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गुरुवार, 30 जून 2016

वापसी


   कैड पेनिंगटन अमेरिकन फुटबॉल के भूतपूर्व खिलाड़ी हैं जिन्हें बारंबार ऐसी चोटें आई हैं जिनसे उनका पेशेवर फुटबॉल खेलना खतरे में पड़ा। दो बार अपनी चोटों के कारण उन्हें ऑपरेशन, फिर महीनों तक फिज़ियोथैरपी और उसके बाद वापस खेल के मैदान पर लौटने के प्रशिक्षण से होकर निकलना पड़ा। लेकिन दोनों ही बार ना केवल वे पेशेवर खेल में वापस आए वरन खेल का इतना श्रेष्ठ प्रदर्शन किया कि राष्ट्रीय फुटबॉल लीग ने उन्हें वर्ष का पुनःवापसी खिलाड़ी घोषित किया। पेनिंगटन के लिए उनके प्रयास फुटबॉल में उनकी पुनःवापसी के संकल्प की दृढ़ता का प्रगटिकरण थे।

   आत्मिक जीवन में जब पाप परमेश्वर से हमारे संबंध को बाधित करते हैं और उसके लिए हमारी सेवकाई को दरकिनार कर देते हैं, तो केवल हमारा दृढ़ निश्चय ही हमें परमेश्वर के साथ सही संबंध में और उसकी सेवकाई में लौटा कर नहीं लाता। जब पाप हमारे अयोग्य हो जाने का कारण होता है, तो परमेश्वर के पास हमारी पुनःवापसी का मार्ग पाप के अंगीकार और पश्चताप के द्वारा बनता है: "यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है" (1 यूहन्ना 1:9)।

   हमारे लिए आत्मिक पराजय से लौट पाना भी उसी प्रभु के अनुग्रह से संभव हो पाता है जिसने हमारे तथा समस्त संसार के सभी लोगों के उद्धार के लिए अपने आप को बलिदान कर दिया; और इसी से हमें आशा बंधती है। प्रभु यीशु मसीह जो हमारे लिए बलिदान हुआ, हमसे अनन्त प्रेम रखता है, और जैसे ही हम अपने पापों और कमियों को उसके सामने मान लेते हैं वह अपने अनुग्रह से हमें क्षमा कर देता है।

   अंगीकार के द्वारा ही हम प्रभु परमेश्वर के साथ संगति और संबंधों के पुनःस्थापन की वापसी को अनुभव कर पाते हैं; और यही किसी के भी जीवन में होने वाली सबसे महान वापसी है। - बिल क्राऊडर


पश्चाताप और अंगीकार ही पुनःस्थापन का मार्ग है।

जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया। - भजन 32:5

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 1:1-10
1 John 1:1 उस जीवन के वचन के विषय में जो आदि से था, जिसे हम ने सुना, और जिसे अपनी आंखों से देखा, वरन जिसे हम ने ध्यान से देखा; और हाथों से छूआ। 
1 John 1:2 (यह जीवन प्रगट हुआ, और हम ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और हम पर प्रगट हुआ)। 
1 John 1:3 जो कुछ हम ने देखा और सुना है उसका समाचार तुम्हें भी देते हैं, इसलिये कि तुम भी हमारे साथ सहभागी हो; और हमारी यह सहभागिता पिता के साथ, और उसके पुत्र यीशु मसीह के साथ है। 
1 John 1:4 और ये बातें हम इसलिये लिखते हैं, कि हमारा आनन्द पूरा हो जाए। 
1 John 1:5 जो समाचार हम ने उस से सुना, और तुम्हें सुनाते हैं, वह यह है; कि परमेश्वर ज्योति है: और उस में कुछ भी अन्धकार नहीं। 
1 John 1:6 यदि हम कहें, कि उसके साथ हमारी सहभागिता है, और फिर अन्धकार में चलें, तो हम झूठे हैं: और सत्य पर नहीं चलते। 
1 John 1:7 पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है। 
1 John 1:8 यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं: और हम में सत्य नहीं। 
1 John 1:9 यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। 
1 John 1:10 यदि कहें कि हम ने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं है।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 17-19
  • प्रेरितों 10:1-23


बुधवार, 29 जून 2016

प्रक्रिया


   विलियम ज़िनसर ने अपनी पुस्तक On Writing Well में लिखा है कि बहुत से लेखक अपने लेखन के अन्तिम परिणाम की चिंता से घिरे रहते हैं। वे अपने लेखन को बेच पाने की चिंता से इतने अभिभूत रहते हैं कि वे लिखते समय ध्यान से सोचने, योजना बनाने और प्रबंधन करने की प्रक्रिया को सीखने की उपेक्षा कर बैठते हैं। परिणाम होता है एक अस्त-व्यस्त पाण्डुलिपि, क्योंकि लेखक ने समाप्ति रेखा पर अपनी नज़र तो लगाए रखी किंतु उस रेखा तक की दौड़ को ध्यान देकर नहीं दौड़ा।

   मसीही विश्वासी एवं प्रचारक तथा लेखक ए. डबल्यु, टोज़र ने अपनी पुस्तक The Root of the Righteous में इसी सिद्धांत को हमारे आत्मिक जीवनों में लागू करने की बात कही है। टोज़र ने बताया है कि कैसे हम केवल फल लाने पर ध्यान देने की चिंता में उस जड़ के बारे में सोचना छोड़ देते हैं जिसके कारण वृक्ष और फल हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पतरस ने प्रथम शताबदी के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी दूसरी पत्री में चिताया कि मसीह के समान जीवन जी पाने और परमेश्वर के लिए प्रभावी सेवकाई तक पहुँच पाने के लिए एक प्रक्रिया से होकर निकलना पड़ता है। पतरस ने आत्मिक जीवन में बढोतरी के लिए एक के ऊपर दूसरे आधारित रहने वाले आठ क्षेत्रों को बताया: विश्वास, सदगुण, समझ, संयम, धीरज, भक्ति, भाईचारे की प्रीति और प्रेम (2 पतरस 1:5-7)। फिर निष्कर्ष में पतरस ने बताया कि यदि मसीही विश्वासी इन सदगुणों में बढ़ते रहेंगे "...तो तुम्हें हमारे प्रभु यीशु मसीह के पहचानने में निकम्मे और निष्‍फल न होने देंगी" (2 पतरस 1:8)।

   परमेश्वर ने हम मसीही विश्वासियों को अपनी निकटता में बढ़ने और उसे और भली-भाँति जानने की अद्भुत प्रक्रिया में सम्मिलित होने के लिए बुलाया है; साथ ही परमेश्वर ने हमें यह आश्वासन भी दिया है कि यदि हम इस प्रक्रिया के भागी होंगे तो हम उसके नाम के लिए आदर का, तथा उसकी प्रभावी सेवकाई करने वाले ठहरेंगे। - डेविड मैक्कैसलैंड


मसीही जीवन एक प्रक्रिया है जिसमें विश्वासी जीवन की हर बात में
 परमेश्वर पर पूर्ण निर्भरता रखना सीखते हैं।

सो हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है। - 1 कुरिन्थियों 15:58

बाइबल पाठ: 2 Peter 1:2-11
2 Peter 1:2 परमेश्वर के और हमारे प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा अनुग्रह और शान्‍ति तुम में बहुतायत से बढ़ती जाए। 
2 Peter 1:3 क्योंकि उसके ईश्वरीय सामर्थ ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बन्‍ध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिसने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है। 
2 Peter 1:4 जिन के द्वारा उसने हमें बहुमूल्य और बहुत ही बड़ी प्रतिज्ञाएं दी हैं: ताकि इन के द्वारा तुम उस सड़ाहट से छूट कर जो संसार में बुरी अभिलाषाओं से होती है, ईश्वरीय स्‍वभाव के समभागी हो जाओ। 
2 Peter 1:5 और इसी कारण तुम सब प्रकार का यत्‍न कर के, अपने विश्वास पर सद्गुण, और सद्गुण पर समझ। 
2 Peter 1:6 और समझ पर संयम, और संयम पर धीरज, और धीरज पर भक्ति। 
2 Peter 1:7 और भक्ति पर भाईचारे की प्रीति, और भाईचारे की प्रीति पर प्रेम बढ़ाते जाओ। 
2 Peter 1:8 क्योंकि यदि ये बातें तुम में वर्तमान रहें, और बढ़ती जाएं, तो तुम्हें हमारे प्रभु यीशु मसीह के पहचानने में निकम्मे और निष्‍फल न होने देंगी। 
2 Peter 1:9 और जिस में ये बातें नहीं, वह अन्‍धा है, और धुन्‍धला देखता है, और अपने पूर्वकाली पापों से धुल कर शुद्ध होने को भूल बैठा है। 
2 Peter 1:10 इस कारण हे भाइयों, अपने बुलाए जाने, और चुन लिये जाने को सिद्ध करने का भली भांति यत्‍न करते जाओ, क्योंकि यदि ऐसा करोगे, तो कभी भी ठोकर न खाओगे। 
2 Peter 1:11 वरन इस रीति से तुम हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्त राज्य में बड़े आदर के साथ प्रवेश करने पाओगे।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 14-16
  • प्रेरितों 9:22-43


मंगलवार, 28 जून 2016

आकर्षक


   पुराने दिनों की कहानी है, एक युवक जीविका कमाने के लिए ट्रेन में सेब बेचने का प्रयास कर रहा था। वह युवक सेबों से भरा हुआ थैला लिए हुए, ट्रेन के डब्बे के एक छोर से दुसरे तक कहता हुआ निकला, "सेब! क्या आप सेब खरिदना चाहेंगे?" डब्बे के दूसरे छोर तक पहुँचने पर उसका थैला सेबों से भरा हुआ था और जेब पैसों से खाली थी। एक व्यक्ति ने उसकी निराश हालत देखकर, उसे एक तरफ बुलाया और उससे एक सेब माँगा; उस सेब को लेकर वह डब्बे के अगले छोर पर गया, सेब को रुमाल से अच्छी तरह पोंछकर चमकता हुआ साफ किया और फिर उसे खाता हुआ डब्बे की दूसरे छोर की ओर चल निकला, साथ ही बोलता गया कि वह सेब कितना ताज़ा और अच्छे स्वाद का था। अब उसने उस युवक से कहा कि अब वह उन सेबों को बेचने का दोबारा प्रयास करे; इस बार उस युवक के सारे सेब बिक गए। अन्तर? एक व्यक्ति के व्यावाहरिक उदाहरण ने सेबों को खरीददारों के लिए आकर्षक कर दिया था।

   यह कहानी प्रभु यीशु मसीह में लाए गए विश्वास से मिलने वाली पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार को लोगों तक पहुँचाने का एक मार्ग सिखाती है - इस अद्भुत सुसमाचार को लोगों के लिए आकर्षक बनाएं; लोगों को दिखाएं कि इस सुसमाचार पर लाए गए विश्वास ने कैसे आपके जीवन में परिवर्तन किया है। परमेश्वर के वचन बाइबल की भी यही शिक्षा है; प्रेरित पौलुस ने कुलुस्से के मसीही विश्वासियों को लिखा: "अवसर को बहुमूल्य समझ कर बाहर वालों के साथ बुद्धिमानी से बर्ताव करो" (कुलुस्सियों 4:5)। जब हम अपने जीवनों में हमारे मसीही विश्वास में आने से आए परिवर्तन और सदगुणों जैसे, दया, प्रेम और अनुकंपा को दूसरों को प्रदर्शित करते हैं, तो हमारा जीवन औरों के लिए आकर्षक हो जाता है, उन्हें सोचने पर बाध्य करता है कि ऐसा परिवर्तन कैसे आया; और यही हमें उनसे समस्त संसार के सभी लोगों के लिए प्रभु यीशु के प्रेम, क्षमा, बलिदान और अनुग्रह का बयान करने का अवसर प्रदान करता है।

   व्यावाहरिक जीवन में प्रभु यीशु मसीह के सुसमाचार को जी कर दिखाएं; इससे ना केवल आपका जीवन भला तथा आकर्षक बनेगा, वरन सुसमाचार के प्रसार का कारण भी बनेगा। - डेव ब्रैनन


बदले हुए जीवन की सुन्दरता, लोगों को अन्दर से बदलने वाले की ओर आकर्षित करती है।

और तुम बड़े क्‍लेश में पवित्र आत्मा के आनन्द के साथ वचन को मान कर हमारी और प्रभु की सी चाल चलने लगे। यहां तक कि मकिदुनिया और अखया के सब विश्वासियों के लिये तुम आदर्श बने। क्योंकि तुम्हारे यहां से न केवल मकिदुनिया और अखया में प्रभु का वचन सुनाया गया, पर तुम्हारे विश्वास की, जो परमेश्वर पर है, हर जगह ऐसी चर्चा फैल गई है, कि हमें कहने की आवश्यकता ही नहीं। - 1 थिस्सुलुनीकियों 1:6-8

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 4:2-6
Colossians 4:2 प्रार्थना में लगे रहो, और धन्यवाद के साथ उस में जागृत रहो। 
Colossians 4:3 और इस के साथ ही साथ हमारे लिये भी प्रार्थना करते रहो, कि परमेश्वर हमारे लिये वचन सुनाने का ऐसा द्वार खोल दे, कि हम मसीह के उस भेद का वर्णन कर सकें जिस के कारण मैं कैद में हूं। 
Colossians 4:4 और उसे ऐसा प्रगट करूं, जैसा मुझे करना उचित है। 
Colossians 4:5 अवसर को बहुमूल्य समझ कर बाहर वालों के साथ बुद्धिमानी से बर्ताव करो। 
Colossians 4:6 तुम्हारा वचन सदा अनुग्रह सहित और सलोना हो, कि तुम्हें हर मनुष्य को उचित रीति से उत्तर देना आ जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 11-13
  • प्रेरितों 9:1-21


