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मंगलवार, 31 जनवरी 2017

द्वार


   ट्रेन चलने को थी; ट्रेन के बन्द होते द्वारों की सूचक ध्वनि बजनी आरंभ हो गई थी। लेकिन फिर भी विलंब से आने वाले कुछ लोग भागकर ट्रेन में चढ़ने का प्रयास करने लगे; उनमें से एक के ऊपर द्वार बन्द भी हुआ, परन्तु उससे टकराकर द्वार फिर से खुल गया, और वह यात्री सुरक्षित ट्रेन के अन्दर आ गया। मैं सोचने लगा कि लोग इतना जोखिम क्यों उठाते हैं जब कि इस से अगली ट्रेन मात्र 4 मिनट में आने वाली थी।

   लेकिन एक द्वार है जो कभी भी, बिना किसी चेतावनी के, सदा के लिए बन्द हो जाएगा और किसी के लिए किसी भी परिस्थिति में फिर कभी नहीं खुलेगा - परमेश्वर के अनुग्रह का द्वार। समस्त मानव जाति को उनके पापों की क्षमा प्रदान करने तथा उन्हें सेंत-मेंत उद्धार का मार्ग देने के लिए परमेश्वर ने प्रभु यीशु मसीह को संसार में भेजा और उन्होंने यह कार्य पूरा करके आज सबके लिए यह मार्ग तैयार करके दे दिया है। अब इसे स्वीकार करना और इसपर अग्रसर होना यह प्रत्येक व्यक्ति का अपना निर्णय है; लेकिन परमेश्वर के इस अनुग्रह का द्वार आज सब के लिए खुला है, उसका निमंत्रण सबके लिए है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने लिखा है, "...देखो, अभी वह प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी उद्धार का दिन है" (2 कुरिन्थियों 6:2)।

   प्रभु यीशु मसीह ने यह भी बताया कि उनके दूसरे आगमन और अनुग्रह के द्वार के बन्द होने से पहले क्या चिन्ह होंगे (मत्ती 24); और आज हम अपनी आँखों के सामने उन बातों को पूरा होते देख रहे हैं, जो इस द्वार के बन्द होने का समय पूरा होने के सूचक हैं। इसलिए यह निश्चित है कि अनुग्रह का यह समय कभी भी पूरा हो जाएगा, द्वार बन्द हो जाएगा, और संसार अपने न्याय के लिए खड़ा किया जाएगा। जिन्होंने प्रभु यीशु मसीह में विश्वास किया और उससे अपने पापों की क्षमा माँगकर अपना जीवन उसे समर्पित किया है, उन्हें प्रभु यीशु कहेगा, "तब राजा अपनी दाहिनी ओर वालों से कहेगा, हे मेरे पिता के धन्य लोगों, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है" (मत्ती 25:34), परन्तु शेष सभी उसके पास से अनन्त विनाश में चले जाएंगे, "तब वह बाईं ओर वालों से कहेगा, हे श्रापित लोगो, मेरे साम्हने से उस अनन्त आग में चले जाओ, जो शैतान और उसके दूतों के लिये तैयार की गई है" (मत्ती 25:41)।

   प्रभु यीशु मसीह के निमंत्रण और कार्य के प्रति हमारा प्रत्युत्तर हमारे अनन्तकाल को निर्धारित करता है। प्रभु यीशु ने कहा: "द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा" (यूहन्ना 10:9); तथा, "यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता" (यूहन्ना 14:6); और उसका यह निमंत्रण आज आपके लिए खुला है। इससे पहले कि द्वार सदा के लिए बन्द हो जाए, परमेश्वर के अनुग्रह का लाभ उठाएं और अपना अनन्तकाल सुनिश्चित कर लें। - पोह फैंग चिया


परमेश्वर के परिवार में सम्मिलित होने के लिए आज के दिन से अच्छा और कोई समय नहीं है।

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:14-6:2
2 Corinthians 5:14 क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। 
2 Corinthians 5:15 और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। 
2 Corinthians 5:16 सो अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे, और यदि हम ने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तौभी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे। 
2 Corinthians 5:17 सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। 
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है। 
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। 
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।
2 Corinthians 6:1 और हम जो उसके सहकर्मी हैं यह भी समझाते हैं, कि परमेश्वर का अनुग्रह जो तुम पर हुआ, व्यर्थ न रहने दो। 
2 Corinthians 6:2 क्योंकि वह तो कहता है, कि अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैं ने तेरी सहायता की: देखो, अभी वह प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी उद्धार का दिन है।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 25-26
  • मत्ती 20:17-34