एमिल एक बेघर व्यक्ति था, जो शहर में इधर से
उधर घूमते हुए, नीचे सड़क पर नज़रें गडाए रहता था। वह औरों से नज़रें मिलाने में
शर्मिन्दगी महसूस करता था, और वह नहीं चाहता था कि कोई उसे पहचान ले, क्योंकि उसका
जीवन सदा ही ऐसे बेघर अवस्था में व्यतीत नहीं हुआ था। लेकिन इस से भी अधिक
महत्वपूर्ण बात थी कि उसकी नज़रें नीचे सड़क पर पड़े किसी सिक्के या सिगरेट के टुकड़े
को ढूँढने में लगी रहती थीं। नीची नज़रें किए चलते रहना, उसकी आदत बना गई थी, और इस
कारण उसकी रीढ़ की हड्डी भी नीचे की ओर झुकने लगी, जिससे उसे अब ऊपर गर्दन उठाकर
कुछ देखना कठिन होने लगा था।
परमेश्वर के वचन बाइबल में हम एलीशा
भविष्यद्वक्ता के एक सेवक के विषय में पाते हैं कि वह भी गलत ओर नज़रें लगाए हुए
था; उसकी नज़रें बजाए परमेश्वर की ओर लगी होने के, आराम के राजा की विशाल सेना पर लगी
हुई थीं, जो उसके स्वामी को पकड़ कर ले जाने के लिए आई थी (2 राजा 6:15)। परन्तु
एलीशा समझ रहा था कि वह सेवक केवल खतरे और शत्रु के आकार को देख रहा था। उस सेवक
की नज़रों को खोले जाने की आवश्यकता थी जिससे वह उनके चारों ओर उपस्थित ईश्वरीय
सहायता को देख पाए, जो कि किसी भी सेना से जो आराम का राजा एलीशा के विरुद्ध ला
सकता था, कहीं अधिक बढ़कर थी (पद 17)।
जीवन जब भी कठिन हो और हमें लगे कि हम किसी
तनाव या दबाव में हैं, और हमें अपनी समस्याओं के अतिरिक्त और कुछ नहीं दीख पड़ रहा
हो, तो हमें अपनी नज़रें अपने तथा जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु की ओर लगानी
चाहिएँ, जैसा बाइबल में इब्रानियों की पत्री का लेखक सुझाता है (इब्रानियों 12:2-3)।
हमारे लिए प्रभु यीशु ने अकल्पनीय दुःख सहा, और जब हम उस पर भरोसा करके अपनी नज़रें
उस पर लगाते हैं, तो उससे हमें मार्गदर्शन मिलता है, और वह हमें परिस्थितियों पर
जयवंत होने की सामर्थ्य देता है। - मेरियन स्ट्राउड
जब
मसीह यीशु हमारे जीवन का केन्द्र-बिंदु होता है,
तो जीवन सही परिप्रेक्ष्य में आ
जाता है।
और
विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा
की कुछ चिन्ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा। इसलिये उस पर ध्यान करो,
जिसने अपने विरोध में पापियों का इतना वाद-विवाद सह लिया कि तुम
निराश हो कर हियाव न छोड़ दो। - इब्रानियों 12:2-3
बाइबल
पाठ: 2 राजा 6:8-17
2 Kings 6:8 ओैर अराम का जाजा इस्राएल से युद्ध कर रहा था, और
सम्मति कर के अपने कर्मचारियों से कहा, कि अमुक स्थान पर
मेरी छावनी होगी।
2 Kings 6:9 तब परमेश्वर के भक्त ने इस्राएल के राजा के पास कहला भेजा, कि चौकसी कर और अमुक स्थान से हो कर न जाना क्योंकि वहां अरामी चढ़ाई करने
वाले हैं।
2 Kings 6:10 तब इस्राएल के राजा ने उस स्थान को, जिसकी
चर्चा कर के परमेश्वर के भक्त ने उसे चिताया था, भेज कर,
अपनी रक्षा की; और उस प्रकार एक दो बार नहीं
वरन बहुत बार हुआ।
2 Kings 6:11 इस कारण अराम के राजा का मन बहुत घबरा गया; सो
उसने अपने कर्मचारियों को बुला कर उन से पूछा, क्या तुम मुझे
न बताओगे कि हम लोगों में से कौन इस्राएल के राजा की ओर का है? उसके एक कर्मचारी ने कहा, हे मेरे प्रभु! हे राजा!
ऐसा नहीं,
2 Kings 6:12 एलीशा जो इस्राएल में भविष्यद्वक्ता है, वह
इस्राएल के राजा को वे बातें भी बताया करता है, जो तू शयन की
कोठरी में बोलता है।
2 Kings 6:13 राजा ने कहा, जा कर देखो कि वह कहां है,
तब मैं भेज कर उसे पकड़वा मंगाऊंगा। और उसको यह समाचार मिला कि वह
दोतान में है।
2 Kings 6:14 तब उसने वहां घोड़ों और रथों समेत एक भारी दल भेजा, और उन्होंने रात को आकर नगर को घेर लिया।
2 Kings 6:15 भोर को परमेश्वर के भक्त का टहलुआ उठा और निकल कर क्या देखता है कि
घोड़ों और रथों समेत एक दल नगर को घेरे हुए पड़ा है। और उसके सेवक ने उस से कहा,
हाय! मेरे स्वामी, हम क्या करें?
2 Kings 6:16 उसने कहा, मत डर; क्योंकि
जो हमारी ओर हैं, वह उन से अधिक हैं, जो
उनकी ओर हैं।
2 Kings 6:17 तब एलीशा ने यह प्रार्थना की, हे यहोवा,
इसकी आंखें खोल दे कि यह देख सके। तब यहोवा ने सेवक की आंखें खोल
दीं, और जब वह देख सका, तब क्या देखा,
कि एलीशा के चारों ओर का पहाड़ अग्निमय घोड़ों और रथों से भरा हुआ
है।
एक
साल में बाइबल:
- भजन 70-71
- रोमियों 8:22-39