मेरी
माँ के अंतिम दिनों में ये मेरा सौभाग्य था कि कैंसर के मरीजों की देखभाल करने
वाले केन्द्र में मैं उनके साथ रह सकी और उनकी देखरेख कर सकी। अपने सबसे कठिन
दिनों में भी वे प्रतिदिन बिस्तर से निकलने से पहले परमेश्वर के वचन बाइबल को पढ़ा
करती थीं और दूसरों के लिए प्रार्थना किया करती थीं। वे इस प्रकार से प्रतिदिन
प्रभु यीशु के साथ समय बिताया करती थीं, और अपने मसीही विश्वास को परमेश्वर पर
निर्भर रहने, अपने भले कार्यों, तथा दूसरों को प्रोत्साहित करने और उनके लिए
प्रार्थनाएँ करने के द्वारा प्रमाणित किया करती थीं। उन्हें इस बात का कुछ पता नहीं
था कि उनका चेहरा प्रभु के प्रेमपूर्ण अनुग्रह से कितना दमकता था जब वे उनके आस-पास
के लोगों के साथ परमेश्वर के प्रेम को बाँटती रहती थीं। वे ऐसा उस दिन तक करती
रहीं जब तक कि प्रभु ने उन्हें अपने पास स्वर्ग नहीं बुला लिया।
बाइबल
में हम देखते हैं कि जब मूसा परमेश्वर के साथ चालीस दिन और चालीस रात समय बिता कर,
सीनै पर्वत से उतरकर आया, तो उसे स्वयँ नहीं पता था कि उसके चहरे पर एक चमक आ गई
थी (निर्गमन 34:28-29)। परन्तु उसके रूप को देखकर इस्राएली यह कह सकते थे कि मूसा
ने परमेश्वर के साथ संगति में समय बिताया है (पद 30-32)। वह परमेश्वर के साथ इसी
प्रकार से समय बिताता रहा और लोगों को प्रभावित करता रहा (पद 33-35)।
हम
चाहे स्वयँ यह न देखने पाएँ कि परमेश्वर के साथ संगति में रहने से हमारे अन्दर
क्या परिवर्तन आ रहा है, और चाहे हमारे अन्दर आना वाला यह परिवर्तन मूसा में आए उस
परिवर्तन के समान कदापि न हो; परन्तु जब हम परमेश्वर के साथ समय बिताएंगे, और अपने
जीवन उसे दिन-प्रतिदिन अधिकाधिक समर्पित करते रहेंगे, तो हम भी अपने जीवनों तथा
व्यवहार के द्वारा परमेश्वर के प्रेम को प्रतिबिंबित करेंगे। हमारे जीवन और
व्यवहार में आने वाले इस परिवर्तन के प्रमाण के द्वारा परमेश्वर औरों को प्रभावित
करेगा, तथा उन्हें अपनी ओर आकर्षित करेगा। - जोशील डिक्सन
परमेश्वर के साथ बिताया गया समय हमें
बदलेगा, तथा दूसरों को उसकी ओर आकर्षति करेगा।
उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के
साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। - मत्ती 5:16
बाइबल पाठ: निर्गमन 34:28-35
Exodus 34:28 मूसा तो वहां यहोवा के संग
चालीस दिन और रात रहा; और तब तक न तो उसने रोटी खाई और न पानी
पिया। और उसने उन तख्तियों पर वाचा के वचन अर्थात दस आज्ञाएं लिख दीं।
Exodus 34:29 जब मूसा साक्षी की दोनों
तख्तियां हाथ में लिये हुए सीनै पर्वत से उतरा आता था तब यहोवा के साथ बातें करने
के कारण उसके चेहरे से किरणें निकल रही थी।, परन्तु वह यह
नहीं जानता था कि उसके चेहरे से किरणें निकल रही हैं।
Exodus 34:30 जब हारून और सब इस्त्राएलियों
ने मूसा को देखा कि उसके चेहरे से किरणें निकलती हैं, तब वे
उसके पास जाने से डर गए।
Exodus 34:31 तब मूसा ने उन को बुलाया;
और हारून मण्डली के सारे प्रधानों समेत उसके पास आया, और मूसा उन से बातें करने लगा।
Exodus 34:32 इसके बाद सब इस्त्राएली पास
आए, और जितनी आज्ञाएं यहोवा ने सीनै पर्वत पर उसके साथ बात
करने के समय दी थीं, वे सब उसने उन्हें बताईं।
Exodus 34:33 जब तक मूसा उन से बात न कर
चुका तब तक अपने मुंह पर ओढ़ना डाले रहा।
Exodus 34:34 और जब जब मूसा भीतर यहोवा से
बात करने को उसके साम्हने जाता तब तब वह उस ओढ़नी को निकलते समय तक उतारे हुए रहता
था; फिर बाहर आकर जो जो आज्ञा उसे मिलती उन्हें
इस्त्राएलियों से कह देता था।
Exodus 34:35 सो इस्त्राएली मूसा का चेहरा
देखते थे कि उस से किरणें निकलती हैं; और जब तक वह यहोवा से
बात करने को भीतर न जाता तब तक वह उस ओढ़नी को डाले रहता था।
एक साल में बाइबल:
- भजन 70-71
- रोमियों 8:22-39