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सोमवार, 8 मार्च 2021

कोमल और शक्तिशाली


          दूसरे विश्व-युद्ध के समय में , जैसे-जैसे नीदरलैंड पर शत्रु का कब्ज़ा बढ़ता गया, ऐनी फ्रैंक और उनके परिवार ने अपने छिपने का एक गुप्त स्थान बनाया और फिर उसमें जाकर रहने लगे। वे दो वर्ष तक वहाँ छिप कर रहे; किन्तु अन्ततः पकड़े गए और उन्हें बंदी शिविरों में रहने के लिए भेज दिया गया। ऐनी ने अपने इन अनुभवों को एक डायरी में लिखा, जो Diary of a Young Girl के नाम से प्रकाशित हुई, और बहुत प्रसिद्ध भी हुई। ऐनी ने अपने अनुभवों के आधार पर कहा, “लम्बे समय तक स्थिर बने रहने के लिए जो सबसे उपयोगी हथियार होता है, वह है एक कोमल और कृपालु आत्मा।”

          दिन-प्रति-दिन के वास्तविक जीवन के साथ संघर्ष करने में, कोमलता एक जटिल विषय हो सकती है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह 40 में हमें परमेश्वर के दोनों स्वरूप देखने को मिलते हैं। उसके विषय लिखा है “देखो, प्रभु यहोवा सामर्थ्य दिखाता हुआ रहा है, वह अपने भुजबल से प्रभुता करेगा” और फिर इससे अगले ही पद में उसके लिए आया है “वह चरवाहे के समान अपने झुण्ड को चराएगा, वह भेड़ों के बच्चों को अंकवार में लिये रहेगा और दूध पिलाने वालियों को धीरे धीरे ले चलेगा” (यशायाह 40:10-11)। वह शक्तिशाली और सामर्थी है, किन्तु दुर्बलों की सुरक्षा करने में कोमल भी है।

          प्रभु यीशु के बारे में सोचिए, जब उन्होंने एक कोड़ा बनाया और मन्दिर में से सर्राफों की चौकियां उलट दीं और उन्हें बाहर खदेड़ दिया; साथ ही वे बच्चों के प्रति बहुत कोमल भी थे। उन्होंने मत्ती 23 में दोगले फरीसियों की कड़े शब्दों में भर्त्सना भी की, किन्तु व्यभिचार में पकड़ी गई स्त्री को अपनी कोमल दया में क्षमा भी किया (यूहन्ना 8:1-10)।

          यद्यपि ऐसे समय भी हो सकते हैं जब दुर्बलों की सहायता के लिए शक्तिशाली होकर खड़े होने के आवश्यकता होती है, परन्तु परमेश्वर के वचन बाइबल हमें “तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है” (फिलिप्पियों 4:5) के निर्वाह के लिए भी कहती है। जब हम अपने प्रभु परमेश्वर की सेवा में लगे होते हैं, तब अकसर हमारा सबसे शक्तिशाली होना, ज़रूरतमंदों के प्रति हमारी कोमलता का प्रदर्शन होता है। - डेव ब्रैनन

 

कोमलता के द्वारा हम अपनी बात को बिना कटुता उत्पन्न किए रख सकते हैं।


जैसा मसीह यीशु का स्वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो। - फिलिप्पियों 2:5

बाइबल पाठ: यशायाह 40:9-17

यशायाह 40:9 हे सिय्योन को शुभ समाचार सुनाने वाली, ऊंचे पहाड़ पर चढ़ जा; हे यरूशलेम को शुभ समाचार सुनाने वाली, बहुत ऊंचे शब्द से सुना, ऊंचे शब्द से सुना, मत डर; यहूदा के नगरों से कह, अपने परमेश्वर को देखो!

यशायाह 40:10 देखो, प्रभु यहोवा सामर्थ्य दिखाता हुआ रहा है, वह अपने भुजबल से प्रभुता करेगा; देखो, जो मजदूरी देने की है वह उसके पास है और जो बदला देने का है वह उसके हाथ में है।

यशायाह 40:11 वह चरवाहे के समान अपने झुण्ड को चराएगा, वह भेड़ों के बच्चों को अंकवार में लिये रहेगा और दूध पिलाने वालियों को धीरे धीरे ले चलेगा।

यशायाह 40:12 किस ने महासागर को चुल्लू से मापा और किस के बित्ते से आकाश का नाप हुआ, किस ने पृथ्वी की मिट्टी को नपवे में भरा और पहाड़ों को तराजू में और पहाडिय़ों को कांटे में तौला है?

यशायाह 40:13 किस ने यहोवा की आत्मा को मार्ग बताया या उसका मन्त्री हो कर उसको ज्ञान सिखाया है?

यशायाह 40:14 उसने किस से सम्मति ली और किस ने उसे समझाकर न्याय का पथ बता दिया और ज्ञान सिखा कर बुद्धि का मार्ग जता दिया है?

यशायाह 40:15 देखो, जातियां तो डोल की एक बून्द या पलड़ों पर की धूल के तुल्य ठहरीं; देखो, वह द्वीपों को धूल  के किनकों सरीखे उठाता है।

यशायाह 40:16 लबानोन भी ईंधन के लिये थोड़ा होगा और उस में के जीव-जन्तु होमबलि के लिये बस न होंगे।

यशायाह 40:17 सारी जातियां उसके सामने कुछ नहीं हैं, वे उसकी दृष्टि में लेश और शून्य से भी घट ठहरीं हैं।

 

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 5-7
  • मरकुस 11:1-18