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बुधवार, 30 जून 2021

दृष्टिकोण

 

          मैं उस समय 18 वर्ष की थी, और मुझे हाल ही में साफ़ देख पाने के लिए चश्मा लगाना पड़ा था, जिसे मैं पसंद नहीं कर रही थी। मेरे पिता ने एक दिन मुझ से कहा, “किसी पेड़ को देखते समय, पहले उसे बजाए केवल धुंधला और हरा देख पाने के स्थान पर, अब उसके प्रत्येक पत्ते को स्पष्ट देख पाना बहुत अद्भुत अनुभव होगा; है न?” उनकी इस टिप्पणी ने उस चश्मे के प्रति मेरा दृष्टिकोण बदल दिया।

          परमेश्वर के वचन बाइबल को पढ़ते समय, कभी-कभी बाइबल के कुछ भाग वैसे ही प्रतीत होते हैं, जैसे बिना चश्मा पहने हुए पेड़ दिखते हैं – धुंधले, जैसे उनमें कुछ विशेष नहीं है। किन्तु यदि हम ध्यान देकर बारीकी से देखें तो उन खंडों में भी परमेश्वर की बातों की सुन्दरता दिखाई देती है।

          यह मेरे साथ निर्गमन की पुस्तक पढ़ते समय हुआ। परमेश्वर ने इस्राएलियों को अपने अस्थायी निवास-स्थान को बनाने के लिए जो निर्देश दिए थे, उसका विवरण अरुचिकर और अस्पष्ट प्रतीत हो सकता है। लेकिन मैं अध्याय 25 के अन्त की ओर आकर थोड़ा रुकी, और परमेश्वर ने दीवट के बनाने के लिए जो विवरण दिया है, उस पर विचार करने लगी। उसे “चोखे सोने” से बनाया जाना था; उसके पाये, डंडी, पुष्प-कोष, गाँठ, और फूल, सब कुछ चोखे सोने से बनने थे (पद 31)। उसकी डंडियों के ऊपर के पुष्प-कोषों को बादाम के फूलों के समान होना था (पद 34)।

          बादाम के पेड़ बहुत सुन्दर होते हैं, और परमेश्वर ने उसी प्राकृतिक सुन्दरता को अपने निवास-स्थान में सम्मिलित किया था।

          पौलुस ने लिखा,क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात उस की सनातन सामर्थ्य, और परमेश्वरत्व जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते हैं...” (रोमियों 1:20)। परमेश्वर की सुन्दरता को देख पाने के लिए हमें उसकी सृष्टि और उसके वचन, दोनों को निहारना चाहिए, और कभी-कभी उस सुन्दरता को स्पष्ट देखने के लिए, हमें उन्हें एक नए दृष्टिकोण से उसे देखना चाहिए। - जूली स्क्वाब

 

 

परमेश्वर के वचन, और उसकी सृष्टि, दोनों को एक नए दृष्टिकोण से देखिए; 

परमेश्वर की अद्भुत बातें प्रकट होने लगेंगी!


आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकाशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। - भजन संहिता 19:1

बाइबल पाठ: निर्गमन 25:31-40

निर्गमन 25:31 फिर चोखे सोने की एक दीवट बनवाना। सोना ढलवाकर वह दीवट, पाये और डण्डी सहित बनाया जाए; उसके पुष्प-कोष, गांठ और फूल, सब एक ही टुकड़े के बनें;

निर्गमन 25:32 और उसकी किनारों से छ: डालियां निकलें, तीन डालियां तो दीवट के एक किनारे से और तीन डालियां उसकी दूसरे किनारे से निकली हुई हों;

निर्गमन 25:33 एक एक डाली में बादाम के फूल के समान तीन तीन पुष्प-कोष, एक एक गांठ, और एक एक फूल हों; दीवट से निकली हुई छहों डालियों का यही आकार या रूप हो;

निर्गमन 25:34 और दीवट की डण्डी में बादाम के फूल के समान चार पुष्प-कोष अपनी अपनी गांठ और फूल समेत हों;

निर्गमन 25:35 और दीवट से निकली हुई छहों डालियों में से दो दो डालियों के नीचे एक एक गांठ हो, वे दीवट समेत एक ही टुकड़े के बने हुए हों।

निर्गमन 25:36 उनकी गांठे और डालियां, सब दीवट समेत एक ही टुकड़े की हों, चोखा सोना ढलवाकर पूरा दीवट एक ही टुकड़े का बनवाना।

निर्गमन 25:37 और सात दीपक बनवाना; और दीपक जलाए जाएं कि वे दीवट के सामने प्रकाश दें।

निर्गमन 25:38 और उसके गुलतराश और गुलदान सब चोखे सोने के हों।

निर्गमन 25:39 वह सब इन समस्त सामान समेत किक्कार भर चोखे सोने का बने।

निर्गमन 25:40 और सावधान रहकर इन सब वस्तुओं को उस नमूने के समान बनवाना, जो तुझे इस पर्वत पर दिखाया गया है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 17-19
  • प्रेरितों 10:1-23