यम थे, हम मसीही विश्वासियों के लिए प्रार्थना परमेश्वर से हमारे संपर्क का साधन है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों को प्रोत्साहित किया कि वे परमेश्वर से प्रार्थना करें, हर बात के लिए, अपनी प्रतिदिन की रोटी के लिए भी (मत्ती 6:11)। जैसे आज, वैसे ही उस समय भी रोटी जीवन का बुनियादी संसाधन थी, और लोगों की दैनिक आवश्यकताओं को चित्रित करती थी। प्रभु यीशु की यह शिक्षा न केवल प्रतिदिन के भोजन के लिए थी, वरन हमारी सभी भौतिक आवश्यकताओं, आराम, चंगाई, साहस, बुद्धिमता आदि के लिए भी थी।

      प्रार्थना के द्वारा हम कभी भी परमेश्वर तक पहुँच सकते हैं, और अपनी बात उसके समक्ष रख सकते हैं। यद्यपि वह हमारे माँगने से पहले जानता है कि हमें किस वस्तु की आवश्यकता है, परन्तु फिर भी वह हम से बात करना चाहता है, हमारी सुनना चाहता है। आज आप किस बात को लेकर परेशान हैं? निःसंकोच प्रभु परमेश्वर के पास जाईए और उससे कहिए; “जितने यहोवा को पुकारते हैं, अर्थात जितने उसको सच्चाई से पुकारते हें; उन सभों के वह निकट रहता है” (भजन 145:18); उसके संसाधन आपके लिए उपलब्ध हैं। - बिल क्राउडर


प्रार्थना विश्वास की आवाज़ है, इस भरोसे पर कि परमेश्वर जानता है और देखभाल करता है।

जिस से तुम अपने स्‍वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है। - मत्ती 5:45

बाइबल पाठ: मत्ती :6:9-15
Matthew 6:9 सो तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो; “हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए।
Matthew 6:10 तेरा राज्य आए; तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो।
Matthew 6:11 हमारी दिन भर की रोटी आज हमें दे।
Matthew 6:12 और जिस प्रकार हम ने अपने अपराधियों को क्षमा किया है, वैसे ही तू भी हमारे अपराधों को क्षमा कर।
Matthew 6:13 और हमें परीक्षा में न ला, परन्तु बुराई से बचा; क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं।आमीन।
Matthew 6:14 इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा।
Matthew 6:15 और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 18-19
  • मत्ती 6:1-18