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सोमवार, 11 नवंबर 2013

सच्ची सुरक्षा


   शीत युद्ध के दिनों में - जो विश्व की दो महा-शक्तियों रूस और अमेरिका के बीच 20वीं सदी के दूसरे अर्ध-भाग में अत्यंत तनाव का समय था, अमेरिका के निवासी किसी भी समय घटित हो सकने वाले परमाणु युद्ध के भय में रहते थे। मुझे स्मरण है कि 1962 में क्यूबा में रुस द्वारा परमाणु मिसाइल लाने के प्रयास किए जाने से उत्पन्न संकट के समय हम विनाश के बहुत निकट आ गए थे। वह बड़ी उत्सुकता का समय था। उन दिनों की यादों में से आज मुझे एक बात की याद बड़ी विचित्र लगती है - हमारे स्कूल में होने वाला सुरक्षा अभ्यास। उस अभ्यास के लिए अचानक ही संकट सूचक घंटी बजती और हम सब जल्दी से सब कार्य छोड़कर अपने अपने डेस्क के नीचे छुप कर बैठ जाते, जब तक कि खतरा टलने की घंटी नहीं बजती थी - परमाणु हमले से बचने के लिए! आज मैं जानता हूँ और सोचता हूँ कि यदि वास्तव में परमाणु हमला होता तो हमारा वह डेस्क के नीचे जा छिपना हमारी लिए किसी भी रीति से ज़रा भी लाभदयाक नहीं हो सकता था। उस अभ्यास ने हमें सुरक्षा कि एक झूठी दिलासा तो दी लेकिन वह थी बिलकुल व्यर्थ।

   चाहे आज हम उसी स्तर के परमाणु खतरे का सामना नहीं कर रहे हैं, लेकिन फिर भी कई बातें हैं जो हमारे लिए संकट उत्पन्न कर सकती हैं, उनमें से कुछ हैं आत्मिक एवं आध्यात्मिक खतरे। परमेश्वर का वचन बाइबल, इफिसियों 6:12 में हम मसीही विश्वासियों को स्मरण दिलाती है, "क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लोहू और मांस से नहीं, परन्तु प्रधानों से और अधिकारियों से, और इस संसार के अन्धकार के हाकिमों से, और उस दुष्‍टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं"। ये वास्तव में शक्तिशाली शत्रु हैं, लेकिन परमेश्वर के प्रेम की सुरक्षा भी हमारे साथ है (रोमियों 8:35, 38-39)। लेकिन साथ ही हमारे परमेश्वर पिता ने हमें, और उन सभी को जो मसीह यीशु पर विश्वास लाते हैं एक आत्मिक सुरक्षा कवच तथा हथियार भी दिए हैं - इफिसियों 6:13-17, जिन्हें हमें सदा ही धारण किए रहना है क्योंकि शत्रु शैतान और उसकि सेनाओं का खतरा सदा ही हमारे लिए बना रहता है।

   इस सुरक्षा कवच और आत्मिक हथियार को सदा धारण किए रहने के परिणामस्वरूप, जब भी हम मसीही विश्वासियों पर किसी शत्रु का कोई हमला होता है तब, "...इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं" (रोमियों 8:37)। परमेश्वर पिता में और उसके द्वारा हमें सच्ची और कारगर सुरक्षा मिली है। यह सुरक्षा प्रत्येक आत्मिक परिस्थिति में उपयोगी है, प्रभावी है, जयवंत है।

   क्या आप के पास भी यह सच्ची सुरक्षा है? यदि नहीं तो प्रभु यीशु में पापों की क्षमा और विश्वास द्वारा आप इसे इसी क्षण पा सकते हैं; अवसर का लाभ उठाएं और परमेश्वर की आधीनता तथा सुरक्षा में आ जाएं। - बिल क्राउडर


सच्ची सुरक्षा खतरे की अनुपस्थिति में नहीं परमेश्वर की उपस्थिति में है।

क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई, न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी। - रोमियों 8:38-39

बाइबल पाठ: इफिसियों 6:10-18
Ephesians 6:10 निदान, प्रभु में और उस की शक्ति के प्रभाव में बलवन्‍त बनो। 
Ephesians 6:11 परमेश्वर के सारे हथियार बान्‍ध लो; कि तुम शैतान की युक्तियों के साम्हने खड़े रह सको। 
Ephesians 6:12 क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लोहू और मांस से नहीं, परन्तु प्रधानों से और अधिकारियों से, और इस संसार के अन्धकार के हाकिमों से, और उस दुष्‍टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं। 
Ephesians 6:13 इसलिये परमेश्वर के सारे हथियार बान्‍ध लो, कि तुम बुरे दिन में साम्हना कर सको, और सब कुछ पूरा कर के स्थिर रह सको। 
Ephesians 6:14 सो सत्य से अपनी कमर कसकर, और धार्मिकता की झिलम पहिन कर। 
Ephesians 6:15 और पांवों में मेल के सुसमाचार की तैयारी के जूते पहिन कर। 
Ephesians 6:16 और उन सब के साथ विश्वास की ढाल ले कर स्थिर रहो जिस से तुम उस दुष्‍ट के सब जलते हुए तीरों को बुझा सको। 
Ephesians 6:17 और उद्धार का टोप, और आत्मा की तलवार जो परमेश्वर का वचन है, ले लो। 
Ephesians 6:18 और हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और बिनती करते रहो, और इसी लिये जागते रहो, कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार बिनती किया करो।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 50 
  • इब्रानियों 8