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शनिवार, 30 दिसंबर 2017

विश्राम


   मैं अपने एक मित्र के साथ एक अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में बैठा हुआ था, और आस-पास के अन्य मरीज़ों की पीड़ा से कराहने के आवाज़ों से विचलित हो रहा था। मैंने अपने मित्र और अन्य मरीज़ों के लिए प्रार्थना करते हुए एक बार फिर एहसास किया कि इस पृथ्वी पर हमारा जीवन कितना क्षणिक और भंगुर है। मुझे जिम रीव्ज़ द्वारा गाया हुआ एक गीत स्मरण हो आया, जिसमें वह कह रहा है कि यह संसार हमारा घर नहीं है, हम बस इसमें से हो कर गुज़र रहे हैं। हमारे इस संसार में थकान, दुःख, भूख, ऋण, ग़रीबी, बीमारी और मृत्यु भरे हुए हैं। परन्तु फिर भी हमें इस संसार और उसकी परिस्थितियों में से होकर निकलना ही है। इस लिए प्रभु यीशु द्वारा संसार के सभी लोगों को विश्राम पाने का निमंत्रण सामयिक और सुखद है: "हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा" (मत्ती 11:28)।

   शायद ही ऐसा कोई अंतिम संस्कार हुआ होगा जिसमें परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु के शिष्य, प्रेरित यूहन्ना द्वारा युगान्त और नए युग के आरंभ से संबंधित भविष्यवाणी की "नए आकाश और नई पृथ्वी" की बात दोहराई न जाती हो (प्रकाशितवाक्य 21:1-5)। बाइबल का यह खण्ड निश्चय ही अंतिम संसकारों के समय के लिए महत्व का है; परन्तु यह खण्ड मृतकों से अधिक जीवतों के लिए महत्व का है।

   प्रभु यीशु के निमंत्रण को स्वीकार कर के उसमें विश्राम प्राप्त करने का अवसर और समय पृथ्वी पर हमारे जीवन के दौरान ही है, उसके पश्चात नहीं। इस जीवन के दौरान प्रभु में विश्राम को स्वीकार कर लेने पर ही हम युगान्त पर मिलने वाली, बाइबल के प्रकाशित्वाक्य में उल्लेखित, आशीषों को प्राप्त करने पाएंगे। उन आशीषों में ऐसी अद्भुत आशीषें भी सम्मिलित हैं, जो और कहीं नहीं मिलती हैं - परमेश्वर हमारे संग निवास करेगा (पद 3)। वह हमारे सभी आँसू पोंछ डालेगा, और फिर हमें कभी किसी भी प्रकार की पीड़ा, शोक या विलाप का सामना नहीं करना पड़ेगा (पद 4)।

   प्रभु यीशु के निमंत्रण और विश्राम को स्वीकार करके अपना अनन्त भविष्य सुदृढ़ कर लीजिए। - लॉरेंस दरमानी


जब जीवन के संघर्षों से व्यथित हों, प्रभु यीशु में अपना विश्राम प्राप्त कर लें।

मनुष्य जो धरती पर मन लगा लगाकर परिश्रम करता है उस से उसको क्या लाभ होता है? उसके सब दिन तो दु:खों से भरे रहते हैं, और उसका काम खेद के साथ होता है; रात को भी उसका मन चैन नहीं पाता। यह भी व्यर्थ ही है। - सभोपदेशक 2:22-23

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 21:1-5
Revelation 21:1 फिर मैं ने नए आकाश और नयी पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहिला आकाश और पहिली पृथ्वी जाती रही थी, और समुद्र भी न रहा। 
Revelation 21:2 फिर मैं ने पवित्र नगर नए यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो। 
Revelation 21:3 फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। 
Revelation 21:4 और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। 
Revelation 21:5 और जो सिंहासन पर बैठा था, उसने कहा, कि देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं: फिर उसने कहा, कि लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्वास के योग्य और सत्य हैं। 

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 13-14
  • प्रकाशितवाक्य 21