वर्ष
1989 से बेघर और असहाय लोगों की सहायता करने वाली ‘गुड़ वर्क्स’ नामक एक संस्था के
कार्यकारी निर्देशक, कीयथ वस्सरमैन ने हर साल कुछ दिन ‘बेघर’ होकर रहने का
निर्णय लिया है, और रहते हैं। जिन लोगों की सेवा में उनकी संस्था लगी हुई
है, उनकी समस्याओं और परिस्थितियों की समझ को जानते और समझते रहने के लिए वे
सड़कों और गलियों में जाकर बेघर लोगों के साथ रहते हैं, और उनके हालात की समझा-बूझ
लेते हैं।
मैं
सोचती हूँ कि कीयथ वस्सरमैन द्वारा किया जाने वाला यह कार्य, उनकी यह सोच, क्या वही नहीं है
जो प्रभु यीशु ने हमारे लिए अपनाई है। वे सृष्टिकर्ता परमेश्वर हैं, किन्तु हम मनुष्यों
के उद्धार के लिए वे एक शिशु बनकर संसार में आए, शिशु के समान असहाय और
दुर्बल होकर रहे, साधारण मनुष्य के समान सब कुछ देखते और सहते हुए बड़े हुए, और वह
सब कुछ स्वयं भी अनुभव किया जिसका एक साधारण मनुष्य सामान्यतः करना पड़ता है। और
फिर अन्ततः, वे अपने ही शिष्य द्वारा धोखे से पकड़वाए गए और मनुष्यों के हाथों मारे भी गए,
ताकि हम परमेश्वर के साथ संबंध में आने का अनुभव कर सकें।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में इब्रानियों को लिखी पत्री का लेखक कहता है कि, “इसलिये जब कि लड़के मांस और लहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे” (इब्रानियों 2:14)। यद्यपि प्रभु यीशु स्वर्गदूतों
के भी सृष्टिकर्ता हैं (पद 9), फिर भी उन्होंने अपने आप को उन से भी छोटा कर लिया।
यद्यपि वे अमर हैं, फिर भी उन्होंने अपने आप को नश्वर मनुष्य बना लिया और
मृत्यु को सह लिया। यद्यपि वे सर्व-सामर्थी परमेश्वर हैं, फिर भी उन्होंने हमारे लिए
हर प्रकार का दुःख सहा। उन्होंने यह सब क्यों किया? ताकि जब हम किसी परीक्षा
या प्रलोभन या परेशानी से होकर निकलें तो वे हमारी सहायता कर सकें, और हमारा
मेल-मिलाप परमेश्वर के साथ करवा सकें (आयतें 17-18)।
हम,
हमारे प्रति उनके इस प्रेम को समझ सकें; यह ध्यान में रखते हुए कि उन्हें हमारी परिस्थितियों
और अनुभवों की समझ है; और हमारी आवश्यकताओं की समझ रखते हुए ही उन्होंने हमारे लिए
पापों से छुटकारे का मार्ग बना कर दिया है। - एस्तेरा पिरोसका एस्कोबार
हे प्रभु यीशु, आपके जीवन, बलिदान, और
पुनरुत्थान के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
जैसा मसीह यीशु का स्वभाव था वैसा ही तुम्हारा
भी स्वभाव हो। जिसने परमेश्वर के स्वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने
वश में रखने की वस्तु न समझा। वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का
स्वरूप धारण किया,
और मनुष्य की समानता में हो गया। - फिलिप्पियों 2:5-7
बाइबल पाठ: इब्रानियों 2:9-18
इब्रानियों 2:9 पर हम यीशु को जो स्वर्गदूतों
से कुछ ही कम किया गया था,
मृत्यु का दुख उठाने के कारण महिमा और आदर का मुकुट पहने हुए
देखते हैं; ताकि परमेश्वर के अनुग्रह से हर एक मनुष्य के लिये मृत्यु का स्वाद चखे।
इब्रानियों 2:10 क्योंकि जिस के लिये सब
कुछ है, और जिस के द्वारा सब कुछ है,
उसे यही अच्छा लगा कि जब वह बहुत से पुत्रों को महिमा में पहुंचाए, तो उन के
उद्धार के कर्ता को दुख उठाने के द्वारा सिद्ध करे।
इब्रानियों 2:11 क्योंकि पवित्र करने वाला
और जो पवित्र किए जाते हैं,
सब एक ही मूल से हैं: इसी कारण वह उन्हें भाई कहने से नहीं लजाता।
इब्रानियों 2:12 पर कहता है, कि मैं तेरा
नाम अपने भाइयों को सुनाऊंगा,
सभा के बीच में मैं तेरा भजन गाऊंगा।
इब्रानियों 2:13 और फिर यह, कि मैं उस
पर भरोसा रखूंगा;
और फिर यह कि देख, मैं उन लड़कों सहित जिसे परमेश्वर ने मुझे दिए।
इब्रानियों 2:14 इसलिये जब कि लड़के मांस
और लहू के भागी हैं,
तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु
के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे।
इब्रानियों 2:15 और जितने मृत्यु के भय के
मारे जीवन भर दासत्व में फंसे थे, उन्हें छुड़ा ले।
इब्रानियों 2:16 क्योंकि वह तो स्वर्गदूतों
को नहीं वरन इब्राहीम के वंश को संभालता है।
इब्रानियों 2:17 इस कारण उसको चाहिए था, कि सब बातों
में अपने भाइयों के समान बने;
जिस से वह उन बातों में जो परमेश्वर से सम्बन्ध रखती हैं, एक दयालु
और विश्वास योग्य महायाजक बने ताकि लोगों के पापों के लिये प्रायश्चित्त करे।
इब्रानियों 2:18 क्योंकि जब उसने परीक्षा
की दशा में दुख उठाया,
तो वह उन की भी सहायता कर सकता है, जिन की परीक्षा
होती है।
एक साल में बाइबल:
- व्यवस्थाविवरण 20-22
- मरकुस 13:21-37