ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 18 जुलाई 2018

भरोसा



      मुझे पक्षियों और उनकी गतिविधियों को देखना अच्छा लगता है। मेरी यह रुचि घाना देश में जंगल में स्थित गाँव में, जहाँ मैं बड़ा हुआ था, विकसित हुई थी। अब जहाँ शहर में मैं रहता हूँ वहाँ मैंने हाल ही में कुछ कौवों का रोचक व्यवहार देखा। उड़ते हुए वे विश्राम के लिए एक ऐसे पेड़ की ओर जाते थे जिसके सारे पत्ते झड़ चुके थे। परन्तु किसी मजबूत डाली पर बैठने की बजाए वे सूखी और कमज़ोर डालियों पर जाकर बैठ जाते थे, जो शीघ्र ही झुक या टूट जाती थीं, और उन्हें खतरे से बचने के लिए फिर से उड़ना पड़ता था। प्रत्यक्षतः उनमें यह समझ नहीं थी कि मोटी डालियाँ अधिक सुरक्षित विश्राम स्थान हैं।

      हमारा क्या हाल है? हम अपने भरोसे को किस पर आधारित करते हैं? परमेश्वर के वचन, बाइबल में, दाऊद ने भजन 20:7 में लिखा, “किसी को रथों को, और किसी को घोड़ों का भरोसा है, परन्तु हम तो अपने परमेश्वर यहोवा ही का नाम लेंगे” रथ और घोड़े भौतिक तथा मानवीय सहयाता के आधार को दिखाते हैं। ये दैनिक जीवन में उपयोगी तथा आवश्यक वस्तुओं के प्रतिरूप तो हैं, परन्तु इनसे संकट के समय में हमें सुरक्षा नहीं मिलती है। यदि हमारा भरोसा सांसारिक वस्तुओं, व्यक्तियों, या धन-संपत्ति पर रहता है तो हम पाएँगे कि जैसे उन कौवों के पैरों तले वे डालियाँ टूट जाती थीं, हमारे ये नश्वर सांसारिक आधार भी संकट के समय में अपर्याप्त रहेंगे, हमें संभाल नहीं पाएँगे।

      जो रथों और घोड़ों पर भरोसा करते हैं, उन्हें झुका कर गिराया जा सकता है, परन्तु जो वास्तव में जीवते सच्चे प्रभु परमेश्वर पर भरोसा रखते हैं, उसे समर्पित एवं उसकी आज्ञाकारिता का जीवन व्यतीत करते हैं, वे सदा स्थिर और अडिग खड़े रहेंगे। - लॉरेंस दरमानी


इस बदलते रहने वाले सँसार में हम 
कभी न बदलने वाले प्रभु परमेश्वर पर भरोसा कर सकते हैं।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:31

बाइबल पाठ: भजन 20
Psalms 20:1 संकट के दिन यहोवा तेरी सुन ले! याकूब के परमेश्वर का नाम तुझे ऊंचे स्थान पर नियुक्त करे!
Psalms 20:2 वह पवित्र स्थान से तेरी सहायता करे, और सिय्योन से तुझे सम्भाल ले!
Psalms 20:3 वह तेरे सब अन्नबलियों को स्मरण करे, और तेरे होमबलि को ग्रहण करे।
Psalms 20:4 वह तेरे मन की इच्छा को पूरी करे, और तेरी सारी युक्ति को सफल करे!
Psalms 20:5 तब हम तेरे उद्धार के कारण ऊंचे स्वर से हर्षित हो कर गाएंगे, और अपने परमेश्वर के नाम से झण्डे खड़े करेंगे। यहोवा तुझे मुंह मांगा वरदान दे।
Psalms 20:6 अब मैं जान गया कि यहोवा अपने अभिषिक्त का उद्धार करता है; वह अपने दाहिने हाथ के उद्धार करने वाले पराक्रम से अपने पवित्र स्वर्ग पर से सुनकर उसे उत्तर देगा।
Psalms 20:7 किसी को रथों को, और किसी को घोड़ों का भरोसा है, परन्तु हम तो अपने परमेश्वर यहोवा ही का नाम लेंगे।
Psalms 20:8 वे तो झुक गए और गिर पड़े परन्तु हम उठे और सीधे खड़े हैं।
Psalms 20:9 हे यहोवा, बचा ले; जिस दिन हम पुकारें तो महाराजा हमें उत्तर दे।
     

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 20-22
  • प्रेरितों 21:1-17