मैं अपने विवाह की तस्वीरों के डिब्बे में से
पुरानी तसवीरें देख रही थी, और मेरे हाथ मेरे तथा मेरे पति की एक तस्वीर पर रुक गए
– जो हमारे ‘श्रीमान और श्रीमती’ बनते के साथ ही ली गई थी। मेरे हाव-भाव में उनके
प्रति मेरे समर्पण का भाव स्पष्ट दिखाई दे रहा था। मैं उनके साथ कहीं भी जाने के
लिए तैयार थी।
अब लगभग चार दशक के बाद भी, हमारा विवाह संबंध
परस्पर प्रेम और समर्पण के द्वारा मज़बूती के साथ गठा हुआ है, और हमें भले और बुरे
दोनों समयों में से सुरक्षित लेकर चलता रहा है। मैंने हर साल अपनी वह प्रतिज्ञा
दोहराई है, अपने आप को अपने पति के साथ कहीं भी जाने के लिए समर्पित बनाए रखा है।
परमेश्वर के वचन बाइबल में यिर्मयाह 2:2 में
परमेश्वर अपनी प्रिय किन्तु भटके हुए हठीले इस्राएल से कहता है, “...तेरी जवानी
का स्नेह और तेरे विवाह के समय का प्रेम मुझे स्मरण आता है कि तू कैसे जंगल में
मेरे पीछे पीछे चली...।” यहाँ पर ‘स्नेह’
के लिए मूल इब्रानी भाषा में जिस शब्द का प्रयोग किया गया है, उसका अर्थ सर्वोच्च
संभव वफादारी और प्रतिबद्धता है। इस्राएल ने आरंभ में परमेश्वर के प्रति जिस दृढ़
समर्पण को व्यक्त किया था, धीरे-धीरे वह उस से मुड़ गया।
वफादारी के संबंधों में जिस दृढ़ता के साथ
समर्पण का दावा किया जाता है, समय के साथ वह फीका पड़ सकता है, और प्रेम तथा उत्साह
के उस आरम्भिक पैनेपन के जाते रहने से विश्वासघात करने की संभावना उत्पन्न हो जाती
है। हम अपने विवाहों में ऐसी संभावना के उत्पन्न होने के खतरे से तो परिचित हैं;
परन्तु परमेश्वर के प्रति प्रेम के हमारे संबंध का क्या हाल है? क्या हम आज भी उसके
प्रति वैसे ही दृढ़ समर्पित हैं जैसे तब थे जब हम मसीही विश्वास में आए ही थे?
परमेश्वर अपने लोगों को विश्वासयोग्यता में
लौट कर आने के अवसर देता है (यिर्मयाह 3:14-15)। हम आज ही उसके साथ की गई अपनी
प्रतिज्ञा को फिर से दोहरा कर नया कर सकते हैं। - एलिसा मॉर्गन
यदि आप यह जानते
हैं कि आपकी अगुवाई प्रभु परमेश्वर कर रहा है,
तो आपको यह जानने की आवश्यकता नहीं
है कि हम कहाँ जा रहे हैं।
वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता है; वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है; - भजन
23:2
बाइबल पाठ:
यिर्मयाह 2:1-8; 3:14-15
यिर्मयाह 2:1
यहोवा का वह वचन मेरे पास पहुंचा,
यिर्मयाह 2:2 और
यरूशलेम में पुकार कर यह सुना दे, यहोवा यह कहता है, तेरी जवानी का स्नेह और तेरे विवाह के समय का प्रेम मुझे स्मरण आता है कि
तू कैसे जंगल में मेरे पीछे पीछे चली जहां भूमि जोती-बोई न गई थी।
यिर्मयाह 2:3
इस्राएल, यहोवा के लिये पवित्र और उसकी पहली अपज थी। उसे
खाने वाले सब दोषी ठहरेंगे और विपत्ति में पड़ेंगे, यहोवा की
यही वाणी है।
यिर्मयाह 2:4 हे
याकूब के घराने, हे इस्राएल के घराने के कुलों के लोगों,
यहोवा का वचन सुनो!
यिर्मयाह 2:5
यहोवा यों कहता है, तुम्हारे पुरखाओं ने मुझ में कौन ऐसी
कुटिलता पाई कि मुझ से दूर हट गए और निकम्मी वस्तुओं के पीछे हो कर स्वयं निकम्मे
हो गए?
यिर्मयाह 2:6
उन्होंने इतना भी न कहा कि जो हमें मिस्र देश से निकाल ले आया वह यहोवा कहां है?
जो हमें जंगल में से और रेत और गड़हों से भरे हुए निर्जल और घोर
अन्धकार के देश से जिस में हो कर कोई नहीं चलता, और जिस में
कोई मनुष्य नहीं रहता, हमें निकाल ले आया।
यिर्मयाह 2:7 और
मैं तुम को इस उपजाऊ देश में ले आया कि उसका फल और उत्तम उपज खाओ; परन्तु मेरे इस देश में आकर तुम ने इसे अशुद्ध किया, और मेरे इस निज भाग को घृणित कर दिया है।
यिर्मयाह 2:8
याजकों ने भी नहीं पूछा कि यहोवा कहां है; जो व्यवस्था
सिखाते थे वे भी मुझ को न जानते थे; चरवाहों ने भी मुझ से
बलवा किया; भविष्यद्वक्ताओं ने बाल देवता के नाम से
भविष्यद्वाणी की और निष्फल बातों के पीछे चले।
यिर्मयाह 3:14
हे भटकने वाले लड़को लौट आओ, क्योंकि मैं तुम्हरा स्वामी हूँ;
यहोवा की यह वाणी है। तुम्हारे प्रत्येक नगर पीछे एक, और प्रत्येक कुल पीछे दो को लेकर मैं सिय्योन में पहुंचा दूंगा।
यिर्मयाह 3:15
और मैं तुम्हें अपने मन के अनुकूल चरवाहे दूंगा, जो ज्ञान और
बुद्धि से तुम्हें चराएंगे।
एक साल में
बाइबल:
- 2 शमुएल 12-13
- लूका 16