महान ब्रिटिश राजनैतिज्ञ विन्सटन चर्चिल १९२० के दशक में दो दफा चुनाव हारे। १९३० के दशक में उनका कोई राजनैतिक महत्व नहीं था। लेकिन वे अपनी प्रतिभा निखारने में लगे रहे और १९४० में एंगलैंड के प्रधान मंत्री बन गए। आज वे ब्रिटेन के महान नायकों में गिने जाते हैं।
पौलुस प्रेरित एक स्वतंत्र व्यक्ति होते हुए सुसमाचार प्रचार करने के लिए रोम जाना चाहता था, लेकिन वह जब रोम पहुंचा तो बन्दी बनाया जा चुका था। ऐसा प्रतीत हुआ कि वह अपने महान उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाएगा। लेकिन बन्दी गृह से भी उसने बड़ी दृढ़ता से मसीह यीशु की गवाही और सुसमाचार दिया। पौलुस ने न केवल बन्दी गृह के सभी सैनिकों को सुसमाचार सुना दिया वरन बन्दी गृह से कई प्रभावी पत्रियां भी लिखीं जो आज भी प्रेरणा और मसीही शिक्षा के लिए बहुत उपयोगी हैं। इसलिए वह फिलिप्पी के मसीहियों को लिख सका कि, " हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है।" (फिलिप्पियों १:१२)
जब बड़ी मेहनत से बनाई हुई हमारी योजनाएं विफल हो जाती हैं, तो यह समय होता है अपनी असफलता का विशलेषण करने और उसके अनुसार उप्युक्त कदम उठाने का। यदि हम अपनी गलती को पहचान जाएं तो हम उसे सुधारने के लिए सही कदम भी उठा सकते हैं। यदि हमारी असफलता किन्ही ऐसे कारणों से है जो हमारे वश के बाहर हैं तो परमेश्वर से प्रार्थना करके उससे मांग सकते हैं कि वह इस असफलता से भी हमें सिखाए तथा असफलता में से भी हमारी लिए भलाई करके हमें निराशाओं से निकले।
यदि हम असफलता को स्थायी ना समझ लें तो असफलता असफलता नहीं रहती, वह सफलता की सीढ़ी चढ़ने का ज़रिया बन जाती है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट
हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है। - फिलिप्पियों १:१२
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों १:८-१८
Php 1:8 इस में परमेश्वर मेरा गवाह है, कि मैं मसीह यीशु की सी प्रीति करके तुम सब की लालसा करता हूं।
Php 1:9 और मैं यह प्रार्थना करता हूं, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए।
Php 1:10 यहां तक कि तुम उत्तम से उत्तम बातों को प्रिय जानो, और मसीह के दिन तक सच्चे बने रहो और ठोकर न खाओ।
Php 1:11 और उस धामिर्कता के फल से जो यीशु मसीह के द्वारा होते हैं, भरपूर होते जाओ जिस से परमेश्वर की महिमा और स्तुति होती रहे।
Php 1:12 हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है।
Php 1:13 यहां तक कि कैसरी राज्य की सारी पलटन और शेष सब लोगों में यह प्रगट हो गया है कि मैं मसीह के लिये कैद हूं।
Php 1:14 और प्रभु में जो भाई हैं, उन में से बहुधा मेरे कैद होने के कारण, हियाव बान्ध कर, परमेश्वर का वचन निधड़क सुनाने का और भी हियाव करते हैं।
Php 1:15 कितने तो डाह और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं और कितने भली मनसा से।
Php 1:16 कई एक तो यह जान कर कि मैं सुसमाचार के लिये उत्तर देने को ठहराया गया हूं प्रेम से प्रचार करते हैं।
Php 1:17 और कई एक तो सीधाई से नहीं पर विरोध से मसीह की कथा सुनाते हैं, यह समझ कर कि मेरी कैद में मेरे लिये क्लेश उत्पन्न करें।
Php 1:18 सो क्या हुआ केवल यह, कि हर प्रकार से चाहे बहाने से, चाहे सच्चाई से, मसीह की कथा सुनाई जाती है, और मैं इस से आनन्दित हूं, और आनन्दित रहूंगा भी।
