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सोमवार, 1 अप्रैल 2013

पुनरुत्थान और जीवन


   प्रभु यीशु ने कहा, "पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ!" ऐसा दबंग दावा करना एक बात है और उसे प्रमाणित करना दूसरी। लेकिन प्रभु यीशु ने मृतकों में से पुनरुत्थान के द्वारा अपने इस दावे को प्रमाणित भी कर दिखाया।

   जॉर्ज मैकडौनल्ड ने लिखा, "यदि आप यह विश्वास करते हैं कि परमेश्वर का पुत्र मारा गया और फिर मृतकों में से जी उठा, तो आपका जीवन और भविष्य उस अनन्त काल के प्रभात से परिपूर्ण है जो जीवन के पहाड़ों के ऊपर उदय हो रहा है, और आपके पास एक ऐसी आशा है जिसकी कलपना भी किसी कवि की उच्चतम कलपना से परे है।"

   परमेश्वर का पुत्र मारा गया और फिर जी उठा और उसका यह पुनरुत्थान इस बात का निश्चय है कि उसपर विश्वास करने वालों को भी परमेश्वर अनन्त काल के आशीषित जीवन के लिए ऐसे ही पुनः जीवित कर उठाएगा; एक सोचने, समझने, स्मरण और संवेदना रखने वाले स्वरूप तथा व्यक्तित्व में वे सदा काल तक परमेश्वर के साथ जीवित रहेंगे।

   प्रभु यीशु के विश्वासी अपने उन प्रीय जनों और संबंधियों से फिर से मिलने और उनके साथ हमेशा के लिए बने रहने, जिन्हें मृत्यु ने हम से अलग कर दिया है; सदा ही एक ऐसे स्थान पर निवास करने जहाँ कोई दुखः नहीं है; हमें सब कुछ देने वाले अपने उद्धारकर्ता और प्रेमी तथा करुणामय प्रभु को हमेशा देखते रहने और सदा उसके साथ बने रहने का जीवन आदि कुछ बातें हैं जो हमारे मनों में परमेश्वर द्वारा दी गई अनन्त की आशा और सदा काल के जीविन के साथ जुड़ी हैं।

   केवल इतना ही नहीं, क्योंकि हमारे पास उस आते जीवन का निश्चय और धन्य आशा है, इसलिए हम इस कमज़ोर और दुखों से ग्रसित शरीर में पृथ्वी का अपना यह थोड़ा सा समय शांति के साथ बिता सकते हैं; हम यहाँ की दरिद्रता और कठिनाईयाँ सह सकते हैं; हम एकाकीपन, मनोव्यथा और क्लेष सह सकते हैं "क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्‍लेश हमारे लिये बहुत ही महत्‍वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है" (2 कुरिन्थियों 4:17)।

   प्रभु यीशु का पुनरुत्थान उसके सभी विश्वासियों के लिए इस जीवन में बेबयान शांति और स्वर्ग में अनन्त जीवन का निश्चय है। क्या यह निश्चय और भविष्य की आशा आपके पास भी है? - डेविड रोपर


प्रभु यीशु का पुनरुत्थान मसीही विश्वास की नींव है।

यीशु ने उस से कहा, पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा। - यूहन्ना 11:26

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 15:1-11
1 Corinthians 15:1 हे भाइयों, मैं तुम्हें वही सुसमाचार बताता हूं जो पहिले सुना चुका हूं, जिसे तुम ने अंगीकार भी किया था और जिस में तुम स्थिर भी हो।
1 Corinthians 15:2 उसी के द्वारा तुम्हारा उद्धार भी होता है, यदि उस सुसमाचार को जो मैं ने तुम्हें सुनाया था स्मरण रखते हो; नहीं तो तुम्हारा विश्वास करना व्यर्थ हुआ।
1 Corinthians 15:3 इसी कारण मैं ने सब से पहिले तुम्हें वही बात पहुंचा दी, जो मुझे पहुंची थी, कि पवित्र शास्त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया।
1 Corinthians 15:4 ओर गाड़ा गया; और पवित्र शास्त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा।
1 Corinthians 15:5 और कैफा को तब बारहों को दिखाई दिया।
1 Corinthians 15:6 फिर पांच सौ से अधिक भाइयों को एक साथ दिखाई दिया, जिन में से बहुतेरे अब तक वर्तमान हैं पर कितने सो गए।
1 Corinthians 15:7 फिर याकूब को दिखाई दिया तब सब प्रेरितों को दिखाई दिया।
1 Corinthians 15:8 और सब के बाद मुझ को भी दिखाई दिया, जो मानो अधूरे दिनों का जन्मा हूं।
1 Corinthians 15:9 क्योंकि मैं प्रेरितों में सब से छोटा हूं, वरन प्रेरित कहलाने के योग्य भी नहीं, क्योंकि मैं ने परमेश्वर की कलीसिया को सताया था।
1 Corinthians 15:10 परन्तु मैं जो कुछ भी हूं, परमेश्वर के अनुग्रह से हूं: और उसका अनुग्रह जो मुझ पर हुआ, वह व्यर्थ नहीं हुआ परन्तु मैं ने उन सब से बढ़कर परिश्रम भी किया: तौभी यह मेरी ओर से नहीं हुआ परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह से जो मुझ पर था।
1 Corinthians 15:11 सो चाहे मैं हूं, चाहे वे हों, हम यही प्रचार करते हैं, और इसी पर तुम ने विश्वास भी किया।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायीयों 13-15 
  • लूका 6:27-49