जैसे-जैसे
मेरी आयु बढ़ रही है, मैं अधिकाधिक जोड़ों के दर्द को अनुभव कर रही हूँ, विशेषकर तब
जब मौसम ठण्डा होता है। कुछ दिन तो ऐसे होते हैं जिनमें मैं अपने अप को विजेता काम
और वृद्धावस्था की चुनौतियों से हारी हुए वरिष्ठ नागरिक अधिक अनुभव करती हूँ।
इसीलिए
मेरा एक नायक परमेश्वर के वचन बाइबल में मुझ से अधिक आयु वाला व्यक्ति कालेब है।
कालेब उन बारह भेदियों में से एक था जिन्हें मूसा ने वाचा किए हुए देश कनान का भेद
लेने के लिए भेजा था (गिनती 13-14)। उन बारहों, जिनपर परमेश्वर का अनुग्रह हुआ कि
वे वाचा किए हुए देश में प्रवेश करें, में से केवल कालेब और यहोशू ही थे जिन्होंने
वहाँ की अच्छी रिपोर्ट नहीं दी; शेष सभी ने उस देश के विषय बुरी रिपोर्ट ही दी। अब
गिनती 14 में कालेब के लिए समय आ गया है कि वह अपने हिस्से की भूमि को प्राप्त
करे। किन्तु वहाँ पर अभी भी शत्रु थे, जिन्हें भगाना शेष था। कालेब सेवानिवृत्ति
लेकर युद्ध को जवान पीढ़ी के लिए छोड़ने वालों में से नहीं था। कालेब ने कहा, “इसलिये
अब वह पहाड़ी मुझे दे जिसकी चर्चा यहोवा ने उस दिन की थी; तू ने तो उस दिन सुना होगा कि उस में अनाकवंशी रहते हैं, और बड़े बड़े गढ़ वाले नगर भी हैं; परन्तु क्या जाने
सम्भव है कि यहोवा मेरे संग रहे, और उसके कहने के अनुसार मैं
उन्हें उनके देश से निकाल दूं” (यहोशू 14:12)।
“सम्भव
है कि यहोवा मेरे संग रहे” यही वह मानसिकता है जिससे कालेब युद्ध के लिए सदा सक्षम
रहा करता था। उसका ध्यान अपनी सामर्थ्य अथवा बढ़ती हुई आयु पर नहीं वरन परमेश्वर की
सामर्थ्य पर लगा रहता था। उसका भरोसा था कि जो कुछ भी करना आवश्यक होगा, परमेश्वर
वह करने में उसकी सहायता करेगा।
हम
से अधिकाँश एक आयु पर पहुंच जाने के पश्चात कोई बड़ा काम हाथ में लेना नहीं चाहते
हैं। परन्तु हमारी आयु चाहे जो भी हो, हम परमेश्वर के लिए फिर भी बड़े कार्य कर
सकते हैं। जब कालेब के समान अवसर हमारे सामने आएं, तो हमें उन से बच कर निकलने का
प्रयास नहीं करना चाहिए। परमेश्वर की सहायता से, हम उनपर विजयी हो सकते हैं। -
लिंडा वॉशिंगटन
जो मुझे सामर्थ्य देता है उस में मैं सब
कुछ कर सकता हूं। - फिलिप्पियों 4:13
धर्मी लोग खजूर के समान फूले फलेंगे,
और लबानोन के देवदार के समान बढ़ते रहेंगे। वे यहोवा के भवन में
रोपे जा कर, हमारे परमेश्वर के आंगनों में फूले फलेंगे। वे
पुराने होने पर भी फलते रहेंगे, और रस भरे और लहलहाते रहेंगे
– भजन 92:12-14
बाइबल पाठ: यहोशू 14:7-15
Joshua 14:7 जब यहोवा के दास मूसा ने मुझे
इस देश का भेद लेने के लिये कादेशबर्ने से भेजा था तब मैं चालीस वर्ष का था;
और मैं सच्चे मन से उसके पास सन्देश ले आया।
Joshua 14:8 और मेरे साथी जो मेरे संग गए
थे उन्होंने तो प्रजा के लोगों को निराश कर दिया, परन्तु मैं
ने अपने परमेश्वर यहोवा की पूरी रीति से बात मानी।
Joshua 14:9 तब उस दिन मूसा ने शपथ खाकर
मुझ से कहा, तू ने पूरी रीति से मेरे परमेश्वर यहोवा की बातों
का अनुकरण किया है, इस कारण नि:सन्देह जिस भूमि पर तू अपने
पांव धर आया है वह सदा के लिये तेरा और तेरे वंश का भाग होगी।
Joshua 14:10 और अब देख, जब से यहोवा ने मूसा से यह वचन कहा था तब से पैंतालीस वर्ष हो चुके हैं,
जिन में इस्राएली जंगल में घूमते फिरते रहे; उन
में यहोवा ने अपने कहने के अनुसार मुझे जीवित रखा है; और अब
मैं पचासी वर्ष का हूं।
Joshua 14:11 जितना बल मूसा के भेजने के
दिन मुझ में था उतना बल अभी तक मुझ में है; युद्ध करने,
वा भीतर बाहर आने जाने के लिये जितनी उस समय मुझ मे सामर्थ्य थी
उतनी ही अब भी मुझ में सामर्थ्य है।
Joshua 14:12 इसलिये अब वह पहाड़ी मुझे दे
जिसकी चर्चा यहोवा ने उस दिन की थी; तू ने तो उस दिन सुना
होगा कि उस में अनाकवंशी रहते हैं, और बड़े बड़े गढ़ वाले
नगर भी हैं; परन्तु क्या जाने सम्भव है कि यहोवा मेरे संग
रहे, और उसके कहने के अनुसार मैं उन्हें उनके देश से निकाल
दूं।
Joshua 14:13 तब यहोशू ने उसको आशीर्वाद
दिया; और हेब्रोन को यपुन्ने के पुत्र कालेब का भाग कर दिया।
Joshua 14:14 इस कारण हेब्रोन कनजी यपुन्ने
के पुत्र कालेब का भाग आज तक बना है, क्योंकि वह इस्राएल के
परमेश्वर यहोवा का पूरी रीति से अनुगामी था।
Joshua 14:15 पहिले समय में तो हेब्रोन का
नाम किर्यतर्बा था; वह अर्बा अनाकियों में सब से बड़ा पुरूष
था। और उस देश को लड़ाई से शान्ति मिली।
एक साल में बाइबल:
- योएल 1-3
- प्रकाशितवाक्य 5