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शुक्रवार, 12 अप्रैल 2013

संकेत


   मेरे पति जे और मैं कार से जे के पिता से मिलने निकले जो दक्षिण कैरोलाइना में रहते थे। मार्ग अच्छा था और हम बिना किसी परेशानी के बढ़ते जा रहे थे। जब हम टेनिस्सी के मनोहर पहाड़ी रास्ते से होकर निकलने लगे तो कुछ समय पश्चात मुझे मार्ग के किनारे लगे संकेत दिखने आरंभ हो गए जो इस मार्ग को छोड़कर दूसरे मार्ग की ओर जाने को कह रहे थे। लेकिन जे फिर भी उसी मार्ग पर चलते जा रहे थे, इसलिए मैंने भी यह मान लिया कि ये संकेत हमारे लिए नहीं हैं, उन संकेतों के निर्देश हम पर लागू नहीं होते। लेकिन उत्तरी कैरोलाइना की सीमा के निकट आते आते मार्ग रुका हुआ मिला और वहां लिखा था कि आगे पहाड़ी मलबा गिरने के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गया है। जे को बड़ा आश्चर्य हुआ और उन्होंने क्षुब्ध होकर कहा, "पहले से ही इसके संकेत क्यों नहीं दीए गए? अब कितना पीछे जाकर मार्ग बदलना पड़ेगा।" मैंने कहा, "तुमने देखा नहीं; मार्ग में तो बहुत से संकेत लगे हुए थे!" तो जे बोले, "नहीं, मैंने संकेतों की ओर ध्यान नहीं दिया; लेकिन तुमने मुझे क्यों नहीं बताया?" मेरा उत्तर था, "मैंने समझा तुम देख रहे हो और सही मार्ग जानते हो।" अब हम यह घटना अपने मित्रों को एक मनोरंजक कहानी के रूप में सुनाते हैं।

   लेकिन इस जीवन से आने वाले अनन्त जीवन को ले जाने वाले सही मार्ग के चुनाव के संकेतों की अनदेखी कोई मनोरंजक घटना नहीं होगी और ना ही फिर कोई वापसी का मार्ग होगा। मानव जाति के संपूर्ण इतिहास में परमेश्वर सभी लोगों को एक के बाद एक अनेक संकेत देता आया है कि सही मार्ग कौन सा है और किस पर उन्हें चलना चाहिए, लेकिन अधिकांश लोग उन संकेतों की अन्देखी कर के अपने ही बनाए और चुने मार्ग पर चलते जा रहे हैं।

   परमेश्वर ने अपने पुत्र प्रभु यीशु मसीह को समस्त मानव जाति के लिए पापों की क्षमा, उद्धार और अनन्त जीवन का मार्ग बनाकर दिया। अपने जीवन काल के समय में वह इस्त्राएल के लिए एक चिन्ह और संकेत थे (लूका 11:30)। किंतु इस्त्राएल के धार्मिक अगुवों ने उनकी चेतावनियों की अनदेखी करी और अपनी गलती के बारे में सुनना नहीं चाहा (पद 43, 45)। प्रभु यीशु ने संसार के अन्त और मानव जाति के न्याय के संबंध में भी अनेक चिन्ह बताए जो आज हमारे समय में एक के बाद एक पूरे होते जा रहे हैं। यह दिखाता है कि प्रभु यीशु का दूसरा आगमन और संसार का न्याय बहुत निकट है; पापों से पश्चाताप और उद्धार पाने का समय अब थोड़ा ही रह गया है।

   आज हम भी ऐसे ही हो सकते हैं। जब सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा होता है तो हम गलत मार्ग से सही मार्ग पर आने की चेतावनी संकेतों की अनदेखी करते रहते हैं। मार्ग का सुगम, तथा बाहरी दृश्य का मनोहर होना भी इस बात का निश्चय नहीं है कि मार्ग सही है। संकेतों की अनदेखी ना करें, चिन्हों पर ध्यान दें और उन्हें पहचाने, हाथ से निकला अवसर फिर नहीं मिलेगा। प्रभु यीशु आज एक प्रेमी उद्धारकर्ता के रूप में आपको बुला रहा है; ना हो कि उससे आपकी अगली मुलाकात संसार के न्यायी के रूप में हो। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर अपनी चेतावनियां हमें दण्डित करने के लिए नहीं, हमें सुरक्षित रखने के लिए देता है।