सोमवार, 27 जून 2016

सिद्धांत


   यह माना जाता है कि युनानी चिकित्सक हिपोक्रेटिस वर्तमान एलोपैथिक चिकित्सा विज्ञान के जनक हैं। उन्होंने चिकित्सा में नैतिक मूल्यों का पालन करने के महत्व को समझा, और एक शपथ को लिखा जिसे आज भी चिकित्सकों के लिए नैतिक मार्गदर्शिका की तरह देखा जाता है। इस शपथ का मुख्य आधार है किसी का नुकसान नहीं करने का सिद्धांत; जिसका तात्पर्य है कि चिकित्सक केवल वही करेगा जिससे उसके मरीज़ों का भला हो।

   किसी का नुकसान ना करने का यह सिद्धांत हमारे दैनिक जीवन में भी लागू होता है। यही सिद्धांत परमेश्वर के वचन बाइबल की दूसरों से प्रेम करने की शिक्षा का आधार भी है। इस प्रकार प्रेम करने के परमेश्वर के इस नियम पर चिंतन करते हुए प्रेरित पौलुस ने पाया कि प्रेम का यह सिद्धांत कई अन्य शिक्षाओं का भी आधार है: "प्रेम पड़ोसी की कुछ बुराई नहीं करता, इसलिये प्रेम रखना व्यवस्था को पूरा करना है" (रोमियों 13:10)।

   हमारे तथा समस्त जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के अनुसरण में हमें प्रतिदिन ऐसे चुनाव करने होते हैं जिनका प्रभाव दूसरों के जीवनों पर होता है। इसलिए जब हम कोई निर्णय लेने लगें तो ज़रा थम कर अपने आप से प्रश्न कर लें, "क्या यह प्रभु यीशु मसीह के दूसरों के प्रति चिंता को प्रतिबिंबित करता है, या मैं केवल अपने भले की ही चिंता के आधार पर ऐसा कर रहा हूँ?"

   दूसरों की भलाई के प्रति संवेदनशील होने का यह सिद्धांत, सारे जगत के प्रति प्रभु परमेश्वर के प्रेम को दिखाता है, जिसके अन्तर्गत परमेश्वर सबकी सहायता और सबका भला करना चाहता है (यूहन्ना 3:16)। - डेनिस फिशर


दूसरों के बोझों को उठाने में सहायक रहने की चिंता 
हमें अपने बोझों को भूलने में सहायक होती है।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: रोमियों 13:8-14
Romans 13:8 आपस के प्रेम से छोड़ और किसी बात में किसी के कर्जदार न हो; क्योंकि जो दूसरे से प्रेम रखता है, उसी ने व्यवस्था पूरी की है। 
Romans 13:9 क्योंकि यह कि व्यभिचार न करना, हत्या न करना; चोरी न करना; लालच न करना; और इन को छोड़ और कोई भी आज्ञा हो तो सब का सारांश इस बात में पाया जाता है, कि अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख। 
Romans 13:10 प्रेम पड़ोसी की कुछ बुराई नहीं करता, इसलिये प्रेम रखना व्यवस्था को पूरा करना है। 
Romans 13:11 और समय को पहिचान कर ऐसा ही करो, इसलिये कि अब तुम्हारे लिये नींद से जाग उठने की घड़ी आ पहुंची है, क्योंकि जिस समय हम ने विश्वास किया था, उस समय के विचार से अब हमारा उद्धार निकट है। 
Romans 13:12 रात बहुत बीत गई है, और दिन निकलने पर है; इसलिये हम अन्धकार के कामों को तज कर ज्योति के हथियार बान्ध लें। 
Romans 13:13 जैसा दिन को सोहता है, वैसा ही हम सीधी चाल चलें; न कि लीला क्रीड़ा, और पियक्कड़पन, न व्यभिचार, और लुचपन में, और न झगड़े और डाह में। 
Romans 13:14 वरन प्रभु यीशु मसीह को पहिन लो, और शरीर की अभिलाशाओं को पूरा करने का उपाय न करो।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 8-10
  • प्रेरितों 8:26-40


रविवार, 26 जून 2016

सहायक


   मेरा एक जानकार अपने मित्रों के साथ बालमोरल इलाके के पास शिकार करने के लिए गया था; बालमोरल का इलाका इंगलैंड की रानी की जागीर है। चलते-चलते उसके पैर में मोच आ गई और वह चलने से असमर्थ हो गया। उसने अपने मित्रों से कहा कि वे शिकार के लिए आगे चले जाएं और वह वहीं सड़क के किनारे उनके लौटने की प्रतीक्षा करेगा। उसे बैठे कुछ समय हुआ था कि एक कार वहाँ आई और उसे देखकर धीमी हुई फिर रुक गई। कार चलाने वाली महिला ने खिड़की का शीशा नीचे करके उससे पूछा कि वह ठीक तो है? उसने बताया कि उसे मोच आ गई है, वह चलने में असमर्थ है और अपने मित्रों के लौटने की प्रतीक्षा कर रहा है। महिला ने कहा, "कार में आ जाओ; मैं तुम्हें तुम्हारे ठहरने के स्थान पर छोड़ देती हूँ।" वह लंगड़ाता हुआ कार तक पहुँचा और दरवाज़ा खोलकर बैठने को ही था कि उसे एहसास हुआ कि उसकी सहायता करने वाली यह महिला स्वयं इंगलैंड की महारानी इलज़ाबेथ ही हैं!

   इंगलैंड की महारानी से इस प्रकार अनायास ही सहायता प्राप्त करना चाहे जितना भी आश्चर्यचकित करने वाला हो, लेकिन हमारे पास सहायता का एक इस से भी बढ़कर आश्चर्यचकित कर देने वाला प्रस्ताव है। इस सृष्टि का रचियता परमेश्वर स्वयं हमारे संसार में आया और हमारे समान ही एक बहुत ही सामान्य सा जीवन जिया, उसने हमारे कष्टों और परेशानियों को तथा हमारी परिस्थितियों को स्वयं अनुभव करके जाना, और उसने अपने संसाधानों के साथ हमारी सहायता सेंत-मेंत करने का प्रस्ताव हमारे सामने रखा है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने पूरे भरोसे के साथ लिखा है, "परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक" (भजन 46:1)। हमारा उद्धाकर्ता परमेश्वर हमारी सहायतार्थ सभी बातों को सह पाने के लिए हमें अपना अनुग्रह, हमें दृढ़ और सामर्थी बनाए रखने तथा मार्गदर्शन के लिए अपना जीवता वचन, हमारे प्रोत्साहन तथा हमारे लिए प्रार्थना करने के लिए मित्र देता है साथ ही यह अटल और अडिग आश्वासन भी देता है कि वह सब बातों के द्वारा अन्ततः हमारा भला ही करेगा (रोमियों 8:28)।

   जब कभी आप स्वयं को अकेला और निःसहाय अनुभव करें, अपने सदा उपलब्ध सहायक, प्रभु परमेश्वर का ध्यान करें, उसे पुकारें, उसका मार्गदर्शन लें; वह समस्त संसार के सभी लोगों से प्रेम करता है, उनकी सहायता करना चाहता है। - जो स्टोवैल


आनन्दित हों! प्रभु परमेश्वर सहायता करने वाला अधिपति है।

और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: भजन 46
Psalms 46:1 परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक। 
Psalms 46:2 इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं; 
Psalms 46:3 चाहे समुद्र गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठें।
Psalms 46:4 एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है। 
Psalms 46:5 परमेश्वर उस नगर के बीच में है, वह कभी टलने का नहीं; पौ फटते ही परमेश्वर उसकी सहायता करता है। 
Psalms 46:6 जाति जाति के लोग झल्ला उठे, राज्य राज्य के लोग डगमगाने लगे; वह बोल उठा, और पृथ्वी पिघल गई। 
Psalms 46:7 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।
Psalms 46:8 आओ, यहोवा के महाकर्म देखो, कि उसने पृथ्वी पर कैसा कैसा उजाड़ किया है। 
Psalms 46:9 वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है; वह धनुष को तोड़ता, और भाले को दो टुकड़े कर डालता है, और रथों को आग में झोंक देता है! 
Psalms 46:10 चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं! 
Psalms 46:11 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 5-7
  • प्रेरितों 8:1-25


शनिवार, 25 जून 2016

स्वर्गीय बुद्धि


   यदि कियरा विल्मोट ने अपना प्रयोग हाई स्कूल की अपनी विज्ञान कक्षा में किया होता तो संभवतः उसे "A" मिलता; परन्तु अब उस पर विसफोट करने का आरोप आ गया था। यद्यपि कियरा चाहती थी कि उसका वह प्रयोग उसकी विज्ञान शिक्षिका की जानकारी, निगरानी तथा सहमति से किया जाए, किंतु उसके सहपाठियों ने उसे वह प्रयोग कक्षा के बाहर स्वयं ही कर लेने के लिए उकसाया। उन सहपाठियों के उकसाने में आकर कियरा ने कुछ रसायनों को एक प्लास्टिक की बोतल में मिला दिया, जिससे विस्फोट हो गया; इस अप्रत्याशित घटना से उस के कुछ सहपाठी विचलित हो गए।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम ऐसे ही दबाव डाल कर कुछ करवाने की घटना पढ़ते हैं। दाऊद और उसके साथी राजा शाऊल से अपनी जान बचाने के लिए एक गुफा में छिपे हुए थे; और अनायास ही उसी गुफा में शाऊल अकेला ही आ गया (1 शमूएल 24)। दाऊद के साथियों ने उसे सलाह दी कि परमेश्वर ने उसके शत्रु को उसके हाथ में कर दिया है, और उकसाया कि दाऊद शाऊल को मार डाले (पद 4, 10)। उन लोगों का सोचना था कि यदि शाऊल मर जाएगा, तो फिर उन्हें छिप कर रहने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और दाऊद राजा बन सकेगा। परन्तु दाऊद ने शाऊल का कुछ भी नुकसान करने से स्पष्ट इन्कार कर दिया क्योंकि शाऊल "यहोवा का अभिषिक्त है" (पद 6)।

   ऐसा हमारे जीवनों में भी अनेकों बार होता है जब लोग हमें कुछ ऐसा कारने की सलाह देते हैं जो उस समय या परिस्थिति में सही, व्यावाहरिक या लाभदायक प्रतीत होता है। किंतु सांसारिक और स्वर्गीय बुद्धि में बहुत अन्तर है: "पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्‍छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है" (याकूब  3:17)। जैसे प्रेरित पौलुस ने कहा है, परमेश्वर ने हम मसीही विश्वासियों को संसार में संसार की रीति और ज्ञान के लिए नहीं वरन परमेश्वर का ज्ञान दर्शाने के लिए ठहराया है (1 कुरिन्थियों 2:6-7)। जब लोग हमें कोई कार्य करने के लिए उकसाएं, तो हमारे लिए भला होगा कि हम परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह हमें स्वर्गीय बुद्धि दे, सही मार्ग दिखाए और हर गलत कार्य से बचाए, चाहे वह कितना भी व्यावाहरिक अथवा लाभदायक क्यों ना प्रतीत हो। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


जो अपनी बुद्धिमता परमेश्वर से प्राप्त करता है, वही वास्तव में बुद्धिमान होता है।

फिर भी सिद्ध लोगों में हम ज्ञान सुनाते हैं: परन्तु इस संसार का और इस संसार के नाश होने वाले हाकिमों का ज्ञान नहीं। परन्तु हम परमेश्वर का वह गुप्‍त ज्ञान, भेद की रीति पर बताते हैं, जिसे परमेश्वर ने सनातन से हमारी महिमा के लिये ठहराया। - 1 कुरिन्थियों 2:6-7

