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गुरुवार, 15 अप्रैल 2021

मित्र

 

          घाना में, अपने बचपन के समय में मुझे अपने पिता का हाथ पकड़कर भीड़ वाले स्थानों में चलते हुए जाना और बातचीत करना बहुत अच्छा लगता था। वो मेरे पिता भी थे, और मित्र भी; हमारी संस्कृति में हाथ पकड़ना सच्ची मित्रता का चिह्न समझा जाता है। चलते हुए हम लोग कई विषयों के बारे में बातें करते जाते थे। मैं जब भी अकेला अनुभव करता, मेरे पिता की उपस्थिति से मुझे दिलासा मिलती थी। मेरे लिए उनके साथ संगति के वो समय बहुमूल्य थे।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु मसीह ने अपने शिष्यों को अपने मित्र कहा है, और उसने उनके प्रति अपनी मित्रता के चिह्न भी दिए हैं। प्रभु ने कहा, “जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही मैं ने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो” (यूहन्ना 15:9); यहाँ तक कि उन्होंने उनके लिए अपने प्राण भी न्योछावर कर दिए (पद 13)। प्रभु ने उन पर अपने राज्य के उद्देश्यों को प्रकट किया; और जो कुछ भी पिता परमेश्वर ने उन्हें दिया, वह सब उनको सिखा दिया (पद 15)। प्रभु ने अपने शिष्यों को यह सुअवसर भी दिया कि वे उसके साथ मिलकर उसके उद्देश्यों को पूरा करने वाले बनें (पद 16)।

          प्रभु यीशु जीवन भर के लिए हम मसीही विश्वासियों का मित्र और साथी है। वह हमारे साथ रहता है; हर परिस्थिति में साथ चलता रहता है, और हमारी सभी बातों, परेशानियों, दुखों आदि के बारे में ध्यान से सुनता है। जब हम अकेले और निराश अनुभव कर रहे होते हैं, तब हमारा मित्र यीशु हमारा साथ देता है, हमारी हिम्मत बढ़ाता है।

          और हमारे मित्र यीशु के साथ हमारी मित्रता और भी अधिक घनिष्ठ हो जाती है जब हम उसके अन्य मित्रों, हमारे अन्य संगी मसीही विश्वासियों से भी प्रेम करते हैं, और प्रभु के प्रति आज्ञाकारी बने रहते हैं (पद 10, 17)। जब हम प्रभु की आज्ञाओं का पालन करेंगे, तो हमारे जीवनों से ऐसे फल आएँगे जो सदा बने रहेंगे (पद 16)।

          हमारे परेशान संसार की भीड़-भाड़ वाली गलियों और खतरनाक रास्तों पर चलते समय हम प्रभु के साथ बने रहने के प्रति आश्वस्त रह सकते हैं। यह उसके हमारा मित्र होने का चिह्न है। - लॉरेंस दरमानी

 

प्रभु परमेश्वर हमेशा हमारे साथ बना रहता है।


और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं। - मत्ती 28:20

बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:9-17

यूहन्ना 15:9 जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही मैं ने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो।

यूहन्ना 15:10 यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं।

यूहन्ना 15:11 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए।

यूहन्ना 15:12 मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो।

यूहन्ना 15:13 इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे।

यूहन्ना 15:14 जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो।

यूहन्ना 15:15 अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्वामी क्या करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं।

यूहन्ना 15:16 तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जा कर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे।

यूहन्ना 15:17 इन बातें की आज्ञा मैं तुम्हें इसलिये देता हूं, कि तुम एक दूसरे से प्रेम रखो।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 1 शमूएल 27-29
  • लूका 13:1-22