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शनिवार, 16 जनवरी 2021

बाँटना

 

          मेरे सबसे छोटे बेटे ने रोते हुए चिल्लाकर कहा, “पर मैं बांटना नहीं चाहता हूँ”; उसके रोने में उसका टूटा हुआ हृदय पता चल रहा था – वह अपने खिलौनों में से एक को भी किसी और के साथ बाँटना नहीं चाहता था। मुझे उसका यह व्यवहार बचकाना और अनुचित लगा, परन्तु वास्तविकता यही है कि इस प्रकार का व्यवहार बच्चों तक ही सीमित नहीं है। मेरे अपने जीवन और सभी मनुष्यों के जीवनों में कितनी ही बार यह भावना देखी जाती है – ढीठ और ज़िद्दी होकर अपनी वस्तुओं को लेकर उदार नहीं होना, उन्हें औरों के साथ बिलकुल भी नहीं बाँटना।

          हम मसीही विश्वासियों को अपने जीवन औरों के साथ बाँटने की शिक्षा दी गई है। परमेश्वर के वचन बाइबल में रूत ने अपनी सास नाओमी के साथ यही किया था। नाओमी एक निर्धन विधवा थी, जिसके पास अपनी परदेशिन  विधवा बहू रूत को देने के लिए अब कुछ नहीं बचा था। फिर भी रूत ने अपने जीवन को अपनी सास के जीवन के साथ जोड़ लिया, और उससे प्रतिज्ञा की, कि वह जीवन भर उसके साथ रहेगी, किसी भी परिस्थिति में उसे नहीं छोड़ेगी। रूत ने नाओमी से कहा, “तू मुझ से यह बिनती न कर, कि मुझे त्याग तथा छोड़कर लौट जा; क्योंकि जिधर तू जाए उधर मैं भी जाऊंगी; जहां तू टिके वहां मैं भी टिकूंगी; तेरे लोग मेरे लोग होंगे, और तेरा परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा” (रूत 1:16)। रूत ने बिना किसी शर्त के अपने आप को उदारता से उस वृद्ध विधवा को दे दिया; उस से प्रेम और कृपा दिखाई।

          इस प्रकार से किसी के साथ अपने जीवनों को बाँटना कठिन हो सकता है, किन्तु हमें ऐसी उदारता के प्रतिफल भी ध्यान रखने चाहिएँ। रूत ने अपना जीवन नाओमी के साथ बाँटा, वह अपने देश और लोगों को छोड़कर नाओमी के साथ इस्राएल आ गई। जहाँ पर परमेश्वर ने उसका विवाह नाओमी के एक धनी रिश्तेदार के साथ करवा दिया; उस विवाह से जन्मा रूत का पुत्र इस्राएल के सर्वोत्तम राजा दाऊद का दादा, और हमारे तथा समस्त जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु का पूर्वज हुआ। प्रभु यीशु ने अपना जीवन हमारे साथ बाँटा, और परमेश्वर ने उसे अति महान कर दिया, और प्रतिज्ञा दी कि इस लोक और परलोक के प्रत्येक व्यक्ति का घुटना प्रभु के सामने झुकेगा।

          जब हम उदारता से औरों के साथ बाँटते हैं, तब हम निश्चित रह सकते हैं कि हम और भी उत्तम जीवन को अनुभव करेंगे। - पीटर चिन

 

औरों की देखभाल के द्वारा परमेश्वर के प्रेम को उनके साथ बाँटें।


इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है। कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें। - फिलिप्पियों 2:9-10

बाइबल पाठ: रूत 1:11-18

रूत 1:11 नाओमी ने कहा, हे मेरी बेटियों, लौट जाओ, तुम क्यों मेरे संग चलोगी? क्या मेरी कोख में और पुत्र हैं जो तुम्हारे पति हों?

रूत 1:12 हे मेरी बेटियों, लौटकर चली जाओ, क्योंकि मैं पति करने को बूढ़ी हूं। और चाहे मैं कहती भी, कि मुझे आशा है, और आज की रात मेरे पति होता भी, और मेरे पुत्र भी होते,

रूत 1:13 तौभी क्या तुम उनके सयाने होने तक आशा लगाए ठहरी रहतीं? और उनके निमित्त पति करने से रुकी रहतीं? हे मेरी बेटियों, ऐसा न हो, क्योंकि मेरा दु:ख तुम्हारे दु:ख से बहुत बढ़कर है; देखो, यहोवा का हाथ मेरे विरुद्ध उठा है।

रूत 1:14 तब वे फिर से उठीं; और ओर्पा ने तो अपनी सास को चूमा, परन्तु रूत उस से अलग न हुई।

रूत 1:15 तब उसने कहा, देख, तेरी जिठानी तो अपने लोगों और अपने देवता के पास लौट गई है; इसलिये तू अपनी जिठानी के पीछे लौट जा।

रूत 1:16 रूत बोली, तू मुझ से यह बिनती न कर, कि मुझे त्याग तथा छोड़कर लौट जा; क्योंकि जिधर तू जाए उधर मैं भी जाऊंगी; जहां तू टिके वहां मैं भी टिकूंगी; तेरे लोग मेरे लोग होंगे, और तेरा परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा;

रूत 1:17 जहां तू मरेगी वहां मैं भी मरूंगी, और वहीं मुझे मिट्टी दी जाएगी। यदि मृत्यु छोड़ और किसी कारण मैं तुझ से अलग होऊं, तो यहोवा मुझ से वैसा ही वरन उस से भी अधिक करे।

रूत 1:18 जब उसने यह देखा कि वह मेरे संग चलने को स्थिर है, तब उसने उस से और बात न कही।

 

एक साल में बाइबल: 

  • उत्पत्ति 39-40
  • मत्ती 11