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 24:1-10
1 Samuel 24:1 जब शाऊल पलिश्तियों का पीछा कर के लौटा, तब उसको यह समाचार मिला, कि दाऊद एनगदी के जंगल में है। 
1 Samuel 24:2 तब शाऊल समस्त इस्राएलियों में से तीन हजार को छांटकर दाऊद और उसके जनों को बनैले बकरों की चट्टानों पर खोजने गया। 
1 Samuel 24:3 जब वह मार्ग पर के भेड़शालों के पास पहुंचा जहां एक गुफा थी, तब शाऊल दिशा फिरने को उसके भीतर गया। और उसी गुफा के कोनों में दाऊद और उसके जन बैठे हुए थे। 
1 Samuel 24:4 तब दाऊद के जनों ने उस से कहा, सुन, आज वही दिन है जिसके विषय यहोवा ने तुझ से कहा था, कि मैं तेरे शत्रु को तेरे हाथ में सौंप दूंगा, कि तू उस से मनमाना बर्ताव कर ले। तब दाऊद ने उठ कर शाऊल के बागे की छोर को छिपकर काट लिया। 
1 Samuel 24:5 इसके पीछे दाऊद शाऊल के बागे की छोर काटने से पछताया। 
1 Samuel 24:6 और अपने जनों से कहने लगा, यहोवा न करे कि मैं अपने प्रभु से जो यहोवा का अभिषिक्त है ऐसा काम करूं, कि उस पर हाथ चलाऊं, क्योंकि वह यहोवा का अभिषिक्त है। 
1 Samuel 24:7 ऐसी बातें कहकर दाऊद ने अपने जनों को घुड़की लगाई और उन्हें शाऊल की हानि करने को उठने न दिया। फिर शाऊल उठ कर गुफा से निकला और अपना मार्ग लिया। 
1 Samuel 24:8 उसके पीछे दाऊद भी उठ कर गुफा से निकला और शाऊल को पीछे से पुकार के बोला, हे मेरे प्रभु, हे राजा। जब शाऊल ने फिर के देखा, तब दाऊद ने भूमि की ओर सिर झुका कर दण्डवत की। 
1 Samuel 24:9 और दाऊद ने शाऊल से कहा, जो मनुष्य कहते हैं, कि दाऊद तेरी हानि चाहता है उनकी तू क्यों सुनता है? 
1 Samuel 24:10 देख, आज तू ने अपनी आंखों से देखा है कि यहोवा ने आज गुफा में तुझे मेरे हाथ सौंप दिया था; और किसी किसी ने तो मुझ से तुझे मारने को कहा था, परन्तु मुझे तुझ पर तरस आया; और मैं ने कहा, मैं अपने प्रभु पर हाथ न चलाऊंगा; क्योंकि वह यहोवा का अभिषिक्त है।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 3-4
  • प्रेरितों 7:44-60


शुक्रवार, 24 जून 2016

मरम्मत


   अपने इंगलैंड भ्रमण के दौरान मैंने एक स्थान से वहाँ के प्रसिद्ध बोन चाईना से बने कुछ मग स्मृति-चिन्ह के लिए खरीदे। मैं उनका प्रयोग बहुत सावधानी से करती थी, किंतु फिर भी एक गिरकर टूट ही गया। हाल ही में मैंने जापान की एक कला "किंत्सूगी" के विषय में जाना, जो टूटी हुई बहुमूल्य चीज़ों को पुनःसुधारने के लिए काम आती है और मुझे अपना बोन चाईना क वह टूटा हुआ मग स्मरण हो आया। सामान्यतः जब कोई चीज़ टूट जाती है तो हम उसे पुनः प्रयोग योग्य हो जाने तक सुधार पाने में ही प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन कई सदी पहले जापान के एक कलाकार ने ठान लिया कि वह टूटे हुए बोन चाईना को फिर से सुन्दर बनाएगा। ऐसा करने के लिए वह टूटे हुए टुकड़ों को आपस में जोड़े रखने के लिए सुन्हरे गोंद का प्रयोग करने लगा। उसके ईजाद किए तरीकों से जोड़ी गई वस्तुओं में बारीक और सुनहरी धारियाँ होती हैं जो उसकी सुन्दरता को बनाती हैं।

   मानव इतिहास के प्रारंभ में ही पाप ने संसार में प्रवेश किया (उत्पत्ति 3); मनुष्य के पाप में गिरने की घटना को धर्मशास्त्री "पतन" कहते हैं, जिसका अवश्यंभावी परिणाम टूटना है। जीवन दुःखदायी होता है क्योंकि अपने टूटे जीवन के पैने और धारदार टुकड़ों से हम अपने आप को तथा दूसरों को आहत करते रहते हैं। लेकिन परमेश्वर नहीं चाहता कि हम ऐसे टूटे और दुःखदायी रहें, वह चाहता है कि हम अपने टूटे हुए जीवन को उसे समर्पित कर दें, हमारे जीवनों में उसे अपना कार्य कर लेने दें, जिससे अन्ततः हमारे टूटे जीवन सुधर और निखर कर सुन्दर कलाकृति बन जाएंगे।

   जब हम अपने आप को उसके हाथों में पूर्णतः समर्पित कर देते हैं तो एक किंत्सूगी कलाकार के समान परमेश्वर हमारी मरम्मत करता है। लेकिन हमारी मरम्मत के लिए वह किसी सुनहरे गोंद का नहीं वरन अपने पुत्र, प्रभु यीशु मसीह के कलवरी के क्रूस पर बहे लहू का उपयोग करता है। हमारे जीवनों के टूटे टुकड़े जब प्रभु यीशु के द्वारा मरम्मत कर दिए जाते हैं तब "क्योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएंगे" (रोमियों 6:5) - हम मसीह यीशु की समानता में आकर उसके जैसे ही सुन्दर हो जाते हैं! - जूली ऐकैअरमैन लिंक


पापों के परिणाम से छूटकारे का दाम प्रभु यीशु के बलिदान और लहु द्वारा चुकाया गया है।

पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है। - 1 यूहन्ना 1:7 

बाइबल पाठ: रोमियों 6:1-14
Romans 6:1 सो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें, कि अनुग्रह बहुत हो? 
Romans 6:2 कदापि नहीं, हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उस में क्योंकर जीवन बिताएं? 
Romans 6:3 क्या तुम नहीं जानते, कि हम जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उस की मृत्यु का बपतिस्मा लिया 
Romans 6:4 सो उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें। 
Romans 6:5 क्योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएंगे। 
Romans 6:6 क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्व में न रहें। 
Romans 6:7 क्योंकि जो मर गया, वह पाप से छूटकर धर्मी ठहरा। 
Romans 6:8 सो यदि हम मसीह के साथ मर गए, तो हमारा विश्वास यह है, कि उसके साथ जीएंगे भी। 
Romans 6:9 क्योंकि यह जानते हैं, कि मसीह मरे हुओं में से जी उठ कर फिर मरने का नहीं, उस पर फिर मृत्यु की प्रभुता नहीं होने की। 
Romans 6:10 क्योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया; परन्तु जो जीवित है, तो परमेश्वर के लिये जीवित है। 
Romans 6:11 ऐसे ही तुम भी अपने आप को पाप के लिये तो मरा, परन्तु परमेश्वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो। 
Romans 6:12 इसलिये पाप तुम्हारे मरनहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के आधीन रहो। 
Romans 6:13 और न अपने अंगो को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगो को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो। 
Romans 6:14 और तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हो।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 1-2
  • प्रेरितों 7:22-43


गुरुवार, 23 जून 2016

सुधार और संरक्षण


   सदियों से समय या अन्य किसी कारण से जीर्ण होकर खराब हो गई कलाकृतियों को ठीक करने और उन्हें सुरक्षित रखने के अनेक प्रयास होत आए हैं। इनमें से कई प्रयास अपने उद्देश्य में सफल हुए और उन महान कलाकारों की मूल कृतियों को कुशलता से संरक्षित किया जा सके, लेकिन कुछ प्रयास असफल भी हुए जिसके कारण प्रतिभाशाली कलाकारों की कलाकृतियाँ और भी खराब हो गईं; इन खराब हुई कलाकृतियों में कुछ यूनानी मूर्तियाँ और दा-विन्ची के दो चित्र भी हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, प्रेरित पौलुस द्वारा कुलुस्से के मसीही विश्वासियों को लिखे पत्र में पौलुस ने एक ऐसे सुधार और संरक्षण के कार्य के बारे में बताया है जो संसार द्वारा होने वाले किसी भी सुधार और संरक्षण से संभव नहीं है; यह सुधार और संरक्षण है परमेश्वर के लोगों का। पौलुस ने लिखा: "...क्योंकि तुम ने पुराने मनुष्यत्‍व को उसके कामों समेत उतार डाला है। और नए मनुष्यत्‍व को पहिन लिया है जो अपने सृजनहार के स्‍वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिये नया बनता जाता है" (कुलुस्सियों 3:9-10)। यह किसी मृत कलाकार की सांसारिक कलाकृति के सुधार और संरक्षण का कार्य नहीं है; यह आत्मिक सुधार और संरक्षण का कार्य है जो जीवते और सच्चे परमेश्वर द्वारा किया जाता है; उस परमेश्वर द्वारा जिसने हमें सृजा है, जिसने अपने पुत्र और जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु में होकर अनुग्रह से हमें नया जीवन सेंत-मेंत उपहार के रूप में प्रदान किया है। उसकी क्षमा हमारे जीवनों में नए रंग भर देती है और उसका अनुग्रह हमारे जीवनों के लिए उसके उद्देश्यों की रूपरेखा को स्पष्ट और निखरा हुआ कर देता है।

   हमारे जीवन का चित्रपटल हमारे प्रभु के कुशल हाथों में सुरक्षित है; उस प्रभु के जो यह बखूबी जानता है कि उसने हमें किस लिए रचा है, और वह हम से क्या चाहता है। अपने पापों के कारण हम चाहे कितने भी दूषित और बिगड़े हुए क्यों ना हों, जब भी हम पश्चाताप और समर्पण के साथ उसके पास आते हैं, उससे मिलने वाले सुधार और संरक्षण के कारण हमारे उज्जवल भविष्य के लिए आशा सदा बनी रहती है। परमेश्वर वह सर्वोत्त्म और सबसे महान कलाकार है जो स्वयं अपनी कलाकृति का सुधार और संरक्षण करने के लिए उपलब्ध और तत्पर रहता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


प्रभु यीशु मसीह हर किसी के जीवन का सुधार और संरक्षण कर सकने का विशेषज्ञ है।

परन्तु वह जानता है, कि मैं कैसी चाल चला हूँ; और जब वह मुझे ता लेगा तब मैं सोने के समान निकलूंगा। - अय्यूब 23:10

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 3:5-17
Colossians 3:5 इसलिये अपने उन अंगो को मार डालो, जो पृथ्वी पर हैं, अर्थात व्यभिचार, अशुद्धता, दुष्‍कामना, बुरी लालसा और लोभ को जो मूर्ति पूजा के बराबर है। 
Colossians 3:6 इन ही के कारण परमेश्वर का प्रकोप आज्ञा न मानने वालों पर पड़ता है। 
Colossians 3:7 और तुम भी, जब इन बुराइयों में जीवन बिताते थे, तो इन्‍हीं के अनुसार चलते थे। 
Colossians 3:8 पर अब तुम भी इन सब को अर्थात क्रोध, रोष, बैरभाव, निन्‍दा, और मुंह से गालियां बकना ये सब बातें छोड़ दो। 
Colossians 3:9 एक दूसरे से झूठ मत बोलो क्योंकि तुम ने पुराने मनुष्यत्‍व को उसके कामों समेत उतार डाला है। 
Colossians 3:10 और नए मनुष्यत्‍व को पहिन लिया है जो अपने सृजनहार के स्‍वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिये नया बनता जाता है। 
Colossians 3:11 उस में न तो यूनानी रहा, न यहूदी, न खतना, न खतनारिहत, न जंगली, न स्‍कूती, न दास और न स्‍वतंत्र: केवल मसीह सब कुछ और सब में है।
Colossians 3:12 इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो। 
Colossians 3:13 और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो। 
Colossians 3:14 और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्‍ध है बान्‍ध लो। 
Colossians 3:15 और मसीह की शान्‍ति जिस के लिये तुम एक देह हो कर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो। 
Colossians 3:16 मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्‍तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ। 
Colossians 3:17 और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 9-10
  • प्रेरितों 7:1-21


बुधवार, 22 जून 2016

मुलाकात


   मेरे दादा, मेरे पिता और उनके भाई, सभी कठोर प्रवृति के थे और उन्हें कदापि पसन्द नहीं था कि कोई उनके समक्ष खड़ा रहकर उनसे मसीही विश्वास की बातें करे। जब पता चला कि मेरे पिता को कैंसर है, और ऐसा जो तेज़ी से बढ़ता और फैलता है, तो मुझे उनके अनन्त भविष्य की बहुत चिंता हुई, और मुझे जब भी अवसर मिलता मैं उनसे प्रभु यीशु मसीह और हमारे लिए उसके प्रेम के बारे में बातें करता। लेकिन वे प्रत्येक वार्तालाप को एक शिष्ट किंतु दृढ़ "मुझे जो जानना चाहिए वह मुझे पता है" कह कर अन्त कर देते थे।

   अन्ततः मैंने उनसे वायदा किया कि मैं यह विषय फिर कभी नहीं उठाऊँगा, और उन्हें पढ़ने के लिए कुछ कार्ड्स का संकलन दिया जो परमेश्वर द्वारा अपने अनुग्रह से हमें प्रदान करी जाने वाली पापों की क्षमा के बारे में थे, और जिन्हें वे अपनी इच्छा और समयानुसार पढ़ सकते थे। मैंने अपने पिता को परमेश्वर पिता के हाथों में समर्पित कर दिया और उनके उद्धार के लिए प्रार्थना करता रहा। मेरा एक मित्र भी परमेश्वर पिता से उनके लिए प्रार्थना कर रहा था कि वे बस इतना तो जीवित रह सकें कि प्रभु यीशु मसीह और उद्धार के बारे में जान लें।

   एक दोपहर वह फोन आ ही गया कि मेरे पिता अब संसार से कूच कर गए हैं। मैं उनके अन्तिम संस्कार के लिए घर गया, जहां मेरा भाई मुझे लेने हवाई-अड्डे पर आया था। भाई ने मुझे बताया कि मेरे पिता ने उसके पास मेरे लिए एक सन्देश छोड़ा था; उससे पिताजी ने कहा था कि वह मुझे बता दे कि उन्होंने प्रभु यीशु से पापों की क्षमा मांग ली थी। मैंने तुरंत पूछा, "कब?" भाई ने उत्तर दिया "उनके देहांत के दिन की प्रातः को" - परमेश्वर ने जैसे हम पर, वैसे ही उन पर भी अपनी दया करी, उन्हें पापों से पश्चताप करने और उन पापों की क्षमा प्राप्त होने का अनुभव होने तक, प्रभु यीशु से उनकी मुलाकात होने तक उन्हें जीवित रखा।

