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गुरुवार, 6 फ़रवरी 2020

आराधना



      “यह कैंसर है”; जब मेरी माँ ने वह शब्द कहे, तब मैं मन पक्का करने का प्रयास कर रही थी। परन्तु उनके शब्द सुनते ही मैं फूटफूट कर रोने लग गयी, क्योंकि ये वो शब्द हैं जिन्हें आप जीवन में कभी सुनना नहीं चाहते हैं, एक बार भी नहीं। और यह तो तीसरी बार था जब माँ को कैंसर से जूझना पड़ रहा था। एक सामान्य जांच के दौरान उन्हें पता चला था की उनकी बगल में एक गाँठ है, जिसकी आगे जांच से पता चला की वह कैंसर की गाँठ है।

      यद्यपि यह बुरी खबर माँ के लिए थी, परन्तु उन्हें ही मुझे सांत्वना देनी पड़ी। इस समाचार के लिए उनकी प्रतिक्रिया विस्मित करने वाली थी; उन्होंने कहा, “मैं जानती हूँ की परमेश्वर सदा ही मेरे प्रति भला रहता है। वह पूर्णतः विश्वास योग्य है।” आगे के इलाज के दौरान, जिसमें एक कठिन ऑप्रेशन तथा रेडिएशन लगवाना सम्मिलित थे, माँ को हमेशा परमेश्वर की उनके साथ उपस्थिति और विश्वासयोग्यता का एहसास बना रहा।

      यह सब परमेश्वर के वचन बाइबल में अय्यूब के समान है। अय्यूब को अपनी संपत्ति, बच्चों, और स्वास्थ्य से हाथ धोना पड़ा; परन्तु इन सब हानियों के बाद भी हम देखते हैं की दुखद समाचार सुनने के बाद भी, “अय्यूब उठा, और बागा फाड़, सिर मुंड़ाकर भूमि पर गिरा और दण्डवत्‌ कर के कहा” (अय्यूब 1:20)। जब उससे उसके पत्नी ने कहा कि अपनी इन परिस्थितियों को लेकर वह परमेश्वर को बुरा-भला कहे, तो अय्यूब ने कहा, “...तू एक मूढ़ स्त्री की सी बातें करती है, क्या हम जो परमेश्वर के हाथ से सुख लेते हैं, दु:ख न लें? इन सब बातों में भी अय्यूब ने अपने मुंह से कोई पाप नहीं किया” (2:10)। यह उसकी कैसी अद्भुत आरम्भिक प्रतिक्रिया थी। यद्यपि अय्यूब ने बाद में शिकायत तो की, किन्तु साथ ही उसने यह भी स्वीकार कर लिया कि परमेश्वर कभी नहीं बदलता है। अय्यूब जानता था की परमेश्वर हर समय उसके साथ है और हमेशा उसकी देखभाल करता रहता है।

      हम में से अधिकाँश के लिए, कठिनाईयों और विपरीत परिस्थितियों में, परमेश्वर की आराधना करना हमारी आरंभिक  प्रतिक्रियाओं में से नहीं होता है। कभी-कभी हमारी परिस्थितियों की पीड़ा इतना अभीभुतित कर देने वाली होती है की हम भय, क्रोध, और आवेश में बौखला उठते हैं, उलटा-सीधा बोल देते हैं। परन्तु अपनी माँ की प्रतिक्रिया को देखकर मुझे स्मरण आया कि परमेश्वर अभी भी उपस्थित है, अभी भी भला है, और हर परिस्थिति में हमारी सहायता करता है, हमें सांत्वना देता है।

      परमेश्वर हर परिस्थिति में आराधना के योग्य है।

अपनी सबसे कमज़ोर परिस्थिति में भी हम अपनी आँखें परमेश्वर की और उठा सकते हैं।

और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: अय्यूब 1:13-22
Job 1:13 एक दिन अय्यूब के बेटे-बेटियां बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पी रहे थे;
Job 1:14 तब एक दूत अय्यूब के पास आकर कहने लगा, हम तो बैलों से हल जोत रहे थे, और गदहियां उनके पास चर रही थी,
Job 1:15 कि शबा के लोग धावा कर के उन को ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
Job 1:16 वह अभी यह कह ही रहा था कि दूसरा भी आकर कहने लगा, कि परमेश्वर की आग आकाश से गिरी और उस से भेड़-बकरियां और सेवक जलकर भस्म हो गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
Job 1:17 वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, कि कसदी लोग तीन गोल बान्धकर ऊंटों पर धावा कर के उन्हें ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
Job 1:18 वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, तेरे बेटे-बेटियां बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पीते थे,
Job 1:19 कि जंगल की ओर से बड़ी प्रचण्ड वायु चली, और घर के चारों कोनों को ऐसा झोंका मारा, कि वह जवानों पर गिर पड़ा और वे मर गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
Job 1:20 तब अय्यूब उठा, और बागा फाड़, सिर मुंड़ाकर भूमि पर गिरा और दण्डवत्‌ कर के कहा,
Job 1:21 मैं अपनी मां के पेट से नंगा निकला और वहीं नंगा लौट जाऊंगा; यहोवा ने दिया और यहोवा ही ने लिया; यहोवा का नाम धन्य है।
Job 1:22 इन सब बातों में भी अय्यूब ने न तो पाप किया, और न परमेश्वर पर मूर्खता से दोष लगाया।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 39-40
  • मत्ती 23:23-39