जब हम गिरगिट की बात करते हैं, तो हमारा विचार
उसके रंग बदल लेने की क्षमता की ओर जाता है। परन्तु गिरगिट का एक और रोचक गुण है;
मैंने अनेकों अवसरों पर गिरगिट को चलते हुए देखा है और मैं अचरज करता हूँ कि वह
अपने गंतव्य तक पहुँच कैसे जाता है? चलने के लिए बड़े अनमने से भाव से वह एक पाँव
आगे बढाता है, फिर जैसे अपना मन बदलकर, एक और प्रयास करता है, और फिर बड़ी सावधानी
के साथ, हिचकिचाते हुए वह अपना पाँव धरती पर जमाता है, मानो उसे डर हो कि कहीं
उसके पाँव-तले से धरती सरक तो नहीं जाएगी। इसीलिए मेरी हंसी निकल गई जब मैंने किसी
को कहते हुए सुना, “गिरगिट के समान चर्च के सदस्य न बनो जो कहते हैं, ‘मैं आज चर्च
जाऊँगा; नहीं, मैं अगले सप्ताह चला जाऊँगा; नहीं, नहीं, मुझे थोड़ा रुक कर सोच लेने
दो!’”
यरूशलेम में “यहोवा का भवन” राजा दाऊद का उपासना
गृह था, और वह परमेश्वर की आराधना में कभी गिरगिट के समान अनिश्चित नहीं था; वरन “जब
लोगों ने मुझ से कहा, कि हम यहोवा के भवन को चलें,
तब मैं आनन्दित हुआ” (भजन
122:1)। यही बात प्रारंभिक मसीही विश्वासियों की मण्डली में भी पाई जाती थी। उनके
लिए परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा गया है “और वे प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने में और रोटी तोड़ने में और प्रार्थना करने में लौलीन रहे।...
और वे प्रति दिन एक मन हो कर मन्दिर में इकट्ठे होते थे...”
(प्रेरितों 2:42, 46)।
अन्य मसीही विश्वासियों के साथ मिलकर प्रभु
परमेश्वर की आराधना में और परस्पर संगति में सम्मिलित होने में कितना आनन्द होता
है। साथ मिलकर प्रार्थना और आराधना करना, साथ मिलकर पवित्र-शास्त्र का अध्ययन
करना, एक दूसरे की देखभाल करना आदि हमारी आत्मिक उन्नति के लिए आवश्यक और हमारे
परस्पर एकता के लिए अनिवार्य हैं। - लॉरेंस दरमानी
साथ
मिल कर आराधना करने से आनन्द और सामर्थ्य मिलते हैं।
और
एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना ने छोड़ें, जैसे कि कितनों की
रीति है, पर एक दूसरे को समझाते रहें; और
ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आते देखो, त्यों त्यों और भी
अधिक यह किया करो। - इब्रानियों 10:25
बाइबल
पाठ: प्रेरितों 2:41-47
Acts 2:41 सो जिन्हों ने उसका वचन ग्रहण किया उन्होंने बपतिस्मा लिया; और उसी दिन तीन हजार मनुष्यों के लगभग उन में मिल गए।
Acts 2:42 और वे प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने
में और रोटी तोड़ने में और प्रार्थना करने में लौलीन रहे।
Acts 2:43 और सब लोगों पर भय छा गया, और बहुत से अद्भुत
काम और चिन्ह प्रेरितों के द्वारा प्रगट होते थे।
Acts 2:44 और वे सब विश्वास करने वाले इकट्ठे रहते थे, और
उन की सब वस्तुएं साझे की थीं।
Acts 2:45 और वे अपनी अपनी सम्पत्ति और सामान बेच बेचकर जैसी जिस की आवश्यकता
होती थी बांट दिया करते थे।
Acts 2:46 और वे प्रति दिन एक मन हो कर मन्दिर में इकट्ठे होते थे, और घर घर रोटी तोड़ते हुए आनन्द और मन की सीधाई से भोजन किया करते थे।
Acts 2:47 और परमेश्वर की स्तुति करते थे, और सब लोग उन
से प्रसन्न थे: और जो उद्धार पाते थे, उन को प्रभु प्रति दिन
उन में मिला देता था।
एक
साल में बाइबल:
- 2 शमूएल 1-2
- लूका 14:1-24