   लोगों तक प्रभु यीशु के प्रेम और उनसे मिलने वाली पापों की क्षमा और उद्धार के सन्देश को पहुँचाने के लिए हम विभिन्न तरीके अपनाते हैं, जैसे कि सुसमाचार सुनाना, या अपने जीवन और हृदय परिवर्तन की गवाही देना, कभी-कभी केवल प्रभु यीशु के जीवन और शिक्षाओं को अपने जीवन में जी कर दिखाना, आदि लेकिन हर तरीके के साथ हम प्रार्थना का भी सहारा अवश्य लेते हैं क्योंकि हम यह जानते हैं कि अन्ततः पापों की क्षमा और उद्धार देना परमेश्वर का कार्य है, हम अपने प्रयासों से ना तो इसे किसी को दे सकते हैं और ना ही कोई भी व्यक्ति अपने किसी प्रयास अथवा धार्मिकता से इसे परमेश्वर से कमा सकता है।

   परमेश्वर अनुग्रहकारी और दयालु परमेश्वर है; हमारी प्रर्थनाओं का परिणाम चाहे जो भी हो किंतु प्रभु यीशु से मुलाकात का अवसर परमेश्वर सब को प्रदान करता है। क्या आपने आपको दिए गए इस सुअवसर का सही लाभ उठाया है? क्या आपने प्रभु यीशु से मुलाकात कर ली है? - रैंडी किलगोर


हम बीज बोते और सींचते हैं किंतु उसका उगना और फलवंत होना परमेश्वर की ओर से होता है।

वह यह चाहता है, कि सब मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहिचान लें। क्योंकि परमेश्वर एक ही है: और परमेश्वर और मनुष्यों के बीच में भी एक ही बिचवई है, अर्थात मसीह यीशु जो मनुष्य है। - 1 तिमुथियुस 2:4-5

बाइबल पाठ: 1 तिमुथियुस 1:11-17
1 Timothy 1:11 यही परमधन्य परमेश्वर की महिमा के उस सुसमाचार के अनुसार है, जो मुझे सौंपा गया है।
1 Timothy 1:12 और मैं, अपने प्रभु मसीह यीशु का, जिसने मुझे सामर्थ दी है, धन्यवाद करता हूं; कि उसने मुझे विश्वास योग्य समझकर अपनी सेवा के लिये ठहराया। 
1 Timothy 1:13 मैं तो पहिले निन्‍दा करने वाला, और सताने वाला, और अन्‍धेर करने वाला था; तौभी मुझ पर दया हुई, क्योंकि मैं ने अविश्वास की दशा में बिन समझे बूझे, ये काम किए थे। 
1 Timothy 1:14 और हमारे प्रभु का अनुग्रह उस विश्वास और प्रेम के साथ जो मसीह यीशु में है, बहुतायत से हुआ। 
1 Timothy 1:15 यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं। 
1 Timothy 1:16 पर मुझ पर इसलिये दया हुई, कि मुझ सब से बड़े पापी में यीशु मसीह अपनी पूरी सहनशीलता दिखाए, कि जो लोग उस पर अनन्त जीवन के लिये विश्वास करेंगे, उन के लिये मैं एक आदर्श बनूं। 
1 Timothy 1:17 अब सनातन राजा अर्थात अविनाशी अनदेखे अद्वैत परमेश्वर का आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 6-8
  • प्रेरितों 6


मंगलवार, 21 जून 2016

व्यस्त


   32 देशों के भिन्न शहरों में जीवन की रफतार को नापने के लिए किए गए एक अध्ययन के अनुसार सबसे अधिक जल्दबाज़ी में रहने वाले लोग सिंगापुर में होते हैं। इस अध्ययन के अनुसार सिंगापुर के लोग 60 फुट चलने के लिए 10:55 सेकेण्ड लेते हैं, जबकि इसकी तुलना में न्यूयॉर्क के लोग 12:00 सेकेण्ड तथा अफ्रीका में स्थित मलावी देश के ब्लैंटायर नगर के लोग 31:60 सेकेण्ड लेते हैं।

   यह अध्ययन एक और बात भी दिखाता है, हम चाहे जहाँ भी रहते हों, पिछले 20 वर्षों में चलने की गति औसतन 10% बढ़ गई है। यदि चलने की गति हमारे जीवन की व्यस्तता का माप है, तो निश्चित ही हम पहले से कहीं अधिक व्यस्त हो गए हैं।

   क्या आप भी अपने आप को व्यस्त जीवन के पागलपन में फँसा हुआ पाते हैं? थोड़ा थम कर प्रभु यीशु द्वारा अपनी मेज़बान मार्था से कहे गए शब्दों पर ध्यान कीजिए: "...मार्था, हे मार्था; तू बहुत बातों के लिये चिन्‍ता करती और घबराती है। परन्तु एक बात अवश्य है, और उस उत्तम भाग को मरियम ने चुन लिया है: जो उस से छीना न जाएगा" (लूका 10:41-42)। मार्था ने प्रभु को अपने घर में आने का न्यौता दिया था, वह उसके लिए बहुत कुछ करना चाहती थी, और अपनी इस चाह में वह इतनी व्यस्त हो गई कि प्रभु के लिए उसके पास समय ही नहीं रहा।

   किंतु प्रभु यीशु के विनम्र शब्दों पर ध्यान किजिए; प्रभु मार्था पर क्रोधित नहीं हुए, अच्छी मेज़बान बनने के उसके प्रयासों की व्यस्तता के कारण प्रभु को समय ना दे पाने के लिए उन्होंने बुरा नहीं माना, वरन उसे प्राथमिकताओं पर ध्यान करने के लिए उसकी बहन मरियम के उदाहरण द्वारा समझाया। मार्था ने आवश्यक को अनुपात में इतना अधिक बढ़ा लिया था कि अनिवार्य को छोटा समझ लिया, और प्रभु यीशु के लिए भला करने की लालसा में प्रभु से ही दूर होने लगी।

   आज यह हमारे लिए भी एक बहुत महत्वपूर्ण सबक है - प्रभु यीशु के लिए उपयोगी और प्रभावी होने के प्रयासों में हम इतने व्यस्त ना हो जाएं कि प्रभु से ही दूर हो जाएं। हम यह कभी नहीं भूलें कि प्रभु सबसे अधिक हमारी संगति का इच्छुक है, ना कि उसे प्रसन्न करने के हमारे प्रयासों का। - पोह फैंग चिया


जितना हम प्रभु यीशु को विभिन्न कार्यों द्वारा प्रसन्न करना चाहते हैं, 
उससे कहीं अधिक प्रभु यीशु हमारी संगति और सहभागिता को चाहता है।

इसलिये पहिले तुम उस [परमेश्वर] के राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। सो कल के लिये चिन्‍ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्‍ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है। - मत्ती 6:33-34

बाइबल पाठ: लूका 10:38-42
Luke 10:38 फिर जब वे जा रहे थे, तो वह एक गांव में गया, और मार्था नाम एक स्त्री ने उसे अपने घर में उतारा।
Luke 10:39 और मरियम नाम उस की एक बहिन थी; वह प्रभु के पांवों के पास बैठकर उसका वचन सुनती थी। 
Luke 10:40 पर मार्था सेवा करते करते घबरा गई और उसके पास आकर कहने लगी; हे प्रभु, क्या तुझे कुछ भी सोच नहीं कि मेरी बहिन ने मुझे सेवा करने के लिये अकेली ही छोड़ दिया है? सो उस से कह, कि मेरी सहायता करे। 
Luke 10:41 प्रभु ने उसे उत्तर दिया, मार्था, हे मार्था; तू बहुत बातों के लिये चिन्‍ता करती और घबराती है। 
Luke 10:42 परन्तु एक बात अवश्य है, और उस उत्तम भाग को मरियम ने चुन लिया है: जो उस से छीना न जाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 3-5
  • प्रेरितों 5:22-42


सोमवार, 20 जून 2016

यादें


   मेरे लड़कपन के एक मित्र ने हाल ही में मुझे हमारे हाई-स्कूल के दिनों की एक फोटो ई-मेल से भेजी। वर्षों पुरानी वह सफेद और स्याह फोटो स्कूल की दौड़-स्पर्धाओं में भाग लेने वाले हम किशोरों के ग्रुप और हमारे दोनों प्रशिक्षकों की थी। उस फोटो को देखते ही मैं बीते दिनों की सुखद यादों में चला गया जब अपने उन साथियों के साथ मैं आधा-मील तथा मील भर की दौड़-स्पर्धा में भाग लिया करता था। उन दिनों को याद करना मेरे लिए आनन्दमय तो था, लेकिन साथ ही मुझे इस बात का भी ध्यान हो आया कि मैं कितनी आसानी से उन सब को भुलाकर जीवन की और बातों में आगे बढ़ गया हूँ।

   अपने जीवनों के मार्ग में जब हम आगे बढ़ते जाते हैं तो साथ ही उन स्थानों, लोगों और घटनाओं को भी भूलते चले जाते हैं जो कभी हमारे लिए महत्वपूर्ण हुआ करते थे। समय बीत जाता है, बीते दिनों की यादें धूमिल हो जाती हैं, और वर्तमान की आवश्यकताएँ और चिंताएं हमें घेर लेती हैं, बीते समय की उन यादों को दबा देती हैं। यह ना केवल हमारे मानवीय संबंधों के साथ होता है वरन ऐसा परमेश्वर के साथ हमारे संबंधों को लेकर भी हो जाता है, यदि हम नित्यप्रायः परमेश्वर के साथ प्रार्थना और उसके वचन के अध्ययन द्वारा संगति ना करें। परमेश्वर द्वारा हमारे साथ करी गई भलाईयों, हमें दिए गए मार्गदर्शन और सुरक्षा आदि को वर्तमान की चिंताओं और परेशानियों में पड़कर हम ऐसे ही ना भुला दें इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद ने अपने एक भजन में लिखा: "हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना" (भजन 103:1-2)।

   परमेश्वर की भलाई और कार्यों की यादों का महत्व सबसे अधिक तब होता है जब जीवन की कठिनाईयां हमें घेरे हुए होती हैं। जब हम परिस्थितियों से अभिभूत होकर अपने आप को अकेला सोचने लगते हैं, तब ही वह समय होता है जब हमें परमेश्वर को और हमारे लिए किए गए उसके कार्यों को याद करना चाहिए। जब हम उसे याद करते हैं, बीते समय के उसके कार्यों और मार्गदर्शन का ध्यान करते हैं, उसके वचन के वायदे को कि वह हमें कभी नहीं छोड़ता (इब्रानियों 13:5-6) याद करते हैं तो हमें वर्तमान एवं भविष्य, दोनों के लिए सामर्थ, आश्वासन तथा प्रोत्साहन मिलता है। - बिल क्राऊडर


बीते समय में परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को याद करने से 
हमें भविष्य के लिए आश्वासन और सामर्थ मिलती है। 

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13:5-6

बाइबल पाठ: भजन 103:1-8
Psalms 103:1 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! 
Psalms 103:2 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना। 
Psalms 103:3 वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है, 
Psalms 103:4 वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करूणा और दया का मुकुट बान्धता है, 
Psalms 103:5 वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिस से तेरी जवानी उकाब की नाईं नई हो जाती है।
Psalms 103:6 यहोवा सब पिसे हुओं के लिये धर्म और न्याय के काम करता है। 
Psalms 103:7 उसने मूसा को अपनी गति, और इस्राएलियों पर अपने काम प्रगट किए। 
Psalms 103:8 यहोवा दयालु और अनुग्रहकरी, विलम्ब से कोप करने वाला और अति करूणामय है।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 1-2
  • प्रेरितों 5:1-21


रविवार, 19 जून 2016

आचरण तथा उदाहरण


   मैं अपनी आँखों की जाँच के लिए चक्षु-चिकित्सक के यहाँ बैठा हुआ अपनी बारी आने की प्रतीक्षा कर रहा था जब वहाँ लगे एक पोस्टर पर मेरा धयान गया, जिसमें लिखा था कि बच्चे 12 वर्ष की आयु तक पहुँचते-पहुँचते जितना सीखते हैं उसका 80% आँखों के माध्यम से होता है। यह पढ़कर मैं उन सब बातों पर विचार करने लगा जो बच्चे देखते हैं और जो उन पर प्रभाव डालती हैं, जैसे कि पुस्तकें और पढ़ना, टेलिविज़न, फिल्में, घटनाएँ, आस-पास का वातावरण, लोगों का आचरण और व्यवहार - विशेषकर परिवार जनों का, आदि।

