जॉन न्यूटन (1725-1807) को ब्रिटेन की राजकीय नौसेना की नौकरी से अनाज्ञाकारिता के कारण निकाल दिया गया और वह गुलामों के व्यापार से जुड़ गया। इस कुप्रथा के व्यापार के लिए एटलांटिक महासागर के इस पार से उस पार गुलामों को लाने-ले जाने वाले जलपोतों में काम करते समय जॉन न्यूटन गाली-गलौज से भरी भाषा तथा परमेश्वर के विरुद्ध निन्दाजनक बातें बोलते रहने के लिए कुख्यात हो गया था, और बढ़ते बढ़ते एक समुद्री जहाज़ का कप्तान भी बन गया। सन 1748 की एक ऐसी ही यात्रा में उसका जहाज़ डूबने की कगार पर आ गया, और उसने अपने जीवन की रक्षा के लिए प्रभु यीशु को पुकारा, तथा प्रभु के अनुग्रह से उसकी जान बच गई, जिसके बाद जॉन न्यूटन ने प्रभु यीशु को अपना जीवन समर्पित कर दिया।
इस नए जीवन तथा प्रभु के अनुग्रह पा लेने की अपनी अयोग्यता का एहसास उसे सारी उम्र बना रहा। वह एक प्रभावी मसीही प्रचारक बन गया और आगे चलकर दास-प्रथा के विरुद्ध खड़े होने वाले लोगों के आन्दोलन का एक अगुवा भी हुआ। न्यूटन ने ब्रिटेन की संसद के सामने दासों से संबंधित अपने अनुभवों और आँखों देखे दुर्व्यहार पर अकाट्य प्रमाण और इस कुप्रथा की अनैतिकता बयान भी दिए। अपने जीवन-परिवर्तन और मसीह यीशु का विश्वासी बनने के अनुभव पर आधारित लिखे भक्ति गीत Amazing Grace (अद्भुत अनुग्रह) के लिए न्यूटन आज भी जाना जाता है; उसका लिखा यह गीत आज भी सबसे लोकप्रीय मसीहि गीतों में से एक है।
इस परिवर्तन के पश्चात जीवन में आई सारी अच्छाई को न्यूटन ने परमेश्वर के अनुग्रह का परिणाम ही बताया। परमेश्वर के अनुग्रह पर उसका यह विश्वास परमेश्वर के वचन बाइबल के उन नायकों के विश्वास के समान ही है जो अपनी कमज़ोरियों और चरित्र के विकारों के बावजूद परमेश्वर के लिए उपयोगी पात्र बने और आज भी जिनके नाम आदर के साथ लिए जाते हैं, जैसे कि राजा दाऊद जो व्यभिचार और हत्या का दोषी था; प्रेरित पतरस जिसने प्रभु यीशु का चेला होने के बावजूद कायरता दिखाते हुए प्रभु का इन्कार किया; प्रेरित पौलुस, जो मसीही विश्वासियों को सताने वाला हुआ करता था, आदि।
परमेश्वर का जो विलक्षण अनुग्रह इन सभी और इनके जैसे अन्गिनित अन्य लोगों के जीवनों में कार्यकारी हुआ, जिस अनुग्रह ने उनके जीवनों को बदल कर बिलकुल नया, आदरणीय और अद्भुत बना दिया, वही अनुग्रह आज भी समस्त मानव जाति के हर व्यक्ति के लिए सदा सेंत-मेंत उपलब्ध है; न्यूटन के समान सच्चे हृदय से प्रभु यीशु को पुकारने, उससे अपने पापों के लिए क्षमा माँगने और उसे अपना जीवन समर्पित करने भर की ही देर है: "हम को उस में उसके लोहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है" (इफिसियों 1:7) और परमेश्वर हमारा मन, हमारा जीवन परिवर्तित कर देगा, अपनी आशीषों से भर देगा। - फिलिप यैन्सी
जो जीवन परमेश्वर के विलक्षण अनुग्रह में जड़वत हैं
वे परमेश्वर की निकटता से कभी उखाड़े नहीं जा सकते।
यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं। - 1 तिमुथियुस 1:15
बाइबल पाठ: इफिसियों 2:1-10
Ephesians 2:1 और उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।
Ephesians 2:2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है।
Ephesians 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे।
Ephesians 2:4 परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उसने हम से प्रेम किया।
Ephesians 2:5 जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है)।
Ephesians 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया।
Ephesians 2:7 कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए।
Ephesians 2:8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।
Ephesians 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे।
Ephesians 2:10 क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 7-8
- इफिसियों 2