ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 10 मार्च 2021

बचाव

 

          फरवरी 18, 1952 के दिन, एक भयानक समुद्री तूफ़ान ने अमेरिका के मेसाचुसेट्स समुद्र-तट से लगभग दस मील की दूरी पर, तेल-पोत, एसएस पेंडलटन को दो भागों में तोड़ दिया। उस पोत के टूटे हुए और डूबते जा रहे एक भाग में चालीस से भी अधिक नाविक फँसे हुए थे। जब इस दुर्घटना का समाचार मेसाचुसेट्स में स्थित तट रक्षक सुरक्षा केंद्र पर पहुँचा तो बर्नी वेबर नामक एक अधिकारी ने अपने साथ तीन लोगों को एक जीवन-रक्षक नौका में लिया और उन्हें बचाने के लिए गए। परिस्थितियाँ बहुत कठिन और सफलता की संभावना लगभग असंभव थी। लेकिन जान जोखिम में डालकर, बहुत दिलेरी से प्रयास करते हुए उन्होंने मृत्यु की कगार पर आकर फँसे हुए बत्तीस नाविकों को बचा लिया। उनकी इस बहादुरी के कारनामे को अमेरिका के तट-रक्षक सेवा के इतिहास के सबसे साहसिक कारनामों में से एक माना जाता है, और वर्ष 2016 में इस पर आधारित एक फिल्म – The Finest Hours भी बनी।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका 19:10 में प्रभु यीशु ने संसार में अपने आने के उद्देश्य को बताते हुए कहा, “” उनके द्वारा किए गए इस बचाव कार्य का माध्यम उनका क्रूस पर अपने जीवन का दिया गया बलिदान और मृतकों में से पुनरुत्थान बना। प्रभु यीशु ने समस्त मानवजाति के पापों को अपने ऊपर लिया, उनके दण्ड को सहा, और उन पापों से मुक्ति का मार्ग बनाकर दे दिया। अब सारे संसार का जो भी व्यक्ति अपने पापों के पश्चाताप के साथ, उन पर विश्वास लाता है, वह पापों से बचाया जाकर परमेश्वर की संतान बन जाता है, अनन्तकाल के लिए बचा लिया जाता है। प्रभु यीशु के मारे जाने, गाड़े जाने, और तीसरे दिन मृतकों में से जी उठने के बाद, लगभग 2000 वर्षों से जो भी उनके इस बचाव कार्य को स्वीकार कर रहा है, वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करके अनन्तकाल के लिए सुरक्षित हो जाता है।

          प्रभु यीशु  के अनुयायी होने के नाते हमें यह आदर है कि हम परमेश्वर पवित्र आत्मा की सहायता से प्रभु परमेश्वर के इस बचाव कार्य में उसके सहभागी हों, और जिन्हें इस बचाव की आवश्यकता है, उन तक इसका सुसमाचार पहुंचाएं। - बिल क्राउडर

 

प्रभु, मैं आपके बचाव कार्य में आपका सहभागी बन सकूँ।


परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: लूका 19:1-10

लूका 19:1 वह यरीहो में प्रवेश कर के जा रहा था।

लूका 19:2 और देखो, ज़क्कई नाम एक मनुष्य था जो चुंगी लेने वालों का सरदार और धनी था।

लूका 19:3 वह यीशु को देखना चाहता था कि वह कौन सा है परन्तु भीड़ के कारण देख न सकता था। क्योंकि वह नाटा था।

लूका 19:4 तब उसको देखने के लिये वह आगे दौड़कर एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया, क्योंकि वह उसी मार्ग से जाने वाला था।

लूका 19:5 जब यीशु उस जगह पहुंचा, तो ऊपर दृष्टि कर के उस से कहा; हे ज़क्कई झट उतर आ; क्योंकि आज मुझे तेरे घर में रहना अवश्य है।

लूका 19:6 वह तुरन्त उतर कर आनन्द से उसे अपने घर को ले गया।

लूका 19:7 यह देख कर सब लोगे कुड़कुड़ा कर कहने लगे, वह तो एक पापी मनुष्य के यहां जा उतरा है।

लूका 19:8 ज़क्कई ने खड़े हो कर प्रभु से कहा; हे प्रभु, देख मैं अपनी आधी सम्पत्ति कंगालों को देता हूं, और यदि किसी का कुछ भी अन्याय कर के ले लिया है तो उसे चौगुना फेर देता हूं।

लूका 19:9 तब यीशु ने उस से कहा; आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है।

लूका 19:10 क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • व्यवस्थाविवरण 11-13
  • मरकुस 12:1-27