   बच्चों पर पिता का प्रभाव बहुत सशक्त होता है, इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए उन्हें चिताया, "और हे बच्‍चे वालों अपने बच्‍चों को रिस न दिलाओ परन्तु प्रभु की शिक्षा, और चितावनी देते हुए, उन का पालन-पोषण करो" (इफिसियों 6:4)। एक पिता के स्थाई बने रहने वाले अच्छे आचरण के सामर्थी उदाहरण पर थोड़ा विचार कीजिए जिससे बच्चे प्रभावित होते हैं, उस उदाहरण से वे सही दिशा में बढ़ते हैं, और चाहे सिद्ध ना हों किंतु प्रशंसा के पात्र बनते हैं। जब हमारे जीवन का उदाहरण परमेश्वर के चरित्र को बिगाड़ने की बजाए उसके भले चरित्र को प्रतिबिंबित करता है तो यह बच्चों के जीवन में भलाई के लिए कार्यकारी होने वाला एक सशक्त प्रभाव बन जाता है।

   यह किसी भी अभिभावक के लिए चुनौतीपूर्ण है, इसलिए कोई संयोग नहीं कि प्रेरित पौलुस ने इस संदर्भ में आगे लिखा, "निदान, प्रभु में और उस की शक्ति के प्रभाव में बलवन्‍त बनो" (इफिसियों 6:10)। केवल परमेश्वर के मार्गदर्शन और सामर्थ से ही हम उसके प्रेम और धैर्य को दर्शा सकते हैं। हम अपने बच्चों को अपने प्रचार की अपेक्षा, अपने आचरण तथा उदाहरण द्वारा कहीं अधिक सिखाते हैं, और बचपन में डाली गई नींव पर ही आगे चलकर वे अपने जीवनों का निर्माण करते हैं। - डेविड मैक्कैसलैंड


वे माता-पिता आदर्णीय हैं जो ना केवल हमें जीवन देते हैं, 
वरन उस जीवन को अच्छाई से जीना भी सिखाते हैं।

कोई तेरी जवानी को तुच्‍छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा। - 1 तिमुथियुस 4:12

बाइबल पाठ: इफिसियों 6:1-11
Ephesians 6:1 हे बालकों, प्रभु में अपने माता पिता के आज्ञाकारी बनो, क्योंकि यह उचित है। 
Ephesians 6:2 अपनी माता और पिता का आदर कर (यह पहिली आज्ञा है, जिस के साथ प्रतिज्ञा भी है)। 
Ephesians 6:3 कि तेरा भला हो, और तू धरती पर बहुत दिन जीवित रहे। 
Ephesians 6:4 और हे बच्‍चे वालों अपने बच्‍चों को रिस न दिलाओ परन्तु प्रभु की शिक्षा, और चितावनी देते हुए, उन का पालन-पोषण करो।
Ephesians 6:5 हे दासो, जो लोग शरीर के अनुसार तुम्हारे स्‍वामी हैं, अपने मन की सीधाई से डरते, और कांपते हुए, जैसे मसीह की, वैसे ही उन की भी आज्ञा मानो। 
Ephesians 6:6 और मनुष्यों को प्रसन्न करने वालों की नाईं दिखाने के लिये सेवा न करो, पर मसीह के दासों की नाईं मन से परमेश्वर की इच्छा पर चलो। 
Ephesians 6:7 और उस सेवा को मनुष्यों की नहीं, परन्तु प्रभु की जानकर सुइच्‍छा से करो।
Ephesians 6:8 क्योंकि तुम जानते हो, कि जो कोई जैसा अच्छा काम करेगा, चाहे दास हो, चाहे स्‍वतंत्र; प्रभु से वैसा ही पाएगा। 
Ephesians 6:9 और हे स्‍वामियों, तुम भी धमकियां छोड़कर उन के साथ वैसा ही व्यवहार करो, क्योंकि जानते हो, कि उन का और तुम्हारा दोनों का स्‍वामी स्वर्ग में है, और वह किसी का पक्ष नहीं करता।
Ephesians 6:10 निदान, प्रभु में और उस की शक्ति के प्रभाव में बलवन्‍त बनो। 
Ephesians 6:11 परमेश्वर के सारे हथियार बान्‍ध लो; कि तुम शैतान की युक्तियों के साम्हने खड़े रह सको।

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 12-13
  • प्रेरितों 4:23-37


शनिवार, 18 जून 2016

मुस्कुराहट


   हाल ही में मैंने एक अध्ययन के बारे में पढ़ा जिसका निषकर्ष था कि मुस्कुराना आपकी सेहत के लिए अच्छा होता है। शोध से पता चला है कि मुस्कुराने से हृदय की गति धीमी हो जाती है और तनाव भी कम हो जाता है। लेकिन मुस्कुराना केवल आप ही के लिए अच्छा नहीं है; एक वास्तविक मुस्कुराहट से उनका भी भला होता है जिनके लिए आप मुस्कुराते हैं। बिना कोई शब्द कहे आप दूसरे व्यक्ति को यह संदेश देते हैं कि आप उन से प्रसन्न हैं। मुस्कुराहट द्वारा आप बिना ज़रा सा भी स्पर्श किए दूसरे को प्रेम के आलिंगन में ले लेते हैं। जीवन हमें सदा ही मुस्कुराने के अवसर नहीं देता, लेकिन जब हम किसी बच्चे के चेहरे पर या किसी बुज़ुर्ग के चेहरे की झुर्रियों में से झांकती हुई सच्चे दिल की मुस्कुराहट को देखते हैं तो यह हमें भी प्रोत्साहित करती है।

   मुस्कुराहट हमारे अन्दर परमेश्वर की छवि का एक संकेत भी है। परमेश्वर के वचन बाइबल में गिनती की पुस्तक में दर्ज एक प्राचीन आशीष से हमें अंदाज़ा होता है कि परमेश्वर भी "मुस्कुराता" है: "यहोवा तुझ पर अपने मुख का प्रकाश चमकाए, और तुझ पर अनुग्रह करे: यहोवा अपना मुख तेरी ओर करे, और तुझे शांति दे" (गिनती 6:25-26)। ये शब्द इब्रानी भाषा का मुहावारा हैं जो एक व्यक्ति के जीवन पर परमेश्वर के अनुग्रह आने के लिए और अपने बच्चों पर परमेश्वर के मुस्कुराने के लिए आग्रह है।

   इसलिए आज स्मरण रखें कि यदि प्रभु यीशु मसीह पर लाए गए विश्वास और उससे मिलने वाली पापों की क्षमा द्वारा आप परमेश्वर की सन्तान बन गए हैं (यूहन्ना 1:12-13), तो आश्वस्त रहें कि परमेश्वर ना केवल आप से प्रेम करता है, वरन वह आप पर अनुग्रहकारी रहना चाहता है और अपना मुख आप पर चमकाना चाहता है। इस अद्भुत और महान तथ्य के तात्पर्य से प्रसन्न होकर मुस्कुराएँ, और अपनी मुस्कुराहट से दूसरों को भी आशीषत करें - जो स्टोवैल


आपकी मुस्कुराहट किसी ज़रूरतमन्द के लिए 
परमेश्वर की ओर से भेजा गया प्रसन्नता का सन्देश हो सकती है।

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: गिनती 6:22-27
Numbers 6:22 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 
Numbers 6:23 हारून और उसके पुत्रों से कह, कि तुम इस्त्राएलियों को इन वचनों से आशीर्वाद दिया करना कि, 
Numbers 6:24 यहोवा तुझे आशीष दे और तेरी रक्षा करे: 
Numbers 6:25 यहोवा तुझ पर अपने मुख का प्रकाश चमकाए, और तुझ पर अनुग्रह करे: 
Numbers 6:26 यहोवा अपना मुख तेरी ओर करे, और तुझे शांति दे।
Numbers 6:27 इस रीति से मेरे नाम को इस्त्राएलियों पर रखें, और मैं उन्हें आशीष दिया करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 10-11
  • प्रेरितों 4:1-22


शुक्रवार, 17 जून 2016

ज्योतिर्मय


   अनगिनित पीढ़ियों से संसार भर के लोग सूरज और चाँद पर दिन और रात को प्रकाशमान करने के लिए निर्भर रहे हैं। चाहे यह हमारे मार्ग को प्रकाशित करने हेतु हो या फिर फलदायी फसलों को जीवनदायी प्रकाश देने के लिए जिससे हमारे शरीरों का पोषण होता रहे, सूरज और चाँद हमारे लिए परमेश्वर द्वारा प्रकाश का अद्भुत प्रावाधान हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल के आरंभ में उत्पत्ति की पुस्तक में हम पाते हैं कि "तब परमेश्वर ने दो बड़ी ज्योतियां बनाईं; उन में से बड़ी ज्योति को दिन पर प्रभुता करने के लिये, और छोटी ज्योति को रात पर प्रभुता करने के लिये बनाया: और तारागण को भी बनाया" (उत्पत्ति 1:16)।

   लेकिन वह समय आने वाला है जब परमेश्वर अपने बच्चों के लिए, उनके स्वर्गीय स्थान में एक अलग ही तरह का प्रकाश उपलब्ध करवाएगा। उस सनातन स्वर्गीय नगर के लिए प्रेरित यूहन्ना ने लिखा, "और उस नगर में सूर्य और चान्‍द के उजाले का प्रयोजन नहीं, क्योंकि परमेश्वर के तेज से उस में उजाला हो रहा है, और मेम्ना उसका दीपक है" (प्रकाशितवाक्य 21:23)। रोचक बात है कि मूल युनानी भाषा के जिस शब्द का अनुवाद यहाँ "उजाला" हुआ है, उसका और भी सही अर्थ "दीपक" कहा जा सकता है। प्रभु यीशु मसीह अपने महिमान्वित स्वरूप में हमारे उस आनन्दमय निवास स्थान का वह दीपक होंगे जिससे वह स्थान प्रकाशमान रहेगा।

   बाइबल में प्रभु यीशु मसीह को जगत के पाप हर लेने वाला मेम्ना कहा गया है "दूसरे दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है" (यूहन्ना 1:29)। उनके लिए, जो उसके अनुयायी हो गए हैं, प्रभु यीशु आत्मिक प्रकाश का स्त्रोत भी है जिससे वे जगत की ज्योति बनें (मत्ती 5:14; यूहन्ना 8:12)। परन्तु हमारे स्वर्गीय निवास के उस अनन्तकाल में प्रभु यीशु वह दीपक होंगे जो हमारे स्थान को ज्योतिर्मय करेगा (प्रकाशितवाक्य 21:23)। कैसा रोमाँचक और पुलकित कर देने वाला होगा वह समय जब हम मेम्ने से ज्योतिर्मय होकर अनन्तकाल के आनन्द में रहेंगे। - डेनिस फिशर


जगत की ज्योति प्रभु यीशु, कभी ना समाप्त होने वाली ज्योति है।

तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा। - यूहन्ना 8:12

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 21:10-27
Revelation 21:10 और वह मुझे आत्मा में, एक बड़े और ऊंचे पहाड़ पर ले गया, और पवित्र नगर यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते दिखाया। 
Revelation 21:11 परमेश्वर की महिमा उस में थी, ओर उस की ज्योति बहुत ही बहुमूल्य पत्थर, अर्थात बिल्लौर के समान यशब की नाईं स्‍वच्‍छ थी। 
Revelation 21:12 और उस की शहरपनाह बड़ी ऊंची थी, और उसके बारह फाटक और फाटकों पर बारह स्वर्गदूत थे; और उन पर इस्त्राएलियों के बारह गोत्रों के नाम लिखे थे। 
Revelation 21:13 पूर्व की ओर तीन फाटक, उत्तर की ओर तीन फाटक, दक्‍खिन की ओर तीन फाटक, और पश्‍चिम की ओर तीन फाटक थे। 
Revelation 21:14 और नगर की शहरपनाह की बारह नेवें थीं, और उन पर मेम्ने के बारह प्रेरितों के बारह नाम लिखे थे। 
Revelation 21:15 और जो मेरे साथ बातें कर रहा था, उसके पास नगर, और उसके फाटकों और उस की शहरपनाह को नापने के लिये एक सोने का गज था। 
Revelation 21:16 और वह नगर चौकोर बसा हुआ था और उस की लम्बाई चौड़ाई के बराबर थी, और उसने उस गज से नगर को नापा, तो साढ़े सात सौ कोस का निकला: उस की लम्बाई, और चौड़ाई, और ऊंचाई बराबर थी। 
Revelation 21:17 और उसने उस की शहरपनाह को मनुष्य के, अर्थात स्वर्गदूत के नाप से नापा, तो एक सौ चौवालीस हाथ निकली। 
Revelation 21:18 और उस की शहरपनाह की जुड़ाई यशब की थी, और नगर ऐसे चोखे सोने का था, जा स्‍वच्‍छ कांच के समान हो। 
Revelation 21:19 और उस नगर की नेवें हर प्रकार के बहुमूल्य पत्थरों से संवारी हुई तीं, पहिली नेव यशब की थी, दूसरी नीलमणि की, तीसरी लालड़ी की, चौथी मरकत की। 
Revelation 21:20 पांचवीं गोमेदक की, छठवीं माणिक्‍य की, सातवीं पीतमणि की, आठवीं पेरोज की, नवीं पुखराज की, दसवीं लहसनिए की, ग्यारहवीं धूम्रकान्‍त की, बारहवीं याकूत की। 
Revelation 21:21 और बारहों फाटक, बारह मोतियों के थे; एक एक फाटक, एक एक मोती का बना था; और नगर की सड़क स्‍वच्‍छ कांच के समान चोखे सोने की थी। 
Revelation 21:22 और मैं ने उस में कोई मंदिर न देखा, क्योंकि सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, और मेम्ना उसका मंदिर हैं। 
Revelation 21:23 और उस नगर में सूर्य और चान्‍द के उजाले का प्रयोजन नहीं, क्योंकि परमेश्वर के तेज से उस में उजाला हो रहा है, और मेम्ना उसका दीपक है। 
Revelation 21:24 और जाति जाति के लोग उस की ज्योति में चले फिरेंगे, और पृथ्वी के राजा अपने अपने तेज का सामान उस में लाएंगे। 
Revelation 21:25 और उसके फाटक दिन को कभी बन्‍द न होंगे, और रात वहां न होगी। 
Revelation 21:26 और लोग जाति जाति के तेज और वैभव का सामान उस में लाएंगे। 
Revelation 21:27 और उस में कोई अपवित्र वस्तु था घृणित काम करनेवाला, या झूठ का गढ़ने वाला, किसी रीति से प्रवेश न करेगा; पर केवल वे लोग जिन के नाम मेम्ने के जीवन की पुस्‍तक में लिखे हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 7-9
  • प्रेरितों 3


