परमेश्वर ने अपने वचन बाइबल में अपने लोगों के जीवनों को सुचारू रूप से चलाने और निर्देषित करने के लिए दस आज्ञाएं दी हैं। ये आज्ञाएं परमेश्वर, समाज और परिवार के प्रति प्रत्येक व्यक्ति के दायित्वों को बताती हैं। हव्वा की लालसा या लालच ने प्रथम आज्ञा, जो परमेश्वर के एकमात्र होने और उसी पर विश्वास करने की है, तथा दसवीं आज्ञा, जो लालच करने से मना करती है, दोनो का उल्लंघन करवाया। कभी कभी मैं सोचती हूँ कि परमेश्वर ने दसवीं आज्ञा को, पहली आज्ञा के रूप में क्यों नहीं रखा? क्योंकि लालच से मनाही आज्ञाओं की सूची के अन्त में आती है, क्या इस कारण हमें उसे सबसे कम महत्वपुर्ण समझना चाहिए?
जब हम लालच नहीं करने या अनुचित लालसा नहीं रखने या अपनी लालसाओं को पूरा करने के लिए अनुचित मार्ग नहीं अपनाने की ठान लेते हैं तो अपने जीवन में परमेश्वर की आज्ञाओं के उल्लंघन की संभावनाओं को भी समाप्त कर देते हैं। इसके विपरीत हमारी अनुचित लालसाएं या उनकी पूर्ति के अनुचित उपाय हम से इन द्स आज्ञाओं में से प्रत्येक का उल्लंघन करवा सकती है। जो हमारा नहीं है, उसे पाने का लालच या लालसा हमें झूठ बुलवाती है, चोरी करवाती है, व्यभिचार करवाती है, हत्या करवाती है और माता-पिता का अनादर करवाती है। क्योंकि हमें लगता है कि केवल ६ दिन के काम के द्वारा वह सब नहीं पा सकते जिसकी हमें लालसा है, इसलिए हम सप्ताह के सातवें दिन भी, जो परमेश्वर का विश्रामदिन है, काम करते हैं और परमेश्वर से दूर हो जाते हैं, अपने शरीर और मन को थका लेते हैं, अपने परिवारों और प्रीय जनों को नज़रंदाज़ कर देते हैं। क्योंकि हम कुछ पाने की बहुत तीव्र इच्छा रखते हैं इसलिए उसे प्राप्त करने के लिए हम परमेश्वर के नाम का भी दुरुपयोग करने या उसे व्यर्थ में लेने से नहीं कतराते। क्योंकि हम परमेश्वर और परमेश्वर द्वारा होने वाली हमारी आवश्यक्ताओं की पूर्ति के स्थान पर अपनी लालसाओं की पूर्ति को अधिक महत्व देते हैं इसलिए हम धन-संपत्ति और उन मनुष्यों को अपने जीवन में परमेश्वर से अधिक महत्व देने लग जाते हैं जो हमें हमारी लालसाएं पूरी कर के दे सकते हैं।
जब हम पाप की लालसा को अपने मन-मस्तिष्क में ही रोक लेते हैं और उसे वहीं समाप्त कर देते हैं तो हम स्वयं भी पाप करने से बच जाते हैं और दूसरों को भी अपनी लालसाओं का शिकार बनाने और परेशानियों में डालने से बच जाते हैं तथा पाप के गंभीर दुष्परिणामों से बच जाते हैं।
लालसाओं से सचेत रहिए। - जूली ऐकैरमैन लिंक
संतुष्टि यह पहचानने में है कि परमेश्वर ने जो कुछ मेरे लिए आवश्यक है वह पहले ही से मुझे उपलब्ध करवा रखा है।
बाइबल पाठ: - निर्गमन २०:१-१७
Exo 20:1 तब परमेश्वर ने ये सब वचन कहे,
Exo 20:2 कि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूं, जो तुझे दासत्व के घर अर्थात मिस्र देश से निकाल लाया है।
Exo 20:3 तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर करके न मानना।
Exo 20:4 तू अपने लिये कोई मूर्ती खोदकर न बनाना, न किसी कि प्रतिमा बनाना, जो आकाश में, वा पृथ्वी पर, वा पृथ्वी के जल में है।
Exo 20:5 तू उनको दण्डवत् न करना, और न उनकी उपासना करना; क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखने वाला ईश्वर हूं, और जो मुझ से बैर रखते है, उनके बेटों, पोतों, और परपोतों को भी पितरों का दण्ड दिया करता हूं,
Exo 20:6 और जो मुझ से प्रेम रखते और मेरी आज्ञाओं को मानते हैं, उन हजारों पर करूणा किया करता हूं।
Exo 20:7 तू अपने परमेश्वर का नाम व्यर्थ न लेना, क्योंकि जो यहोवा का नाम व्यर्थ ले वह उसको निर्दोष न ठहराएगा।
Exo 20:8 तू विश्रामदिन को पवित्र मानने के लिये स्मरण रखना।
Exo 20:9 छ: दिन तो तू परिश्रम करके अपना सब काम काज करना;
Exo 20:10 परन्तु सातवां दिन तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये विश्रामदिन है। उस में न तो तू किसी भांति का काम काज करना, और न तेरा बेटा, न तेरी बेटी, न तेरा दास, न तेरी दासी, न तेरे पशु, न कोई परदेशी जो तेरे फाटकों के भीतर हो।
Exo 20:11 क्योंकि छ: दिन में यहोवा ने आकाश, और पृथ्वी, और समुद्र, और जो कुछ उन में है, सब को बनाया, और सातवें दिन विश्राम किया; इस कारण यहोवा ने विश्रामदिन को आशीष दी और उसको पवित्र ठहराया।।
Exo 20:12 तू अपने पिता और अपनी माता का आदर करना, जिस से जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उस में तू बहुत दिन तक रहने पाए।
Exo 20:13 तू खून न करना।
Exo 20:14 तू व्यभिचार न करना।
Exo 20:15 तू चोरी न करना।
Exo 20:16 तू किसी के विरूद्ध झूठी साक्षी न देना।
Exo 20:17 तू किसी के घर का लालच न करना; न तो किसी की स्त्री का लालच करना, और न किसी के दास-दासी, वा बैल गदहे का, न किसी की किसी वस्तु का लालच करना।
एक साल में बाइबल:
- अय्युब ३४-३५
- प्रेरितों १५:१-२१