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बुधवार, 30 मई 2018

प्रत्युत्तर


   मेरी सहेली, मिर्ना, यात्रा के लिए विदेश गई हुई थी, और आराधना सभा में सम्मिलित होने के लिए वहाँ के एक स्थानीय चर्च में गई। उसने ध्यान किया कि चर्च में प्रवेश करने से पहले लोग चर्च की ओर पीठ करके घुटने टेकते और प्रार्थना करते तब ही चर्च में प्रवेश करते थे। पता करने पर मेरी सहेली को ज्ञात हुआ कि पहले परमेश्वर के सामने अपने पापों का अंगीकार करके ही लोग आराधना के लिए चर्च में प्रवेश करते थे।

   दीनता और नम्रता का यह प्रतिरूप, परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद द्वारा भजन 51 में लिखी बात को स्मरण दिलाता है: “टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता” (पद 17)। इस भजन में दाऊद बतशीबा के साथ किए गए व्यभिचार के पाप के विषय अपने पश्चाताप और ग्लानि को व्यक्त कर रहा था। पाप के विषय सच्ची ग्लानि और दुःख मानने का अर्थ है, पाप को परमेश्वर के दृष्टिकोण से देखना – पूर्णतः गलत, उससे घृणा करना और उसमें बने रहने से इन्कार करना।

   जब हम अपने पाप के लिए वास्तव में पश्चातापी होते हैं, उसके कारण टूट कर परमेश्वर के सामने क्षमा याचना के साथ आ जाते हैं, तब परमेश्वर अपने बड़े प्रेम में होकर हमें क्षमा भी करता है और बहाल भी: “यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है” (1 यूहन्ना 1:9)। परमेश्वर पिता से मिली यह क्षमा हमें उसके सामने और अधिक खुले मन से जाने और अपने आप को व्यक्त करने की प्रेरणा देती है, और सच्ची आराधना का स्त्रोत बन जाती है। अपने पाप का अंगीकार, पश्चाताप, तथा परमेश्वर से क्षमा प्राप्त करने के पश्चात दाऊद का प्रत्युत्तर था: “हे प्रभु, मेरा मुंह खोल दे तब मैं तेरा गुणानुवाद कर सकूंगा” (भजन 51:15)।

   परमेश्वर की पवित्रता तथा प्रेम के प्रति हमारी दीनता और नम्रता ही सही प्रत्युत्तर है; और उससे मिलने वाली क्षमा तथा बहाली के लिए मन से निकली आराधना सही प्रत्युत्तर है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


आराधना मुक्त की गई आत्मा का गीत है।

क्योंकि परमेश्वर-भक्ति का शोक ऐसा पश्‍चाताप उत्पन्न करता है जिस का परिणाम उद्धार है और फिर उस से पछताना नहीं पड़ता: परन्तु संसारी शोक मृत्यु उत्पन्न करता है। - 2 कुरिन्थियों 7:10

बाइबल पाठ: भजन 51: 6-17
Psalms 51:6 देख, तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है; और मेरे मन ही में ज्ञान सिखाएगा।
Psalms 51:7 जूफा से मुझे शुद्ध कर, तो मैं पवित्र हो जाऊंगा; मुझे धो, और मैं हिम से भी अधिक श्वेत बनूंगा।
Psalms 51:8 मुझे हर्ष और आनन्द की बातें सुना, जिस से जो हडि्डयां तू ने तोड़ डाली हैं वह मगन हो जाएं।
Psalms 51:9 अपना मुख मेरे पापों की ओर से फेर ले, और मेरे सारे अधर्म के कामों को मिटा डाल।
Psalms 51:10 हे परमेश्वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्पन्न कर।
Psalms 51:11 मुझे अपने साम्हने से निकाल न दे, और अपने पवित्र आत्मा को मुझ से अलग न कर।
Psalms 51:12 अपने किए हुए उद्धार का हर्ष मुझे फिर से दे, और उदार आत्मा देकर मुझे सम्भाल।
Psalms 51:13 तब मैं अपराधियों को तेरा मार्ग सिखाऊंगा, और पापी तेरी ओर फिरेंगे।
Psalms 51:14 हे परमेश्वर, हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर, मुझे हत्या के अपराध से छुड़ा ले, तब मैं तेरे धर्म का जयजयकार करने पाऊंगा।
Psalms 51:15 हे प्रभु, मेरा मुंह खोल दे तब मैं तेरा गुणानुवाद कर सकूंगा।
Psalms 51:16 क्योंकि तू मेलबलि से प्रसन्न नहीं होता, नहीं तो मैं देता; होमबलि से भी तू प्रसन्न नहीं होता।
Psalms 51:17 टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।
                                                 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 इतिहास 10-12
  • यूहन्ना 11:30-57