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सोमवार, 31 मई 2021

आवश्यकता

 

          संसार के अन्य शहरों के समान, पेरिस के बाहरी भाग में भी, लोग अपने समाज के बेघर लोगों की सहायता के लिए आगे आ रहे हैं। अन्दर के समान को पानी से खराब न होने देने वाले थैलों में कपड़े डालकर, गलियों में रहने वाले बेघर लोगों के लिए निर्धारित स्थानों पर टांग दिए जाते हैं। उन थैलों पर लिखा होता है: “मैं तुम्हारी दशा के प्रति उदासीन नहीं हूँ; यदि तुम्हें ठंड लग रही है, तो मैं तुम्हारे लिए हूँ।” यह प्रयास न केवल उन बेघर लोगों को गर्म रखता है, वरन समाज को उनकी सहायता करना भी सिखाता है जो किसी आवश्यकता में हैं।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में कंगालों की सहायता करने के महत्व को बताया गया है, और निर्देश दिया गया है कि उनके प्रति “हाथ ढीला” रखें (व्यवस्थाविवरण 15:11)। हमारे सामने निर्धनों के कष्ट के प्रति आँखें मूँद लेने, और जो संसाधन परमेश्वर ने हमें प्रदान किए हैं उन्हें अपने ही लिए जकड़ कर रखने का प्रलोभन हो सकता है। किन्तु परमेश्वर हमें चुनौती देता है कि क्योंकि आवश्यकता में पड़े लोग हमारे चारों ओर सदा ही होंगे, इसलिए हम उनके प्रति उदार रवैया रखें (पद 10)। प्रभु यीशु ने कहा कि निर्धनों को देने के द्वारा हम स्वर्ग में एक स्थाई धन एकत्रित करते हैं (लूका 12:33)।

          हो सकता है कि परमेश्वर के अतिरिक्त और कोई हमारी उदारता को न जानने पाए; किन्तु जब हम उदारता से देते हैं तो हम न केवल अपने आस-पास के लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं वरन उस आनन्द का भी अनुभव करते हैं जो दूसरों की सहायता करने के द्वारा परमेश्वर हमें देता है।

          प्रभु परमेश्वर हमें ऐसा मन दे कि हमारे पास आवश्यकता में पड़े लोगों को देखने वाली आँखें और उदारता से उनकी सहायता के लिए बढ़ने वाले हाथ हों। जैसे प्रभु हमारी आवश्यकता पूरी करता है, वैसे ही हम भी औरों की आवश्यकताओं को पूरा करने में योगदान दें। - कर्स्टन होल्मबर्ग

 

उदारता परमेश्वर के सप्रेम और विश्वासयोग्य प्रावधानों में हमारे भरोसे को व्यक्त करती है।


अपनी संपत्ति बेचकर दान कर दो; और अपने लिये ऐसे बटुए बनाओ, जो पुराने नहीं होते, अर्थात स्वर्ग पर ऐसा धन इकट्ठा करो जो घटता नहीं और जिस के निकट चोर नहीं जाता, और कीड़ा नहीं बिगाड़ता। क्योंकि जहां तुम्हारा धन है, वहां तुम्हारा मन भी लगा रहेगा। - लूका 12:33-34

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 15:7-11

व्यवस्थाविवरण 15:7 जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसके किसी फाटक के भीतर यदि तेरे भाइयों में से कोई तेरे पास दरिद्र हो, तो अपने उस दरिद्र भाई के लिये न तो अपना हृदय कठोर करना, और न अपनी मुट्ठी कड़ी करना;

व्यवस्थाविवरण 15:8 जिस वस्तु की घटी उसको हो, उसका जितना प्रयोजन हो उतना अवश्य अपना हाथ ढीला कर के उसको उधार देना।

व्यवस्थाविवरण 15:9 सचेत रह कि तेरे मन में ऐसी अधम चिन्ता न समाए, कि सातवां वर्ष जो छुटकारे का वर्ष है वह निकट है, और अपनी दृष्टि तू अपने उस दरिद्र भाई की ओर से क्रूर कर के उसे कुछ न दे, और वह तेरे विरुद्ध यहोवा की दुहाई दे, तो यह तेरे लिये पाप ठहरेगा।

व्यवस्थाविवरण 15:10 तू उसको अवश्य देना, और उसे देते समय तेरे मन को बुरा न लगे; क्योंकि इसी बात के कारण तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे सब कामों में जिन में तू अपना हाथ लगाएगा तुझे आशीष देगा।

व्यवस्थाविवरण 15:11 तेरे देश में दरिद्र तो सदा पाए जाएंगे, इसलिये मैं तुझे यह आज्ञा देता हूं कि तू अपने देश में अपने दीन-दरिद्र भाइयों को अपना हाथ ढीला कर के अवश्य दान देना।

 

एक साल में बाइबल: 

  • इतिहास 13-14
  • यूहन्ना 12:1-26