गुरुवार, 16 जून 2016

प्रेम


   सेवकाई के एक भ्रमण के दौरान हाई-स्कूल के कुछ बच्चे अनाथालयों में भी गए, और इससे उनमें से एक किशोर प्रगट रीति से विचलित हो गया। जब उससे पूछा गया कि वह विचलित क्यों है तो उसने बताया कि उसे 10 वर्ष पहले की अपनी स्थिति स्मरण हो आई थी। यह किशोर पहले एक अन्य देश में एक अनाथालय में रहा करता था, और उसे स्मरण हो आया कि जैसे वह इस अनाथालय में आया है, वैसे ही लोग उस अनाथालय में भी आया करते थे जिसमें वह रहा करता था। मिलने वाले आते, उससे और उसके मित्रों से मिलते, और चले जाते। यदा-कदा कोई वापस आकर किसी बच्चे को गोद ले लेता; परन्तु जितनी बार कोई आकर किसी और बच्चे को गोद ले लेता, इस किशोर के मन में प्रश्न उठता, "वह क्यों; मैं क्यों नहीं? मुझमें ऐसी क्या कमी है जो मुझे गोद नहीं लिया गया?"

   उन किशोरों के इस सेवकाई भ्रमण के समय में अनाथालयों में जाने और फिर आगे चले जाने से उसके मन में विचलित कर देने वाली वे पुरानी भावनाएं फिर से जागृत हो उठती थीं। इसलिए उस भ्रमण समूह के लोगों ने मिलकर उसके लिए प्रार्थना करी, और परमेश्वर का धन्यवाद किया कि एक दिन एक महिला ने, जो अब उसकी दत्तक माता है, उसे चुना और अपना पुत्र बना लिया। यह उस महिला द्वारा प्रेम का प्रदर्शन था जिससे एक लड़के को नई आशा मिली।

   संसार भर में अनेकों बच्चे हैं जिन्हें उनके प्रति परमेश्वर के प्रेम को जानना शेष है (मत्ती 18:4-5; मरकुस 10:13-16; याकूब 1:27)। यह तो स्पष्ट है कि हम उन सब बच्चों को ना तो गोद ले सकते हैं और ना ही उन सब से मिलने जा सकते हैं, और ना ही हम से ऐसा करने की अपेक्षा की जाती है। लेकिन हम सब कुछ ऐसा कर सकते हैं जो उन बच्चों के लाभ के लिए है, जैसे कि उनके लिए सहायता प्रदान करें, उन्हें किसी प्रकार प्रोत्साहित करें, उनकी शिक्षा के लिए योगदान करें, उनके लिए प्रार्थना करें, आदि।

   जब हम संसार के बच्चों से प्रेम करते हैं, हम अपने परमेश्वर पिता का आदर करते हैं जिसने अपने अनुग्रह से प्रभु यीशु मसीह में होकर हमारे पाप क्षमा किए और हमें गोद लेकर अपने परिवार का सदस्य बनाया (गलतियों 4:4-7)। - डेव ब्रैनन


प्रभु यीशु मसीह का प्रेम जितना हम में बढ़ेगा, 
उतना ही वह अन्य लोगों के लिए हम में से बहेगा।

क्योंकि तुम सब उस विश्वास करने के द्वारा जो मसीह यीशु पर है, परमेश्वर की सन्तान हो। और तुम में से जितनों ने मसीह में बपतिस्मा लिया है उन्होंने मसीह को पहिन लिया है। अब न कोई यहूदी रहा और न यूनानी; न कोई दास, न स्‍वतंत्र; न कोई नर, न नारी; क्योंकि तुम सब मसीह यीशु में एक हो। - गलतियों 3:26-28

बाइबल पाठ: याकूब 1:19-2:1
James 1:19 हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जानते हो: इसलिये हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्‍पर और बोलने में धीरा और क्रोध में धीमा हो। 
James 1:20 क्योंकि मनुष्य का क्रोध परमेश्वर के धर्म का निर्वाह नहीं कर सकता है। 
James 1:21 इसलिये सारी मलिनता और बैर भाव की बढ़ती को दूर कर के, उस वचन को नम्रता से ग्रहण कर लो, जो हृदय में बोया गया और जो तुम्हारे प्राणों का उद्धार कर सकता है।
James 1:22 परन्तु वचन पर चलने वाले बनो, और केवल सुनने वाले ही नहीं जो अपने आप को धोखा देते हैं। 
James 1:23 क्योंकि जो कोई वचन का सुनने वाला हो, और उस पर चलने वाला न हो, तो वह उस मनुष्य के समान है जो अपना स्‍वाभाविक मुंह दर्पण में देखता है। 
James 1:24 इसलिये कि वह अपने आप को देख कर चला जाता, और तुरन्त भूल जाता है कि मैं कैसा था। 
James 1:25 पर जो व्यक्ति स्‍वतंत्रता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान करता रहता है, वह अपने काम में इसलिये आशीष पाएगा कि सुनकर नहीं, पर वैसा ही काम करता है। 
James 1:26 यदि कोई अपने आप को भक्त समझे, और अपनी जीभ पर लगाम न दे, पर अपने हृदय को धोखा दे, तो उस की भक्ति व्यर्थ है। 
James 1:27 हमारे परमेश्वर और पिता के निकट शुद्ध और निर्मल भक्ति यह है, कि अनाथों और विधवाओं के क्‍लेश में उन की सुधि लें, और अपने आप को संसार से निष्‍कलंक रखें।
James 2:1 हे मेरे भाइयों, हमारे महिमायुक्त प्रभु यीशु मसीह का विश्वास तुम में पक्षपात के साथ न हो।

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 4-6
  • प्रेरितों 2:22-47


बुधवार, 15 जून 2016

अच्छा चरवाहा


   श्रेक बलवा करने वाली भेड़ थी; वह अपने झुण्ड से निकल कर कहीं चली गई और 6 वर्षों तक खोयी रही। जब एक व्यक्ति को वह ऊँचे पहाड़ के बीहड़ की गुफा में मिली तो वह भेड़ जैसी दिख भी नहीं रही थी। श्रेक के बाल इतने बढ़ चुके थे कि उनके वज़न (60 पौन्ड अर्थात 27 किलो) के कारण वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी, इसलिए उसे उठाकर नीचे लाना पड़ा। श्रेक के बलवे के वज़न को हटाने के लिए उसे कुछ देर उलटा करके पीठ के बल लेटाना पड़ा जिससे वह स्थिर लेटी रहे और ऊन कतरने वाले उसके भारी बालों को कतर सकें।

   श्रेक की कहानी प्रभु यीशु द्वारा अपने आप को अच्छा चरवाहा (यूहन्ना 10:11) कहने, तथा परमेश्वर द्वारा अपने लोगों को अपनी भेड़ें कहने (यहेजकेल 34:31) को दर्शाती है। श्रेक के समान हम भी यदि परमेश्वर के झुण्ड और अपने अच्छे चरवाहे से दुर हो जाएं तो अपने लिए सही निर्णय नहीं करने पाते हैं, और उन गलत निर्णयों के दुषपरिणामों से बोझिल हो जाते हैं। इस बोझ से हमें मुक्त करने के लिए परमेश्वर को हमें कुछ समय के लिए शान्त और स्थिर करना पड़ता है। जब परमेश्वर हमें शान्त और स्थिर करे तो विचलित होने और छटपटाने की बजाए भला होगा कि हम जैसा परमेश्वर चाहता है वैसा करें, और हमारे अच्छे चरवाहे को अपना कार्य हमारे जीवनों में निर्विरोध करने दें। वह जो करेगा हमारी भलाई ही के लिए करेगा। - जूलू ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर का प्रशिक्षण हमें विश्वास में बढ़ाने के लिए होता है।

चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं। अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है। - यूहन्ना 10:10-11

बाइबल पाठ: यहेजकेल 34:11-17, 31
Ezekiel 34:11 क्योंकि परमेश्वर यहोवा यों कहता है, देखो, मैं आप ही अपनी भेड़-बकरियों की सुधि लूंगा, और उन्हें ढूंढ़ूंगा। 
Ezekiel 34:12 जैसे चरवाहा अपनी भेड़-बकरियों में से भटकी हुई को फिर से अपने झुण्ड में बटोरता है, वैसे ही मैं भी अपनी भेड़-बकरियों को बटोरूंगा; मैं उन्हे उन सब स्थानों से निकाल ले आऊंगा, जहां जहां वे बादल और घोर अन्धकार के दिन तितर-बितर हो गई हों। 
Ezekiel 34:13 और मैं उन्हें देश देश के लोगों में से निकालूंगा, और देश देश से इकट्ठा करूंगा, और उन्हीं के निज भूमि में ले आऊंगा; और इस्राएल के पहाड़ों पर ओर नालों में और उस देश के सब बसे हुए स्थानों में चराऊंगा। 
Ezekiel 34:14 मैं उन्हें अच्छी चराई में चराऊंगा, और इस्राएल के ऊंचे ऊंचे पहाड़ों पर उन को चराई मिलेगी; वहां वे अच्छी हरियाली में बैठा करेंगी, और इस्राएल के पहाड़ों पर उत्तम से उत्तम चराई चरेंगी। 
Ezekiel 34:15 मैं आप ही अपनी भेड़-बकरियों का चरवाहा हूंगा, और मैं आप ही उन्हें बैठाऊंगा, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है। 
Ezekiel 34:16 मैं खोई हुई को ढूंढ़ूंगा, और निकाली हुई को फेर लाऊंगा, और घायल के घाव बान्धूंगा, और बीमार को बलवान करूंगा, और जो मोटी और बलवन्त हैं उन्हें मैं नाश करूंगा; मैं उनकी चरवाही न्याय से करूंगा। 
Ezekiel 34:17 और हे मेरे झुण्ड, तुम से परमेश्वर यहोवा यों कहता है, देखो मैं भेड़-भेड़ के बीच और मेढ़ों और बकरों के बीच न्याय करता हूँ। 
Ezekiel 34:31 तुम तो मेरी भेड़-बकरियां, मेरी चराई की भेड़-बकरियां हो, तुम तो मनुष्य हो, और मैं तुम्हारा परमेश्वर हूँ, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 1-3
  • प्रेरितों 2:1-21


मंगलवार, 14 जून 2016

सुदृढ़ सुरक्षा


   मई 2003 का वह दिन दुःखद था जब अमेरिका के न्यू हैम्पशायर प्रांत के व्हाईट माऊन्टेंस पहाड़ी श्रंखला की चट्टानों में प्रकृति द्वारा तराशा हुआ बूढ़े आदमी के चेहरे के समान दिखने वाला 40 फुट आकार का प्राकृतिक अजूबा जिसे "The Old Man of the Mountain" कहा जाता था टूट कर पहाड़ी से नीचे गिर गया। वर्षों से यह अजूबा सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा था; इसे प्रांत का आधिकारिक चिन्ह भी बनाया गया था और स्थानीय निवासियों के लिए इसकी उपस्थिति आश्वस्त करने वाली थी। जब यह दुर्घटना हुई तो कुछ स्थानीय निवासी बहुत हताश हो गए; एक महिला ने कहा, "यहाँ मैं इस एहसास के साथ बड़ी हुई थी कि कोई मुझ पर नज़र रखे हुए है, लेकिन अब मुझ पर नज़र रखने वाले की आश्वस्त करने वाली उपस्थिति बहुत घट गई है"।

   हमारे जीवनों में ऐसे समय आते हैं जब किसी की भरोसेमन्द उपस्थिति जाती रहती है। कोई व्यक्ति अथवा कोई बात जिस पर हम निर्भर कर रहे थे चला जाता है, और हमारा जीवन हिल जाता है। यह किसी प्रीय जन की मृत्यु के कारण हो सकता है, या नौकरी अथवा स्वास्थ्य की हानि के कारण। कारण जो भी हो, उस हानि के कारण हम असंतुलित तथा अस्थिर अनुभव करते हैं; हम यह भी सोच लेते हैं कि परमेश्वर अब हमारा ध्यान नहीं कर रहा है।

   परन्तु परमेश्वर का वचन बाइबल हमें आश्वस्त करती है कि "यहोवा की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान भी उसकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं" (भजन 34:15), और "धर्मी पर बहुत सी विपत्तियां पड़ती तो हैं, परन्तु यहोवा उसको उन सब से मुक्त करता है" (भजन 34:18)। हमारा परमेश्वर वह चट्टान है जिस की उपस्थिति पर हम सदा भरोसा रख सकते हैं (व्यवस्थाविवरण 32:3-4)। हमारे साथ बनी रहने वाली परमेश्वर की उपस्थिति एक वास्तविकता है, और वह सदा हम पर नज़र बनाए रखता है, उसकी सुदृढ़ सुरक्षा सदा हमारे साथ है। - ऐनी सेटास


प्रश्न यह नहीं है कि परमेश्वर कहाँ है? वरन, प्रश्न यह है कि परमेश्वर कहाँ नहीं है?

