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शनिवार, 15 अप्रैल 2017

जीवन वृक्ष


   हमारे घर के पीछे के आँगन में एक वृक्ष 20 वर्ष से भी अधिक तक लगा रहा। उसकी छाँव में खेलते हुए हमारे चारों बच्चों का बचपन बीता, और उससे आस-पास की गिलहरियों को आश्रय स्थल मिला। परन्तु एक शरद ऋतु के बाद जब बसन्त आने पर उसमें पत्ते नहीं आए, तो हम जान गए कि अब उसके काटे जाने का समय आ गया है। उस वृक्ष को काटने के लिए मैं एक सपताह तक प्रतिदिन मेहनत करता रहा - पहले उसे गिराने के लिए, और फिर उसे ऐसे टुकड़ों में काटने के लिए जिन्हें संभाला जा सके। यह सब करते हुए मुझे बहुत समय मिला कि मैं वृक्षों के बारे में सोच-विचार कर सकूँ।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में वृक्षों के बारे में जो लिखा गया है, उस पर भी मैंने विचार किया। पहला वृक्ष वह था जिस पर वह वर्जित फल लगा था, जिसे खाने के लिए परमेश्वर ने आदम और हव्वा को मना किया था, परन्तु वे उसे खाने के प्रलोभन से अपने आप को रोक नहीं सके (उत्पत्ति 3:6), और उनकी इस अनाज्ञाकारिता ने पाप को संसार में प्रवेश दिया। परमेश्वर ने उस वृक्ष का प्रयोग उनकी वफादारी तथा विश्वासयोग्यता को परखने के लिए किया। फिर भजन 1 में भी वृक्ष का उल्लेख है, जो परमेश्वर के साथ भक्ति का जीवन बिताने से होने वाले फलदायी जीवन को दिखाता है। नीतिवचन 3:18 में बुध्दि को जीवन का वृक्ष कहा गया है।

   परन्तु बाइबल का सबसे महत्वपूर्ण वृक्ष वह है जिससे कलवरी का वह क्रूस बनाया गया जिस पर प्रभु यीशु को टाँगा गया, जहाँ उन्होंने अपना बलिदान दिया। उस वृक्ष पर हमारा तथा समस्त जगत का उध्दारकर्ता पृथ्वी और आकाश के मध्य टाँगा गया; सारे संसार की सभी पीढ़ीयों, भूत, वर्तमान तथा भविष्य, के सभी लोगों के सभी पापों को लिए हुए वह बलिदान हो गया। वह वृक्ष अनन्तकाल के लिए, सारे संसार के लिए प्रभु परमेश्वर के प्रेम, बलिदान, और उध्दार का चिन्ह बन गया। प्रभु यीशु की उस अत्यंत पीड़ादायक तथा वीभ्तस मृत्यु का स्थान, वह वृक्ष, आज सारे संसार के सभी लोगों के लिए जीवन का वृक्ष है; क्योंकि वहाँ दिए गए प्रभु यीशु के बलिदान से सारे संसार के सभी लोगों के लिए अनन्त जीवन का मार्ग खुल गया। - डेव ब्रैनन


मसीह का क्रूस मनुष्य के पाप की निकृष्टतम स्थिति का, 
तथा परमेश्वर के प्रेम की पराकाष्ठा का प्रतीक है।

वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिये हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए। - 1 पतरस 2:24

बाइबल पाठ: मत्ती 27:27-35
Matthew 27:27 तब हाकिम के सिपाहियों ने यीशु को किले में ले जा कर सारी पलटन उसके चहुं ओर इकट्ठी की। 
Matthew 27:28 और उसके कपड़े उतारकर उसे किरिमजी बागा पहिनाया। 
Matthew 27:29 और काटों को मुकुट गूंथकर उसके सिर पर रखा; और उसके दाहिने हाथ में सरकण्‍डा दिया और उसके आगे घुटने टेककर उसे ठट्ठे में उड़ाने लगे, कि हे यहूदियों के राजा नमस्‍कार। 
Matthew 27:30 और उस पर थूका; और वही सरकण्‍डा ले कर उसके सिर पर मारने लगे। 
Matthew 27:31 जब वे उसका ठट्ठा कर चुके, तो वह बागा उस पर से उतारकर फिर उसी के कपड़े उसे पहिनाए, और क्रूस पर चढ़ाने के लिये ले चले।
Matthew 27:32 बाहर जाते हुए उन्हें शमौन नाम एक कुरेनी मनुष्य मिला, उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा कि उसका क्रूस उठा ले चले। 
Matthew 27:33 और उस स्थान पर जो गुलगुता नाम की जगह अर्थात खोपड़ी का स्थान कहलाता है पहुंचकर। 
Matthew 27:34 उन्होंने पित्त मिलाया हुआ दाखरस उसे पीने को दिया, परन्तु उसने चखकर पीना न चाहा। 
Matthew 27:35 तब उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया; और चिट्ठियां डाल कर उसके कपड़े बांट लिए।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 27-29
  • लूका 13:1-22