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सोमवार, 4 अक्टूबर 2010

प्रभु की सेवा में

जब डेव और जॉय म्युलर को परमेश्वर की बुलाहट सुडान देश में मिशनरी बनकर जाने के लिये हुई, तो उन्हें अपने भविष्य का कुछ पता नहीं था। वे बस इतना जानते थे कि गृहयुद्ध से बरबाद हुए उस देश में वे एक अस्पताल बनाने में सहायता करने के लिये जा रहे हैं। उन्हें क्या पता था कि उनका भविष्य बकरियों में है!

सुडान में जब जॉय वहां कि स्त्रियों के बीच में काम करने लगी तो उसने पाया कि बहुत सी स्त्रियां वहां के विनाशकारी गृहयुद्ध के कारण विधवाएं थीं और उनके पास आमदनी का कोई स्त्रोत नहीं था। तब जॉय को एक उपाय सूझा - यदि वह एक गर्भवति बकरी एक विधवा स्त्री को दे तो उसे अपने पोष्ण के लिये दूध भी मिलेगा और आमदनी का स्त्रोत भी। इस कार्यक्रम को जारी रखने के लिये यह ज़रूरी था कि जिसे बकरी मिले, वह उस बकरी का बच्चा जॉय को लौट देगी, उस बकरी से मिलने वाला बाकी सब कुछ उस स्त्री का ही रहेगा। वह बच्चा कुछ समय बाद ऐसे ही किसी दूसरे ज़रूरतमंद परिवार को इसी शर्त के साथ दे दिया जाता। प्रभु यीशु के नाम में प्रेम से दी गई यह भेंट बहुतेरी सुडानी विधवाओं के जीवन को बदलने, और जॉय के लिये उद्धार के सुसमाचार को उनके पास लाने का माध्यम बनीं।

आज आपके पास ऐसे देने के लिये क्या है? अपने किसी पड़ौसी, मित्र या किसी अजनबी को भी आप प्रभु के नाम से क्या दे सकते हैं - अपनी कार में सवारी, उसके लिये कोई काम, उसकी सहायता के लिये अपनी कोई वस्तु?

मसीही विश्वासी होने के नाते दूसरों की आवश्यक्ताओं की चिंता करना हमारी ज़िम्मेदारी है - "पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देखकर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्‍योंकर बना रह सकता है?" (१ यूहन्ना ३:१७)। प्रेम में होकर किये गए हमारे कार्य दिखाते हैं कि प्रभु यीशु हमारे हृदयों मे निवास करता है, और दुसरों की आवश्यक्ताओं में उनकी सहायता करना हमें उनके साथ सुसमाचार बांटने का अवसर प्रदान करता है। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर हमें हमारी आवश्यक्ता की हर चीज़ देता है जिससे हम भी दुसरों की आवश्यक्ताओं में उनकी सहायता करें।

पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देखकर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्‍योंकर बना रह सकता है? - १ यूहन्ना ३:१७


बाइबल पाठ: १ यूहन्ना ३:१६-२०

हम ने प्रेम इसी से जाना, कि उस ने हमारे लिये अपने प्राण दे दिए, और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए।
पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देखकर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्‍योंकर बना रह सकता है?
हे बालको, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें।
इसी से हम जानेंगे, कि हम सत्य के हैं, और जिस बात में हमारा मन हमें दोष देगा, उस विषय में हम उसके साम्हने अपने अपने मन को ढाढ़स दे सकेंगे।
क्‍योंकि परमेश्वर हमारे मन से बड़ा है, और सब कुछ जानता है।

एक साल में बाइबल:
  • यशायाह २०-२२
  • इफिसियों ६