जैसा यूनुस नीनवे के लोगों के लिये चिन्ह ठहरा, वैसा ही मनुष्य का पुत्र भी इस युग के लोगों के लिये ठहरेगा। - लूका 11:30 

बाइबल पाठ: लूका 11:29-45
Luke 11:29 जब बड़ी भीड़ इकट्ठी होती जाती थी तो वह कहने लगा; कि इस युग के लोग बुरे हैं; वे चिन्ह ढूंढ़ते हैं; पर यूनुस के चिन्ह को छोड़ कोई और चिन्ह उन्हें न दिया जाएगा।
Luke 11:30 जैसा यूनुस नीनवे के लोगों के लिये चिन्ह ठहरा, वैसा ही मनुष्य का पुत्र भी इस युग के लोगों के लिये ठहरेगा।
Luke 11:31 दक्‍खिन की रानी न्याय के दिन इस समय के मनुष्यों के साथ उठ कर, उन्हें दोषी ठहराएगी, क्योंकि वह सुलैमान का ज्ञान सुनने को पृथ्वी की छोर से आई, और देखो यहां वह है जो सुलैमान से भी बड़ा है।
Luke 11:32 नीनवे के लोग न्याय के दिन इस समय के लोगों के साथ खड़े हो कर, उन्हें दोषी ठहराएंगे; क्योंकि उन्होंने यूनुस का प्रचार सुनकर मन फिराया और देखो, यहां वह है, जो यूनुस से भी बड़ा है।
Luke 11:33 कोई मनुष्य दीया बार के तलघरे में, या पैमाने के नीचे नहीं रखता, परन्तु दीवट पर रखता है कि भीतर आने वाले उजियाला पाएं।
Luke 11:34 तेरे शरीर का दीया तेरी आंख है, इसलिये जब तेरी आंख निर्मल है, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला है; परन्तु जब वह बुरी है, तो तेरा शरीर भी अन्‍धेरा है।
Luke 11:35 इसलिये चौकस रहना, कि जो उजियाला तुझ में है वह अन्‍धेरा न हो जाए।
Luke 11:36 इसलिये यदि तेरा सारा शरीर उजियाला हो, ओर उसका कोई भाग अन्‍धेरा न रहे, तो सब का सब ऐसा उलियाला होगा, जैसा उस समय होता है, जब दीया अपनी चमक से तुझे उजाला देता है।
Luke 11:37 जब वह बातें कर रहा था, तो किसी फरीसी ने उस से बिनती की, कि मेरे यहां भेजन कर; और वह भीतर जा कर भोजन करने बैठा।
Luke 11:38 फरीसी ने यह देखकर अचम्भा दिया कि उसने भोजन करने से पहिले स्‍नान नहीं किया।
Luke 11:39 प्रभु ने उस से कहा, हे फरीसियों, तुम कटोरे और थाली को ऊपर ऊपर तो मांजते हो, परन्तु तुम्हारे भीतर अन्‍धेर और दुष्‍टता भरी है।
Luke 11:40 हे निर्बुद्धियों, जिसने बाहर का भाग बनाया, क्या उसने भीतर का भाग नहीं बनाया?
Luke 11:41 परन्तु हां, भीतरवाली वस्‍तुओं को दान कर दो, तो देखो, सब कुछ तुम्हारे लिये शुद्ध हो जाएगा।
Luke 11:42 पर हे फरीसियों, तुम पर हाय! तुम पोदीने और सुदाब का, और सब भांति के साग-पात का दसवां अंश देते हो, परन्तु न्याय को और परमेश्वर के प्रेम को टाल देते हो: चाहिए तो था कि इन्हें भी करते रहते और उन्हें भी न छोड़ते।
Luke 11:43 हे फरीसियों, तुम पर हाय! तुम आराधनालयों में मुख्य मुख्य आसन और बाजारों में नमस्‍कार चाहते हो।
Luke 11:44 हाय तुम पर! क्योंकि तुम उन छिपी कब्रों के समान हो, जिन पर लोग चलते हैं, परन्तु नहीं जानते।
Luke 11:45 तब एक व्यवस्थापक ने उसको उत्तर दिया, कि हे गुरू, इन बातों के कहने से तू हमारी निन्‍दा करता है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 19-21
  • लूका 11:29-54