समुद्री जीवों के एक जीव-विज्ञानी ने कहा,
“आप जब भी समुद्र की गहराईयों से कोई नमूने एकत्रित करते हैं, आप को कोई-न-कोई नई
प्रजाति मिलती है।” अभी हाल ही के एक वर्ष में, वैज्ञानिकों ने 1,451 प्रकार के
समुद्री जीवों की प्रजातियों की पहचान की। उन गहराईयों में क्या कुछ छिपा है, हम
इसका आधा भी नहीं जानते हैं।
परमेश्वर के वचन बाइबल में अय्यूब की पुस्तक
के अध्याय 38-40 में परमेश्वर ने अय्यूब के लाभ के लिए अपनी सृष्टि की समीक्षा की।
इन तीन काव्यात्मक अध्यायों में परमेश्वर ने मौसम के आश्चर्यों, सृष्टि की
विशालता, और उनके विभिन्न निवास स्थानों में प्राणियों की विविधता के बारे में
बातें कीं। फिर परमेश्वर ने रहस्यमयी लिव्यतान के बारे में बताया – एक पूरे अध्याय
में। लिव्यातान के समान कोई अन्य प्राणी नहीं है; उस पर भालों को विफल कर देने
वाली कवच समान चमड़ी है (अय्यूब 41:7, 13), वह प्रबल किन्तु मनोहर है (पद 12), उसके
दांत डरावने हैं (पद 14), उसके मुंह से जलते हुए पलीते निकलते
हैं, उसके नथुनों से धुआं निकलता है (पद
19, 20); धरती पर उसके तुल्य और कोई नहीं है (पद 33)।
चलिए ठीक है; परमेश्वर किसी ऐसे विशाल जन्तु
के विषय बात करता है जिसे हमने नहीं देखा है। क्या अय्यूब 41 अध्याय का यही
महत्त्व है?
नहीं! अय्यूब 41 परमेश्वर के अद्भुत चरित्र
के प्रति हमारी समझ को और विस्तृत कर देता है। भजनकार ने इसे और समझा कर लिखते हुए
कहा, “इसी प्रकार समुद्र बड़ा और बहुत ही चौड़ा है, और उस में अनगिनित जलचर जीव- जन्तु, क्या छोटे, क्या
बड़े भरे पड़े हैं। उस में जहाज भी आते जाते हैं, और
लिव्यातान भी जिसे तू ने वहां खेलने के लिये बनाया है” (भजन
संहिता 104:25-26)। अय्यूब में दिए गए लिव्यतान के भयावह वर्णन के बाद, हम सीखते
हैं कि परमेश्वर ने अपने सबसे भयावह जीव के खेलने के लिए भी एक स्थान बनाया है।
हमारे पास वर्तमान में खोजने के लिए समुद्र
है; और हमारे अनन्तकाल में हम हमारे भव्य परमेश्वर की रहस्यमय, अद्भुत सृष्टि को
खोजेंगे। - टिम गुस्ताफ्सन
सृष्टि
के जीव-जंतुओं की खोज हमें हमारे सृष्टिकर्ता के बारे में सिखाती है।
सर्वशक्तिमान जो
अति सामार्थी है, और जिसका भेद हम पा नहीं सकते, वह न्याय और पूर्ण धर्म को छोड़ अत्याचार नहीं कर सकता। - अय्यूब 37:23
बाइबल पाठ:
अय्यूब 41:12-34
अय्युब 41:12
मैं उसके अंगों के विषय, और उसके बड़े बल और उसकी बनावट की
शोभा के विषय चुप न रहूंगा।
अय्युब 41:13
उसके ऊपर के पहिरावे को कौन उतार सकता है? उसके दांतों की
दोनों पांतियों के अर्थात जबड़ों के बीच कौन आएगा?
अय्युब 41:14
उसके मुख के दोनों किवाड़ कौन खोल सकता है? उसके दांत चारों
ओर से डरावने हैं।
अय्युब 41:15
उसके छिलकों की रेखाएं घमण्ड का कारण हैं; वे मानो कड़ी छाप
से बन्द किए हुए हैं।
अय्युब 41:16 वे
एक दूसरे से ऐसे जुड़े हुए हैं, कि उन में कुछ वायु भी नहीं
पैठ सकती।
अय्युब 41:17 वे
आपस में मिले हुए और ऐसे सटे हुए हैं, कि अलग अलग नहीं हो
सकते।
अय्युब 41:18
फिर उसके छींकने से उजियाला चमक उठता है, और उसकी आंखें भोर
की पलकों के समान हैं।
अय्युब 41:19
उसके मुंह से जलते हुए पलीते निकलते हैं, और आग की
चिनगारियां छूटती हैं।
अय्युब 41:20
उसके नथुनों से ऐसा धुआं निकलता है, जैसा खौलती हुई हांड़ी
और जलते हुए नरकटों से।
अय्युब 41:21
उसकी सांस से कोयले सुलगते, और उसके मुंह से आग की लौ निकलती
है।
अय्युब 41:22
उसकी गर्दन में सामर्थ्य बनी रहती है, और उसके साम्हने डर
नाचता रहता है।
अय्युब 41:23
उसके मांस पर मांस चढ़ा हुआ है, और ऐसा आपस में सटा हुआ है
जो हिल नहीं सकता।
अय्युब 41:24
उसका हृदय पत्थर सा दृढ़ है, वरन चक्की के निचले पाट के समान
दृढ़ है।
अय्युब 41:25 जब
वह उठने लगता है, तब सामर्थी भी डर जाते हैं, और डर के मारे उनकी सुध बुध लोप हो जाती है।
अय्युब 41:26
यदि कोई उस पर तलवार चलाए, तो उस से कुछ न बन पड़ेगा; और न भाले और न बर्छी और न तीर से।
अय्युब 41:27 वह
लोहे को पुआल सा, और पीतल को सड़ी लकड़ी सा जानता है।
अय्युब 41:28 वह
तीर से भगाया नहीं जाता, गोफन के पत्थर उसके लिये भूसे से
ठहरते हैं।
अय्युब 41:29
लाठियां भी भूसे के समान गिनी जाती हैं; वह बर्छी के चलने पर
हंसता है।
अय्युब 41:30
उसके निचले भाग पैने ठीकरे के समान हैं, कीच पर मानो वह
हेंगा फेरता है।
अय्युब 41:31 वह
गहिरे जल को हंडे के समान मथता है: उसके कारण नील नदी मरहम की हांडी के समान होती
है।
अय्युब 41:32 वह
अपने पीछे चमकीली लीक छोड़ता जाता है। गहिरा जल मानो श्वेत दिखाई देने लगता है।
अय्युब 41:33
धरती पर उसके तुल्य और कोई नहीं है, जो ऐसा निर्भय बनाया गया
है।
अय्युब 41:34 जो
कुछ ऊंचा है, उसे वह ताकता ही रहता है, वह सब घमणिडयों के ऊपर राजा है।
एक साल में बाइबल:
- अय्यूब 41-42
- प्रेरितों 16:22-40