एक साल में बाइबल:
पौलुस प्रेरित एक स्वतंत्र व्यक्ति होते हुए सुसमाचार प्रचार करने के लिए रोम जाना चाहता था, लेकिन वह जब रोम पहुंचा तो बन्दी बनाया जा चुका था। ऐसा प्रतीत हुआ कि वह अपने महान उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाएगा। लेकिन बन्दी गृह से भी उसने बड़ी दृढ़ता से मसीह यीशु की गवाही और सुसमाचार दिया। पौलुस ने न केवल बन्दी गृह के सभी सैनिकों को सुसमाचार सुना दिया वरन बन्दी गृह से कई प्रभावी पत्रियां भी लिखीं जो आज भी प्रेरणा और मसीही शिक्षा के लिए बहुत उपयोगी हैं। इसलिए वह फिलिप्पी के मसीहियों को लिख सका कि, " हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है।" (फिलिप्पियों १:१२)
जब बड़ी मेहनत से बनाई हुई हमारी योजनाएं विफल हो जाती हैं, तो यह समय होता है अपनी असफलता का विशलेषण करने और उसके अनुसार उप्युक्त कदम उठाने का। यदि हम अपनी गलती को पहचान जाएं तो हम उसे सुधारने के लिए सही कदम भी उठा सकते हैं। यदि हमारी असफलता किन्ही ऐसे कारणों से है जो हमारे वश के बाहर हैं तो परमेश्वर से प्रार्थना करके उससे मांग सकते हैं कि वह इस असफलता से भी हमें सिखाए तथा असफलता में से भी हमारी लिए भलाई करके हमें निराशाओं से निकले।
यदि हम असफलता को स्थायी ना समझ लें तो असफलता असफलता नहीं रहती, वह सफलता की सीढ़ी चढ़ने का ज़रिया बन जाती है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट
अधिकांश सफलताएं अनेक असफलताओं के बाद आतीं हैं।
हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है। - फिलिप्पियों १:१२
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों १:८-१८
Php 1:8 इस में परमेश्वर मेरा गवाह है, कि मैं मसीह यीशु की सी प्रीति करके तुम सब की लालसा करता हूं।
Php 1:9 और मैं यह प्रार्थना करता हूं, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए।
Php 1:10 यहां तक कि तुम उत्तम से उत्तम बातों को प्रिय जानो, और मसीह के दिन तक सच्चे बने रहो और ठोकर न खाओ।
Php 1:11 और उस धामिर्कता के फल से जो यीशु मसीह के द्वारा होते हैं, भरपूर होते जाओ जिस से परमेश्वर की महिमा और स्तुति होती रहे।
Php 1:12 हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है।
Php 1:13 यहां तक कि कैसरी राज्य की सारी पलटन और शेष सब लोगों में यह प्रगट हो गया है कि मैं मसीह के लिये कैद हूं।
Php 1:14 और प्रभु में जो भाई हैं, उन में से बहुधा मेरे कैद होने के कारण, हियाव बान्ध कर, परमेश्वर का वचन निधड़क सुनाने का और भी हियाव करते हैं।
Php 1:15 कितने तो डाह और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं और कितने भली मनसा से।
Php 1:16 कई एक तो यह जान कर कि मैं सुसमाचार के लिये उत्तर देने को ठहराया गया हूं प्रेम से प्रचार करते हैं।
Php 1:17 और कई एक तो सीधाई से नहीं पर विरोध से मसीह की कथा सुनाते हैं, यह समझ कर कि मेरी कैद में मेरे लिये क्लेश उत्पन्न करें।
Php 1:18 सो क्या हुआ केवल यह, कि हर प्रकार से चाहे बहाने से, चाहे सच्चाई से, मसीह की कथा सुनाई जाती है, और मैं इस से आनन्दित हूं, और आनन्दित रहूंगा भी।
एक साल में बाइबल:
- १ शमूएल १०-१२
- लूका ९:३७-६२