सिंगापुर के प्रथम प्रधान मंत्री, ली क्वान यू को सिंगापुर को वह बनाने का श्रेय दिया जाता है, जो आज वह देश है। उनके नेतृत्व के दिनों में सिंगापुर उन्नति करके धनी, समृद्ध और एशिया का सबसे विकसित देश बन गया। जब उन से पूछा गया कि उन्हें आलोचनाओं और चुनौतियों का सामना करते हुए कभी निराश होकर ऐसा लगा कि यह सब छोड़ देना चाहिए, तो उनका उत्तर था, "यह तो जीवन भर उठाए रहने का बीड़ा था।"
परमेश्वर के वचन बाइबल में नहेम्याह ने यरुशलेम की दीवार को फिर से बनाने का बीड़ा उठाया, और अनेकों विपरीत परिस्थितियों का सामना करने पर भी निराश होकर उसे छोड़ देना कभी नहीं चाहा। उसे अपने चारों ओर के शत्रुओं से अपमान और धमकियों का, तथा अपने ही लोगों से अन्यायों का सामना करना पड़ा (नहेम्याह 4-5)। उसके शत्रुओं ने उस पर यह दोष भी लगाया कि वह अपने ही स्वार्थ के लिए यह सब कर रहा है (6:6-7)। अपने बचाव के लिए हर संभव कदम उठाने में नहेम्याह ने सदा ही परमेश्वर से सहायता और मार्गदर्शन की प्रार्थना की और उसके अनुसार ही हर कार्य किया।
सभी चुनौतियों के बावजूद, यरुशलेम की वह दीवार 52 दिन में बनकर तैयार तो हो गई (6:15); परन्तु नहेम्याह का कार्य पूरा नहीं हुआ। उसने इस्त्राएलियों को प्रोत्साहित किया कि वे परमेश्वर के वचन का अध्ययन करें, उसकी आराधना करें, और उसके नियमों का पालन करें। बारह वर्ष तक राज्यपाल होने की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद (5:14) नहेम्याह यरुशलेम यह देखने के लिए वापस आया कि उसके द्वारा आरंभ किए गए सुधार ज़ारी हैं कि नहीं (13:6) और जो कमियाँ उसने पाईं उन्हें सुधारने में वह फिर से जुट गया। अपने लोगों का परमेश्वर के मार्ग पर सही नेतृत्व करना नहेम्याह का जीवन भर का बीड़ा था।
जीवन में हम सब को चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है; परन्तु जैसे परमेश्वर ने तब नहेम्याह की सहायता और मार्गदर्शन किया था, वह आज भी अपने लोगों के लिए करने को तत्पर और तैयार है। जो भी कार्य वह हमें सौंपता है, उन्हें करने के लिए वह हमारे हाथों को सदा सशक्त करेगा (6:9)। - सी. पी. हिया
जीवन की चुनौतियाँ हमें तोड़ने के लिए नहीं
वरन हमें परमेश्वर की ओर मोड़ने के लिए होती हैं।
जब हमारे सब शत्रुओं ने यह सुना, तब हमारे चारों ओर रहने वाले सब अन्य जाति डर गए, और बहुत लज्जित हुए; क्योंकि उन्होंने जान लिया कि यह काम हमारे परमेश्वर की ओर से हुआ। - नहेम्याह 6:16
बाइबल पाठ: नहेम्याह 6:1-9
Nehemiah 6:1 जब सम्बल्लत, तोबियाह और अरबी गेशेम और हमारे और शत्रुओं को यह समाचार मिला, कि मैं शहरपनाह को बनवा चुका; और यद्यपि उस समय तक भी मैं फाटकों में पल्ले न लगा चुका था, तौभी शहरपनाह में कोई दरार न रह गया था।
Nehemiah 6:2 तब सम्बल्लत और गेशेम ने मेरे पास यों कहला भेजा, कि आ, हम ओनो के मैदान के किसी गांव में एक दूसरे से भेंट करें। परन्तु वे मेरी हानि करने की इच्छा करते थे।
Nehemiah 6:3 परन्तु मैं ने उनके पास दूतों से कहला भेजा, कि मैं तो भारी काम में लगा हूँ, वहां नहीं जा सकता; मेरे इसे छोड़ कर तुम्हारे पास जाने से वह काम क्यों बन्द रहे?
Nehemiah 6:4 फिर उन्होंने चार बार मेरे पास वैसी ही बात कहला भेजी, और मैं ने उन को वैसा ही उत्तर दिया।
Nehemiah 6:5 तब पांचवी बार सम्बल्लत ने अपने सेवक को खुली हुई चिट्ठी देकर मेरे पास भेजा,
Nehemiah 6:6 जिस में यों लिखा था, कि जाति जाति के लोगों में यह कहा जाता है, और गेशेम भी यही बात कहता है, कि तुम्हारी और यहूदियों की मनसा बलवा करने की है, और इस कारण तू उस शहरपनाह को बनवाता है; और तू इन बातों के अनुसार उनका राजा बनना चाहता है।
Nehemiah 6:7 और तू ने यरूशलेम में नबी ठहराए हैं, जो यह कह कर तेरे विषय प्रचार करें, कि यहूदियों में एक राजा है। अब ऐसा ही समाचार राजा को दिया जाएगा। इसलिये अब आ, हम एक साथ सम्मति करें।
Nehemiah 6:8 तब मैं ने उसके पास कहला भेजा कि जैसा तू कहता है, वैसा तो कुछ भी नहीं हुआ, तू ये बातें अपने मन से गढ़ता है।
Nehemiah 6:9 वे सब लोग यह सोच कर हमें डराना चाहते थे, कि उनके हाथ ढीले पड़ें, और काम बन्द हो जाए। परन्तु अब हे परमेश्वर तू मुझे हियाव दे।
एक साल में बाइबल:
- निर्गमन 14-15
- मत्ती 17