कॉलेज के छात्रों के पास पैसे की कमी अकसर होती है, इसलिए वे पैसा बचाने के प्रत्येक अवसर का भरपूरी से उपयोग करते हैं; तभी यदि किसी सभा में मुफ्त भोजन विज्ञापित किया गया हो तो छात्र वहाँ अवश्य आ जाते हैं। यदि किसी कम्पनी को नए कर्मचारी नियुक्त करने होते हैं तो वह कॉलेज में आयोजित अपनी कंपनी तथा वहाँ उपलब्ध नियुक्तियों की जानकारी देने वाली सभा के अन्त में मुफ्त पीट्ज़ा का प्रचार अवश्य करती है, जिससे छात्र सभा में उपस्थित रहने के लिए आकर्षित हों। कुछ छात्र तो इस मुफ्त मिलने वाले पीट्ज़ा के कारण एक के बाद एक, अनेक ऐसी सभाओं मे पहुँच जाते हैं; उनके लिए वर्तमान में मिलने वाला मुफ्त भोजन भविष्य के लिए उपयोगी नौकरी से अधिक महत्वपूर्ण होता है।
प्रभु यीशु ने 5000 से अधिक की भीड़ को चम्तकारी रीति से भोजन खिलाया, और उसके अगले दिन बहुत से लोग प्रभु यीशु को ढूंढने निकल पड़े (यूहन्ना 6:10-11, 24-25)। प्रभु उनकी मनशा जानता था और उसने उनसे स्पष्ट कहा: "यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, कि मैं तुम से सच सच कहता हूं, तुम मुझे इसलिये नहीं ढूंढ़ते हो कि तुम ने अचम्भित काम देखे, परन्तु इसलिये कि तुम रोटियां खाकर तृप्त हुए" (यूहन्ना 6:26)। उन लोगों के लिए प्रभु यीशु से मिलने वाली पापों की क्षमा, उद्धार और अनन्त आशीष के जीवन से अधिक महत्वपूर्ण था वह मुफ्त का भोजन जिसकी लालसा वे प्रभु यीशु से रखते थे। प्रभु यीशु ने उनसे कहा कि, "...जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा" (यूहन्ना 6:35)। कुछ ने तो उसपर इस बात के लिए विश्वास किया परन्तु बहुतेरों ने नहीं किया और उससे विवाद करने लगे, फिर अन्ततः उसे छोड़ कर चले गए (पद 66), क्योंकि वे प्रभु यीशु से मुफ्त भोजन तो चाहते थे परन्तु प्रभु को नहीं चाहते थे और ना ही उसके अनुयायी होना चाहते थे।
प्रभु यीशु आज भी संसार के सभी लोगों को अपने पास बुला रहा है, नाशमान मुफ्त भोजन देने के लिए नहीं वरन प्रभु यीशु में मिलने वाली पापों की क्षमा से प्राप्त होने वाला अनन्त काल की स्वर्गीय आशीष से परिपूर्ण उद्धार पाया हुआ जीवन। आप प्रभु यीशु से क्या चाहते हैं - नाशमान पार्थिव आवश्यकताओं की पूर्ति या अनन्त अविनाशी आशीषें और बेबयान शान्ति? - ऐनी सेटास
केवल जीवन की रोटी प्रभु यीशु ही आत्मा की भूख को मिटा सकता है।
नाशमान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है। - यूहन्ना 6:27
बाइबल पाठ: यूहन्ना 6:26-41
John 6:26 यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, कि मैं तुम से सच सच कहता हूं, तुम मुझे इसलिये नहीं ढूंढ़ते हो कि तुम ने अचम्भित काम देखे, परन्तु इसलिये कि तुम रोटियां खाकर तृप्त हुए।
John 6:27 नाशमान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है।
John 6:28 उन्होंने उस से कहा, परमेश्वर के कार्य करने के लिये हम क्या करें?
John 6:29 यीशु ने उन्हें उत्तर दिया; परमेश्वर का कार्य यह है, कि तुम उस पर, जिसे उसने भेजा है, विश्वास करो।
John 6:30 तब उन्होंने उस से कहा, फिर तू कौन का चिन्ह दिखाता है कि हम उसे देखकर तेरी प्रतीति करें, तू कौन सा काम दिखाता है?
John 6:31 हमारे बाप दादों ने जंगल में मन्ना खाया; जैसा लिखा है; कि उसने उन्हें खाने के लिये स्वर्ग से रोटी दी।
John 6:32 यीशु ने उन से कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं कि मूसा ने तुम्हें वह रोटी स्वर्ग से न दी, परन्तु मेरा पिता तुम्हें सच्ची रोटी स्वर्ग से देता है।
John 6:33 क्योंकि परमेश्वर की रोटी वही है, जो स्वर्ग से उतरकर जगत को जीवन देती है।
John 6:34 तब उन्होंने उस से कहा, हे प्रभु, यह रोटी हमें सर्वदा दिया कर।
John 6:35 यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा।
John 6:36 परन्तु मैं ने तुम से कहा, कि तुम ने मुझे देख भी लिया है, तोभी विश्वास नहीं करते।
John 6:37 जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा।
John 6:38 क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, वरन अपने भेजने वाले की इच्छा पूरी करने के लिये स्वर्ग से उतरा हूं।
John 6:39 और मेरे भेजने वाले की इच्छा यह है कि जो कुछ उसने मुझे दिया है, उस में से मैं कुछ न खोऊं परन्तु उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊं।
John 6:40 क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा।
John 6:41 सो यहूदी उस पर कुड़कुड़ाने लगे, इसलिये कि उसने कहा था; कि जो रोटी स्वर्ग से उतरी, वह मैं हूं।
एक साल में बाइबल:
- होशे 12-14
- प्रकाशितवाक्य 4