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शनिवार, 6 अक्तूबर 2018

प्रार्थना और आराधना



      न्यू यॉर्क शहर में जोखिम में जीवन जी रहे किशारों तथा युवकों के मध्य कार्य करने वाली एक मसीही सेवकाई, टीन चैलेन्ज, का आरंभ प्रार्थना के प्रति एक असामान्य समर्पण के द्वारा हुआ। इस सेवकाई के संस्थापक, डेविड विलकिरसन ने अपना टेलिविज़न सेट बेचा और अपने टी.वी. देखने के प्रतिदिन के दो घंटों के समय का उपयोग प्रभु परमेश्वर से प्रार्थना करने, उसकी आराधना करने में बिताना आरंभ कर दिया। इसके बाद के महीनों में न केवल उसे अपने इस नए प्रयास के विषय नई स्पष्टता और मार्गदर्शन मिला, वरन उन्होंने परमेश्वर की आराधना करने और उससे प्रार्थना में माँगने के बीच के संतुलन को भी समझा और सीखा।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में, मंदिर के निर्माण के बाद उसके समर्पण के समय राजा सुलेमान ने जो प्रार्थना की, हम उसमें इन दोनों बातों के संतुलन को देखते हैं। सुलेमान ने आरंभ किया परमेश्वर की पवित्रता और विश्वासयोग्यता पर बल देने के द्वारा। फिर उसने इस निर्माण योजना के सफलतापूर्वक पूर्ण होने का श्रेय परमेश्वर को दिया, और परमेश्वर की महानता के विषय कहा, “परन्तु क्या परमेश्वर सचमुच मनुष्यों के संग पृथ्वी पर वास करेगा? स्वर्ग में वरन सब से ऊंचे स्वर्ग में भी तू नहीं समाता, फिर मेरे बनाए हुए इस भवन में तू क्योंकर समाएगा?” (2 इतिहास 6:18)।

      परमेश्वर के महान नाम को ऊँचा उठाने और उसकी आराधना के बाद, सुलेमान ने निवेदन किया कि परमेश्वर मंदिर में होने वाली प्रत्येक बात पर विशेष ध्यान लगाए। सुलेमान ने परमेश्वर से इस्राएल पर दया और अनुग्रह बनाए रखने, पाप अंगीकार करने पर उन्हें क्षमा करने, और उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करते रहने का निवेदन किया।

      सुलेमान की प्रार्थना के तुरंत बाद, “जब सुलैमान यह प्रार्थना कर चुका, तब स्वर्ग से आग ने गिर कर होमबलियों तथा और बलियों को भस्म किया, और यहोवा का तेज भवन में भर गया” (7:1)। परमेश्वर की ओर से मोलने वाले इस विलक्षण प्रत्युत्तर से हम स्मरण रख सकते हैं कि जिस महान परमेश्वर की हम आराधना करते हैं, जिससे हम प्रार्थनाएं करते हैं, वह हमारी प्रार्थनाओं को सुनकर उनका उत्तर भी देता है, हमारे विनतियों के प्रति संवेदनशील रहता है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रार्थना हमें बातों को परमेश्वर के दृष्टिकोण से देखने में सहायता करती है।

तब यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन हो कर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी हो कर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुन कर उनका पाप क्षमा करूंगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूंगा। - 2 इतिहास 7:14

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 6:10-21
2 Chronicles 6:10 यह वचन जो यहोवा ने कहा था, उसे उसने पूरा भी किया है; ओर मैं अपने पिता दाऊद के स्थान पर उठ कर यहोवा के वचन के अनुसार इस्राएल की गद्दी पर विराजमान हूँ, और इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के नाम के इस भवन को बनाया है।
2 Chronicles 6:11 और इस में मैं ने उस सन्दूक को रख दिया है, जिस में यहोवा की वह वाचा है, जो उसने इस्राएलियों से बान्धी थी।
2 Chronicles 6:12 तब वह इस्राएल की सारी सभा के देखते यहोवा की वेदी के साम्हने खड़ा हुआ और अपने हाथ फैलाए।
2 Chronicles 6:13 सुलैमान ने पांच हाथ लम्बी, पांच हाथ चौड़ी और तीन हाथ ऊंची पीतल की एक चौकी बनाकर आंगन के बीच रखवाई थी; उसी पर खड़े हो कर उसने सारे इस्राएल की सभा के सामने घुटने टेक कर स्वर्ग की ओर हाथ फैलाए हुए कहा,
2 Chronicles 6:14 हे यहोवा, हे इस्राएल के परमेश्वर, तेरे समान न तो स्वर्ग में और न पृथ्वी पर कोई ईश्वर है: तेरे जो दास अपने सारे मन से अपने को तेरे सम्मुख जान कर चलते हैं, उनके लिये तू अपनी वाचा पूरी करता और करुणा करता रहता है।
2 Chronicles 6:15 तू ने जो वचन मेरे पिता दाऊद को दिया था, उसका तू ने पालन किया है; जैसा तू ने अपने मुंह से कहा था, वैसा ही अपने हाथ से उसको हमारी आंखों के साम्हने पूरा भी किया है।
2 Chronicles 6:16 इसलिये अब हे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा इस वचन को भी पूरा कर, जो तू ने अपने दास मेरे पिता दाऊद को दिया था, कि तेरे कुल में मेरे साम्हने इस्राएल की गद्दी पर विराजने वाले सदा बने रहेंगे, यह हो कि जैसे तू अपने को मेरे सम्मुख जानकर चलता रहा, वैसे ही तेरे वंश के लोग अपनी चाल चलन में ऐसी चौकसी करें, कि मेरी व्यवस्था पर चलें।
2 Chronicles 6:17 अब हे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा जो वचन तू ने अपने दास दाऊद को दिया था, वह सच्चा किया जाए।
2 Chronicles 6:18 परन्तु क्या परमेश्वर सचमुच मनुष्यों के संग पृथ्वी पर वास करेगा? स्वर्ग में वरन सब से ऊंचे स्वर्ग में भी तू नहीं समाता, फिर मेरे बनाए हुए इस भवन में तू क्योंकर समाएगा?
2 Chronicles 6:19 तौभी हे मेरे परमेश्वर यहोवा, अपने दास की प्रार्थना और गिड़गिड़ाहट की ओर ध्यान दे और मेरी पुकार और यह प्रार्थना सुन, जो मैं तेरे साम्हने कर रहा हूँ।
2 Chronicles 6:20 वह यह है कि तेरी आंखें इस भवन की ओर, अर्थात इसी स्थान की ओर जिसके विषय में तू ने कहा है कि मैं उस में अपना नाम रखूंगा, रात दिन खुली रहें, और जो प्रार्थना तेरा दास इस स्थान की ओर करे, उसे तू सुन ले।
2 Chronicles 6:21 और अपने दास, और अपनी प्रजा इस्राएल की प्रार्थना जिस को वे इस स्थान की ओर मुंह किए हुए गिड़गिड़ाकर करें, उसे सुन लेना; स्वर्ग में से जो तेरा निवास स्थान है, सुन लेना; और सुन कर क्षमा करना।


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 26-27
  • फिलिप्पियों 2