मैं तो यहोवा नाम का प्रचार करूंगा। तुम अपने परमेश्वर की महिमा को मानो! वह चट्टान है, उसका काम खरा है; और उसकी सारी गति न्याय की है। वह सच्चा ईश्वर है, उस में कुटिलता नहीं, वह धर्मी और सीधा है। - व्यवस्थाविवरण 32:3-4

बाइबल पाठ: भजन 34:15-22
Psalms 34:15 यहोवा की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान भी उसकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं। 
Psalms 34:16 यहोवा बुराई करने वालों के विमुख रहता है, ताकि उनका स्मरण पृथ्वी पर से मिटा डाले। 
Psalms 34:17 धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उन को सब विपत्तियों से छुड़ाता है। 
Psalms 34:18 यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्धार करता है।
Psalms 34:19 धर्मी पर बहुत सी विपत्तियां पड़ती तो हैं, परन्तु यहोवा उसको उन सब से मुक्त करता है। 
Psalms 34:20 वह उसकी हड्डी हड्डी की रक्षा करता है; और उन में से एक भी टूटने नहीं पाती। 
Psalms 34:21 दुष्ट अपनी बुराई के द्वारा मारा जाएगा; और धर्मी के बैरी दोषी ठहरेंगे। 
Psalms 34:22 यहोवा अपने दासों का प्राण मोल ले कर बचा लेता है; और जितने उसके शरणागत हैं उन में से कोई भी दोषी न ठहरेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • एज़्रा 9-10
  • प्रेरितों 1


सोमवार, 13 जून 2016

सुरक्षित


   अमेरिका के केनटकी प्रांत में स्थित फोर्ट नौक्स संसार का सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता है। फोर्ट नौक्स अमेरीका के सरकारी सोने तथा अन्य बहुमूल्य वस्तों का भन्डार है और इस अति सुदृढ़ इमारत में 5000 टन सोना तथा अन्य कीमती सामान रखा है। फोर्ट नौक्स का दरवाज़ा 22 टन वज़न का है और इसकी सुरक्षा के लिए अनेकों अलार्म, वीडियो कैमरे, आस-पास की ज़मीन में दबाई गई विस्फोटक सामग्री, काँटेदार तार की बाड़, विद्युत प्रवाह वाला बाड़ा, सशस्त्र सैनिक पहरेदार और युद्ध हेलीकौप्टर लगाए गए हैं। इस अभूतपूर्व सुरक्षा स्थिति के कारण ही इसे संसार का सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता है।

   फोर्ट नौक्स चाहे जितना भी सुरक्षित हो, लेकिन उससे भी अधिक सुरक्षित एक अन्य स्थान है, और वह सोने से भी अधिक मूल्यवान वस्तु से भरा हुआ है - स्वर्ग, जहाँ हम मसीही विश्वासियों का अनन्त जीवन हमारे प्रभु यीशु के साथ सुरक्षित रखा है। प्रेरित पतरस ने सताव में पड़े मसीही विश्वासियों को परमेश्वर की स्तुति करने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि हमारी एक जीवित आशा है जो हमारे पुनरूथित जीवित प्रभु यीशु पर आधारित है, और जितना हम मसीह यीशु के बारे में जानते जाते है, जितना उसकी निकटता में बढ़ते जाते हैं, यह आशा भी उतनी बढ़ती जाती है (1 पतरस 1:3)। यह आशा शत्रुओं की विरोधी ताकतों के कारण कभी नाश नही हो सकती; क्योंकि परमेश्वर स्वर्ग में इसे सुरक्षित रखे हुए है और रखे रहेगा, इसलिए इसकी महिमा और ताज़गी कभी कम नहीं होती। इस पृथ्वी पर हमारे शरीरों तथा जीवन पर विरोधी चाहे जैसे भी हमले करें, लेकिन हमारी मीरास, हमारी आत्मा और हमारा अनन्त जीवन परमेश्वर के पास सुरक्षित बना रहता है।

   किसी तिजोरी के अन्दर रखी गई तिजोरी के समान, प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास से हमें मिला हमारा उद्धार परमेश्वर द्वारा सुरक्षित किया गया है और हम अनन्त काल के लिए सुरक्षित हैं। - मार्विन विलियम्स


स्वर्ग में रखी मीरास ही सबसे सुरक्षित है।

सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्‍वर्गीय वस्‍तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है। पृथ्वी पर की नहीं परन्तु स्‍वर्गीय वस्‍तुओं पर ध्यान लगाओ। क्योंकि तुम तो मर गए, और तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है। जब मसीह जो हमारा जीवन है, प्रगट होगा, तब तुम भी उसके साथ महिमा सहित प्रगट किए जाओगे। - कुलुस्सियों 3:1-4

बाइबल पाठ: 1 पतरस 1:1-9
1 Peter 1:1 पतरस की ओर से जो यीशु मसीह का प्रेरित है, उन परदेशियों के नाम, जो पुन्‍तुस, गलतिया, कप्‍पदुकिया, आसिया, और बिथुनिया में तित्तर बित्तर हो कर रहते हैं। 
1 Peter 1:2 और परमेश्वर पिता के भविष्य ज्ञान के अनुसार, आत्मा के पवित्र करने के द्वारा आज्ञा मानने, और यीशु मसीह के लोहू के छिड़के जाने के लिये चुने गए हैं। तुम्हें अत्यन्‍त अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
1 Peter 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिसने यीशु मसीह के मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया। 
1 Peter 1:4 अर्थात एक अविनाशी और निर्मल, और अजर मीरास के लिये। 
1 Peter 1:5 जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी है, जिन की रक्षा परमेश्वर की सामर्थ से, विश्वास के द्वारा उस उद्धार के लिये, जो आने वाले समय में प्रगट होने वाली है, की जाती है। 
1 Peter 1:6 और इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो। 
1 Peter 1:7 और यह इसलिये है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं, अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण ठहरे। 
1 Peter 1:8 उस से तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास कर के ऐसे आनन्‍दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है। 
1 Peter 1:9 और अपने विश्वास का प्रतिफल अर्थात आत्माओं का उद्धार प्राप्त करते हो।

एक साल में बाइबल: 
  • एज़्रा 6-8
  • यूहन्ना 21


रविवार, 12 जून 2016

शान्त


   सन 1939 में जब दूसरे विश्वयुद्ध का आरंभ हुआ, तब ग्रेट ब्रिटेन में एक सन्देश दिखाई देना भी आरंभ हुआ: "शान्त रहें, कार्य ज़ारी रखें"। ब्रिटेन के सरकारी अधिकारियों ने इसे पोस्टरों पर छपवा कर स्थान-स्थान पर लगवा दिया जिससे लोग युद्ध के कारण निराश ना हों, घबराएं नहीं और अपने कार्यों में लगे रहें।

   अपनी बन्धुवाई के समय के बाद जब इस्त्राएली लौट कर अपने देश में आए तो उन्हें उसका पुनः निर्माण करना था। उन्होंने इस कार्य का आरंभ मन्दिर के पुनःनिर्माण से किया, लेकिन इसके लिए उन्हें भी अपने भय और शत्रु के हस्तक्षेप का सामना करके उन पर विजयी होना था (एज़्रा 3:3)। जब वे पुनःनिर्माण के लिए नींव डाल चुके तो उनके शत्रु "फारस के राजा कुस्रू के जीवन भर वरन फारस के राजा दारा के राज्य के समय तक उनके मनोरथ को निष्फल करने के लिये वकीलों को रुपया देते रहे" (एज़्रा 4:5)। उन शत्रुओं ने उनके विरुद्ध दोषारोपण करते हुए सरकारी अधिकारियों को शिकायत के पत्र लिखे, उनके कार्य में बाधा डाली, और निर्माण के कार्य को रुकवा दिया (एज़्रा 4:6, 24)। इन सब प्रतिरोधों के बावजूद, अन्ततः राजा दारा ने आज्ञा-पत्र ज़ारी करके मन्दिर के पुनःनिर्माण के कार्य को पूरा करवाया (एज़्रा 6:12-14)।

   जब हम परमेश्वर के कार्यों में लगे होते हैं और हमें असफलताओं तथा निराशाओं का सामना करना पड़ता है, तब भी हम शान्त होकर अपने कार्य में लगे रह सकते हैं, क्योंकि उन इस्त्राएलियों के समान हम भी आज यह कह सकते हैं कि, "...हम तो आकाश और पृथ्वी के परमेश्वर के दास हैं..." (एज़्रा 5:11)। हमारे मार्ग में बाधाएं और विलंब तो आएंगे लेकिन हम अपने प्रभु यीशु की प्रतिज्ञा "...मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊंगा: और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे" (मत्ती 16:18) में आश्वस्त रह सकते हैं। हम मसीही विश्वासियों में होकर कार्य करवाने वाली सामर्थ परमेश्वर की सामर्थ है ना कि हमारी अपनी, और इस सामर्थ को कोई हरा नहीं सकता; इसलिए "शान्त रहें, कार्य ज़ारी रखें"। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


परमेश्वर की आत्मा हमारी गवाही को सामर्थ प्रदान करता है।

चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं! - भजन 46:10

बाइबल पाठ: एज़्रा 5:7-17
Ezra 5:7 उन्होंने उसको एक चिट्ठी लिखी, जिस में यह लिखा था: कि राजा दारा का कुशल क्षेम सब प्रकार से हो।
Ezra 5:8 राजा को विदित हो, कि हम लोग यहूदा नाम प्रान्त में महान परमेश्वर के भवन के पास गए थे, वह बड़े बड़े पत्थरों से बन रहा है, और उसकी भीतों में कडिय़ां जुड़ रही हैं; और यह काम उन लोगों से फुतीं के साथ हो रहा है, और सफल भी होता जाता है। 
Ezra 5:9 इसलिये हम ने उन पुरनियों से यों पूछा, कि यह भवन बनवाने, और यह शहरपनाह खड़ी करने की आाज्ञा किस ने तुम्हें दी? 
Ezra 5:10 और हम ने उनके नाम भी पूछे, कि हम उनके मुख्य पुरुषों के नाम लिख कर तुझ को जता सकें। 
Ezra 5:11 और उन्होंने हमें यों उत्तर दिया, कि हम तो आकाश और पृथ्वी के परमेश्वर के दास हैं, और जिस भवन को बहुत वर्ष हुए इस्राएलियों के एक बड़े राजा ने बना कर तैयार किया था, उसी को हम बना रहे हैं। 
Ezra 5:12 जब हमारे पुरखाओं ने स्वर्ग के परमेश्वर को रिस दिलाई थी, तब उसने उन्हें बाबेल के कसदी राजा नबूकदनेस्सर के हाथ में कर दिया था, और उसने इस भवन को नाश किया और लोगों को बन्धुआ कर के बाबेल को ले गया। 
Ezra 5:13 परन्तु बाबेल के राजा कुस्रू के पहिले वर्ष में उसी कुस्रू राजा ने परमेश्वर के इस भवन के बनाने की आज्ञा दी 
Ezra 5:14 और परमेश्वर के भवन के जो सोने और चान्दी के पात्र नबूकदनेस्सर यरूशलेम के मन्दिर में से निकलवा कर बाबेल के मन्दिर में ले गया था, उन को राजा कुस्रू ने बाबेल के मन्दिर में से निकलवा कर शेशबस्सर नामक एक पुरुष को जिसे उसने अधिपति ठहरा दिया था, सौंप दिया। 
Ezra 5:15 और उसने उस से कहा, ये पात्र ले जा कर यरूशलेम के मन्दिर में रख, और परमेश्वर का वह भवन अपने स्थान पर बनाया जाए। 
Ezra 5:16 तब उसी शेशबस्सर ने आकर परमेश्वर के भवन की जो यरूशलेम में है नेव डाली; और तब से अब तक यह बन रहा है, परन्तु अब तक नहीं बन पाया। 
Ezra 5:17 अब यदि राजा को अच्छा लगे तो बाबेल के राजभणडार में इस बात की खोज की जाए, कि राजा कुस्रू ने सचमुच परमेश्वर के भवन के जो यरूशलेम में है बनवाने की आज्ञा दी थी, था नहीं। तब राजा इस विषय में अपनी इच्छा हम को बताए।

एक साल में बाइबल: 
  • एज़्रा 3-5
  • यूहन्ना 20


शनिवार, 11 जून 2016

ईमानदार


   एक कब्रिस्तान में एक दिन मैंने एक सुन्दर नक्काशी करी हुई कब्र पर एक अनूठा समाधि-लेख देखा; उस पर लिखा था " जे. हौलगेट: एक ईमानदार व्यक्ति"। मैं इस व्यक्ति हौलगेट या उसके जीवन के बारे में कुछ नहीं जानता, लेकिन जैसी सुन्दर उसकी कब्र बनाई गई थी उससे यही लगता है कि वह कोई समृद्ध व्यक्ति रहा होगा, और उसने अपने जीवनकाल में भरपूरी से प्राप्त किया होगा। लेकिन मृत्योपरांत उसके स्मारक पर उसके लिए केवल एक ही बात याद करी गई "एक ईमानदार व्यक्ति"। प्रगट है कि हौलगेट अपनी सभी उपलब्धियों से बढ़कर अपनी ईमानदारी के लिए जाना जाता था।

   युनानी दार्शनिक डायोजिनीस ने अपना जीवनकाल ईमानदारी की खोज में लगा दिया और अन्ततः इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि कोई ईमानदार व्यक्ति मिल नहीं सकता। किसी भी युग में ईमानदार लोगों को खोज पाना कठिन कार्य रहा है, परन्तु ईमानदारी बहुत महत्वपूर्ण गुण है। खरे जीवन के लिए ईमानदारी सर्वोत्त्म नीति नहीं, वरन एकमात्र नीति है; ईमानदारी ही परमेश्वर की उपस्थिति में रहने और चलने वाले व्यक्ति की पहचान करवाती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद ने प्रश्न किया, "हे परमेश्वर तेरे तम्बू में कौन रहेगा? तेरे पवित्र पर्वत पर कौन बसने पाएगा?" (भजन 15:1); और फिर आगे इन प्रश्नों के उत्तर को भी लिखा।

   मैं अपने आप से पूछता हूँ: क्या मैं अपने जीवन की सभी बातों में विश्वासयोग्य एवं आदरणीय हूँ? क्या मेरे सभी शब्द सदा सच्चे ही होते हैं? क्या मैं सत्य को सप्रेम बोलता हूँ? क्या उन्हें प्रभावी बनाने के लिए या अपने स्वार्थ के लिए मैं तथ्यों को यदा-कदा तोड़-मरोड़ कर, या फिर बढ़ा-चढ़ाकर तो नहीं प्रस्तुत करता हूँ?

