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गुरुवार, 28 अप्रैल 2016

प्रश्न


   अमेरीकी गृह युद्ध के कुछ वर्ष पश्चात जनरल ल्यु वॉलेस का ट्रेन में यात्रा करते हुए कर्नल रॉबर्ट इन्गरसौल से सामना हुआ। इन्गरसौल 19वीं शताबदी के प्रमुख नास्तिकवादियों में से एक थे, जबकि ल्यु वॉलेस प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करते थे। परस्पर बातचीत के दौरान, वार्तालाप उनके आपसी आत्मिक मतभेदों की ओर मुड़ी, और वॉलेस को एहसास हुआ कि वे इन्गरसौल द्वारा उठाए जा रहे प्रश्नों और शंकाओं के समुचित उत्तर नहीं दे पा रहे हैं। अपने विश्वास की जानकारी और समझ के बारे में अपनी कमी से शर्मिंदा होकर ल्यु वॉलेस ने उत्तरों को परमेश्वर के वचन बाइबल तथा प्रभु यीशु मसीह के जीवन काल के समय के संबंधित ऐतिहासिक द्स्तावेज़ों से खोजना आरंभ किया। उनकी इस खोज से मिले उत्तरों को उन्होंने एक ऐतिहासिक उपन्यास Ben-Hur: A Tale of Christ के रूप में प्रस्तुत किया और जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह की सच्चाई की विश्वस्त घोषणा करी।

   हमारे मसीही विश्वास को स्वीकार ना करने वाले लोगों द्वारा उठाए जाने वाले प्रश्नों को हमें अपने विश्वास के लिए खतरा या धमकी नहीं समझना चाहिए। वरन इसे अपने मसीही विश्वास को और गहराई से जानने और समझने, तथा किसी अन्य के द्वारा जब ऐसे ही प्रश्न उठाए जाएं तो प्रेम और बुद्दिमता से उनका कैसे उत्तर दिया जाए यह सीखने का एक अवसर समझना चाहिए। बाइबल में प्रेरित पतरस ने परमेश्वर की बातों को सीखते-समझते रहने के लिए लिखा है: "...और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ" (1 पतरस 3:15)।

   ज़रूरी नहीं है कि हमारे पास हर एक के प्रत्येक प्रश्न का उत्तर हो; लेकिन हमारे पास ऐसा विश्वास, हिम्मत और संकल्प अवश्य होना चाहिए जो हमें मसीह यीशु के प्रेम और आशा को दूसरों के साथ बाँटने की सामर्थ देता है। - बिल क्राउडर


जीवन के बड़े-से-बड़े प्रश्न का एकमात्र उत्तर प्रभु यीशु मसीह में है।

क्योंकि उसके ईश्वरीय सामर्थ ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बन्‍ध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिसने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है। - 2 पतरस 1:3

बाइबल पाठ: 1 पतरस 3:8-17
1 Peter 3:8 निदान, सब के सब एक मन और कृपामय और भाईचारे की प्रीति रखने वाले, और करूणामय, और नम्र बनो। 
1 Peter 3:9 बुराई के बदले बुराई मत करो; और न गाली के बदले गाली दो; पर इस के विपरीत आशीष ही दो: क्योंकि तुम आशीष के वारिस होने के लिये बुलाए गए हो। 
1 Peter 3:10 क्योंकि जो कोई जीवन की इच्छा रखता है, और अच्‍छे दिन देखना चाहता है, वह अपनी जीभ को बुराई से, और अपने होंठों को छल की बातें करने से रोके रहे। 
1 Peter 3:11 वह बुराई का साथ छोड़े, और भलाई ही करे; वह मेल मिलाप को ढूंढ़े, और उस के यत्‍न में रहे। 
1 Peter 3:12 क्योंकि प्रभु की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान उन की बिनती की ओर लगे रहते हैं, परन्तु प्रभु बुराई करने वालों के विमुख रहता है।
1 Peter 3:13 और यदि तुम भलाई करने में उत्तेजित रहो तो तुम्हारी बुराई करने वाला फिर कौन है? 
1 Peter 3:14 और यदि तुम धर्म के कारण दुख भी उठाओ, तो धन्य हो; पर उन के डराने से मत डरो, और न घबराओ। 
1 Peter 3:15 पर मसीह को प्रभु जान कर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ। 
1 Peter 3:16 और विवेक भी शुद्ध रखो, इसलिये कि जिन बातों के विषय में तुम्हारी बदनामी होती है उनके विषय में वे, जो तुम्हारे मसीही अच्‍छे चालचलन का अपमान करते हैं लज्ज़ित हों। 
1 Peter 3:17 क्योंकि यदि परमेश्वर की यही इच्छा हो, कि तुम भलाई करने के कारण दुख उठाओ, तो यह बुराई करने के कारण दुख उठाने से उत्तम है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 3-5
  • लूका 20:1-26