   यदि ऐसा है तो मुझे परमेश्वर की ओर संपूर्ण विश्वास के साथ फिरने और उससे क्षमा माँगने की आवश्यकता है; साथ ही उससे एक पूर्णत्या अच्छा और ईमानदार हृदय भी माँगना है जिस से ईमानदारी मेरे जीवन और चरित्र का एक अभिन्न अंग बन जाए। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि, "...हे मेरे परमेश्वर! मैं जानता हूँ कि तू मन को जांचता है और सिधाई से प्रसन्न रहता है..." (1 इतिहास 29:17)।

   मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल का आशवासन है कि जिसने मेरे जीवन में यह उत्त्म कार्य आरंभ किया है, वह इस कार्य को मेरे जीवन में पूरा भी करेगा (फिलिप्पियों 1:6)। - डेविड रोपर


ऐसा जीवन जीऐं कि जब लोग ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के बारे में सोचें, 
तो उन्हें आपके जीवन तथा चरित्र का ध्यान आए।

और मुझे इस बात का भरोसा है, कि जिसने तुम में अच्छा काम आरम्भ किया है, वही उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा। - फिलिप्पियों 1:6

बाइबल पाठ: भजन 15
Psalms 15:1 हे परमेश्वर तेरे तम्बू में कौन रहेगा? तेरे पवित्र पर्वत पर कौन बसने पाएगा? 
Psalms 15:2 वह जो खराई से चलता और धर्म के काम करता है, और हृदय से सच बोलता है; 
Psalms 15:3 जो अपनी जीभ से निन्दा नहीं करता, और न अपने मित्र की बुराई करता, और न अपने पड़ोसी की निन्दा सुनता है; 
Psalms 15:4 वह जिसकी दृष्टि में निकम्मा मनुष्य तुच्छ है, और जो यहोवा के डरवैयों का आदर करता है, जो शपथ खाकर बदलता नहीं चाहे हानि उठानी पड़े; 
Psalms 15:5 जो अपना रूपया ब्याज पर नहीं देता, और निर्दोष की हानि करने के लिये घूस नहीं लेता है। जो कोई ऐसी चाल चलता है वह कभी न डगमगाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • एज़्रा 1-2
  • यूहन्ना 19:23-42


शुक्रवार, 10 जून 2016

मुकुट


   युनाइटिड किंगडम के राज मुकुट और ज़ेवर टावर ऑफ लंडन में गहन सुरक्षा में सैलानियों के देखने के लिए प्रदर्शित रखे रहते हैं। प्रति वर्ष लाखों लोग आकर इनको देखते हैं और इनकी भव्य सुन्दरता तथा बहुमूल्यता को सराहते हैं। ये राज मुकुट और ज़ेवर ना केवल साम्राज्य की सामर्थ के प्रतीक हैं, वरन उन्हें धारण करने वालों के ओहदे तथा शान को भी दर्शाते हैं। वे राज मुकुट तीन प्रकार के हैं - पहला है राज्याभिषेक के मुकुट, जो तब धारण किए जाते हैं जब कोई राजा बनता है; दूसरा है राज्य मुकुट जो विभिन्न राजसी तथा औपचारिक अवसरों पर धारण किए जाते हैं; और तीसरे हैं वे मुकुट जो राजा की पत्नि धारण करती है। विभिन्न मुकुट, विभिन्न उद्देश्यों के लिए हैं।

   स्वर्ग तथा सृष्टि के राजा, सृष्टि के सबसे महानतम मुकुट और सर्वोच्च आदर के हकदार, प्रभु यीशु ने, अपनी सृष्टि के लिए एक भिन्न ही प्रकार का मुकुट धारण किया। जब उसे क्रूस पर चढ़ाए जाने की प्रक्रिया चल रही थी, क्रूस पर चढ़ाए जाने के पहले के उसके अपमान और पीड़ा के समय में, "...सिपाहियों ने कांटों का मुकुट गूंथकर उसके सिर पर रखा..." (यूहन्ना 19:2)। उस दिन मुकुट को, जो सामान्यतः आदर और राज्याधिकार का प्रतीक होता है, अपमान, घृणा और उपहास का माध्यम बना दिया गया। लेकिन जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाति के पाप और लज्जा को सहते हुए उस काँटों के मुकुट को भी बिना कोई प्रतिरोध दिखाए, स्वेच्छा से धारण कर लिया।

   वह जो सर्वश्रेष्ठ मुकुट का हकदार है, हमारे उद्धार और पाप क्षमा के लिए सबसे निकृष्ट मुकुट धारण करने से नहीं हिचकिचाया, जिस से कि हम उस पर विश्वास लाकर, उसे अपना जीवन समर्पण करके तथा उस से अपने पापों की क्षमा माँग कर उस से स्वर्गीय मुकुट प्राप्त करने तथा धारण करने के हकदार बन सकें (2 तिमुथियुस 4:8)। क्या आप उस स्वर्गीय मुकुट को धारण करने के लिए तैयार हैं? - बिल क्राउडर


क्रूस के कार्य के बिना कोई स्वर्गीय मुकुट नहीं है।

भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं। - 2 तिमुथियुस 4:8

बाइबल पाठ: यूहन्ना 19:1-8
John 19:1 इस पर पीलातुस ने यीशु को ले कर कोड़े लगवाए। 
John 19:2 और सिपाहियों ने कांटों का मुकुट गूंथकर उसके सिर पर रखा, और उसे बैंजनी वस्‍त्र पहिनाया। 
John 19:3 और उसके पास आ आकर कहने लगे, हे यहूदियों के राजा, प्रणाम! और उसे थप्पड़ भी मारे। 
John 19:4 तब पीलातुस ने फिर बाहर निकलकर लोगों से कहा, देखो, मैं उसे तुम्हारे पास फिर बाहर लाता हूं; ताकि तुम जानो कि मैं कुछ भी दोष नहीं पाता। 
John 19:5 तब यीशु कांटों का मुकुट और बैंजनी वस्‍त्र पहिने हुए बाहर निकला और पीलातुस ने उन से कहा, देखो, यह पुरूष। 
John 19:6 जब महायाजकों और प्यादों ने उसे देखा, तो चिल्लाकर कहा, कि उसे क्रूस पर चढ़ा, क्रूस पर: पीलातुस ने उन से कहा, तुम ही उसे ले कर क्रूस पर चढ़ाओ; क्योंकि मैं उस में दोष नहीं पाता। 
John 19:7 यहूदियों ने उसको उत्तर दिया, कि हमारी भी व्यवस्था है और उस व्यवस्था के अनुसार वह मारे जाने के योग्य है क्योंकि उसने अपने आप को परमेश्वर का पुत्र बनाया। 
John 19:8 जब पीलातुस ने यह बात सुनी तो और भी डर गया।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 34-36
  • यूहन्ना 19:1-22


गुरुवार, 9 जून 2016

उदार परमेश्वर


 बहुत साल पहले, जब हमारा परिवार शिकागो में रहता था, हमें वहाँ रहने के अनेकों लाभ मिलते रहते थे। उन लाभों की सूची के आरंभिक लाभों में से एक था वहाँ के रेस्टोराँ जो एक दुसरे से बढ़-चढ़कर अपने ग्राहकों को सन्तुष्ट करने के प्रयासों में लगे रहते थे - ना केवल भोजन की गुणवन्ता में वरन परोसे गए भोजन की मात्रा में भी! वहाँ का एक इटैलियन रेस्टोराँ ऐसा था जिसमें मैं और मेरी पत्नि अपने पसन्दीदा पास्ता को आधी मात्रा में मँगाते थे, और भरपेट खाने के बाद भी इतना बच जाता था कि हम उसे घर लाकर अगली रात्री के भोजन के लिए इस्तेमाल कर लेते थे। इतनी उदार मात्रा में मिलने वाली उस भोजन-सामग्री को पाकर हमें लगता था कि हम अपनी दादी के घर में हैं और खाना बना तथा परोसकर वे अपने प्रेम को हम पर उँडेल रही हैं।

   जब मैं परमेश्वर के वचन बाइबल में पढ़ता हूँ कि हमारे परमेश्वर पिता ने हम पर अपने अनुग्रह के धन को बहुतायत से उँडेला है (इफिसियों 1:7-8) और वह हमारे लिए "...हमारी बिनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है..." (इफिसियों 3:20) तो मुझे अपने ऊपर बहाई गई उसके प्रेम की भरपूरी का एहसास होता है। मैं बहुत धन्यवादी हूँ कि हमारा पिता परमेश्वर कोई कंजूस परमेश्वर नहीं है जो अपनी आशीषें थोड़ी-थोड़ी मात्रा में और संकोच के साथ हमें प्रदान करता है, और ना ही वह ऐसा परमेश्वर पिता है जिसे प्रसन्न करने और उससे कुछ प्राप्त करने के लिए मुझे अपने आप को कोई कष्ट या दुःख देने की आवश्यकता होती है। वरन वह ऐसा प्रेमी, कृपालु और द्यालु पिता परमेश्वर है जिसके दरवाज़े और बाँहें अपने उड़ाऊ पुत्र को भी पूरे आदर और सम्मान के साथ वापस ले लेने को खुले रहते हैं, आतुर रहते हैं (लूका 15), और प्रतिदिन "वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करूणा और दया का मुकुट बान्धता है" (भजन 103:4)।

   हम कभी-कभी सोचते हैं कि परमेश्वर ने हमें वैसा नहीं दिया जैसा हम चाहते हैं। लेकिन सच तो यह है कि हमारे पाप क्षमा करने और हमें स्वर्ग का वारिस बनाने के इलावा यदि परमेश्वर हमारे लिए और कुछ भी ना करता, तो भी उसने बड़ी उदारता के साथ हमारे लिए बहुतायात से अनुग्रह कर दिया है। इसलिए आईऐ, उन सारी आशीषों और भलाईयों के लिए जो उसने हम पर बहुतायत से उँडेली हैं, हम आज अपने इस उदार परमेश्वर पिता का धन्यवाद करें, उसके कृतज्ञ बनें और उसमें आनन्दित रहें। - जो स्टोवैल


उस उदार परमेश्वर की, जिससे सभी आशीषें आती हैं
 सदा धन्यवाद, स्तुति और महिमा हो।

हम को उस में उसके लोहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है। जिसे उसने सारे ज्ञान और समझ सहित हम पर बहुतायत से किया। - इफिसियों 1:7-8

बाइबल पाठ: इफिसियों 3:14-21
Ephesians 3:14 मैं इसी कारण उस पिता के साम्हने घुटने टेकता हूं, 
Ephesians 3:15 जिस से स्वर्ग और पृथ्वी पर, हर एक घराने का नाम रखा जाता है। 
Ephesians 3:16 कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे, कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्‍व में सामर्थ पाकर बलवन्‍त होते जाओ। 
Ephesians 3:17 और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़ कर और नेव डाल कर। 
Ephesians 3:18 सब पवित्र लोगों के साथ भली भांति समझने की शक्ति पाओ; कि उसकी चौड़ाई, और लम्बाई, और ऊंचाई, और गहराई कितनी है। 
Ephesians 3:19 और मसीह के उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से परे है, कि तुम परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाओ।
Ephesians 3:20 अब जो ऐसा सामर्थी है, कि हमारी बिनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है, उस सामर्थ के अनुसार जो हम में कार्य करता है, 
Ephesians 3:21 कलीसिया में, और मसीह यीशु में, उस की महिमा पीढ़ी से पीढ़ी तक युगानुयुग होती रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 32-33
  • यूहन्ना 18:19-40