परमेश्वर के वचन बाइबल के एक प्रमुख पात्र,
दाऊद के जीवन की घटना है; दाऊद अपने साथ 400 योद्धाओं को लेकर नाबाल को ढूँढ कर
मार डालने के लिए जा रहा था। नाबाल एक समृद्ध किन्तु विवेकहीन व्यक्ति था, जिसके
कर्मचारियों और पशुओं की रक्षा तथा सहायता दाऊद के साथियों ने की थी, परन्तु जब
दाऊद ने उससे कुछ सहायता चाही तो नाबाल ने उसका उपहास करते हुए सहायता करने से
इनकार कर दिया। दाऊद नाबाल को मार डालता, यदि उसका सामना पहले नाबाल की पत्नि, अबीगैल,
से नहीं हुआ होता। नाबाल की करतूत के बारे में सुनकर तुरंत अबीगैल ने विनाश से
बचने के लिए एक सेना के लायक पर्याप्त भोजन लिया और दाऊद से मिलने निकल पड़ी। दाऊद
से मिलकर अबीगैल ने उसे समझाया, और कहा कि यदि वह बदला लेने की अपनी योजना को
कार्यान्वित कर देगा, तो शेष जीवन भर वह इसे लेकर दोषी अनुभव करता रहेगा (1 शमूएल
25:31)। दाऊद को एहसास हुआ कि अबीगैल ठीक कह रही है, और उसने अबीगैल को सही मार्ग
दिखाने के लिए आशीष दी।
दाऊद का क्रोध जायज़ था, उसे भलाई के बदले
नाबाल से बुराई मिली थी; परन्तु उसका क्रोध उसे पाप में ले जा रहा था। दाऊद की
पहली प्रतिक्रया थी कि वह अपनी तलवार नाबाल के अन्दर उतार दे, यद्यपि वह जानता था
कि परमेश्वर बदला लेने और हत्या करने से प्रसन्न नहीं होता है (निर्गमन 20:13;
लैव्यवस्था 19:18)।
जब हमें ठेस पहुँचे तो आवेश में कुछ करने से
पहले हमें अपनी ऐच्छित प्रतिक्रया की, मानवीय व्यवहार के लिए परमेश्वर की इच्छा से
तुलना कर लेनी चाहिए। हमारी इच्छा लोगों को शब्दों से आहात करने, अपने आप को
अलग-थलग कर लेने, या अनेकों तरीकों से बचाव करने की हो सकती है। लेकिन एक
अनुग्रहपूर्ण व्यवहार करना का चुनाव करने के द्वारा ही हम बाद के पछतावे से बच
सकते हैं और परमेश्वर को प्रसन्न कर सकते हैं, जो और भी अधिक महत्वपूर्ण होता है।
जब अपने संबंधों में हमारा उद्देश्य परमेश्वर
को आदर और महिमा देना होगा, तो वह हमारे शत्रुओं को भी हमारे साथ शान्ति से कर
देगा (नीतिवचन 16:7)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट
हम
जीवन के अन्यायों को सहन कर सकते हैं,
क्योंकि हम जानते हैं कि परमेश्वर सभी बातों
को सही कर देगा।
जब
किसी का चाल चलन यहोवा को भावता है, तब वह उसके शत्रुओं
का भी उस से मेल कराता है। - नीतिवचन 16:7
बाइबल
पाठ: 1 शमूएल 25:14-33
1 Samuel 25:14 परन्तु एक सेवक ने नाबाल की पत्नी अबीगैल को बताया, कि दाऊद ने जंगल से हमारे स्वामी को आशीर्वाद देने के लिये दूत भेजे थे;
और उसने उन्हें ललकार दिया।
1 Samuel 25:15 परन्तु वे मनुष्य हम से बहुत अच्छा बर्ताव रखते थे, और जब तक हम मैदान में रहते हुए उनके पास आया जाया करते थे, तब तक न तो हमारी कुछ हानि हुई, और न हमारा कुछ खोया
गया;
1 Samuel 25:16 जब तक हम उन के साथ भेड़-बकरियां चराते रहे, तब
तक वे रात दिन हमारी आड़ बने रहे।
1 Samuel 25:17 इसलिये अब सोच विचार कर कि क्या करना चाहिए; क्योंकि
उन्होंने हमारे स्वामी की ओर उसके समस्त घराने की हानि ठानी होगी, वह तो ऐसा दुष्ट है कि उस से कोई बोल भी नहीं सकता।
1 Samuel 25:18 अब अबीगैल ने फुर्ती से दो सौ रोटी, और दो
कुप्पी दाखमधु, और पांच भेडिय़ों का मांस, और पांच सआ भूना हुआ अनाज, और एक सौ गुच्छे किशमिश,
और अंजीरों की दो सौ टिकियां ले कर गदहों पर लदवाई।
1 Samuel 25:19 और उसने अपने जवानों से कहा, तुम मेरे आगे आगे
चलो, मैं तुम्हारे पीछे पीछे आती हूं; परन्तु
उसने अपने पति नाबाल से कुछ न कहा।
1 Samuel 25:20 वह गदहे पर चली हुई पहाड़ की आड़ में उतरी जाती थी, और दाऊद अपने जनों समेत उसके सामहने उतरा आता था; और
वह उन को मिली।
1 Samuel 25:21 दाऊद ने तो सोचा था, कि मैं ने जो जंगल में
उसके सब माल की ऐसी रक्षा की कि उसका कुछ भी न खोया, यह
नि:सन्देह व्यर्थ हुआ; क्योंकि उसने भलाई के बदले मुझ से
बुराई ही की है।
1 Samuel 25:22 यदि बिहान को उजियाला होने तक उस जन के समस्त लोगों में से एक लड़के
को भी मैं जीवित छोड़ूं, तो परमेश्वर मेरे सब शत्रुओं से ऐसा
ही, वरन इस से भी अधिक करे।
1 Samuel 25:23 दाऊद को देख अबीगैल फुर्ती कर के गदहे पर से उतर पड़ी, और दाऊद के सम्मुख मुंह के बल भूमि पर गिरकर दण्डवत की।
1 Samuel 25:24 फिर वह उसके पांव पर गिरके कहने लगी, हे मेरे
प्रभु, यह अपराध मेरे ही सिर पर हो; तेरी
दासी तुझ से कुछ कहना चाहती है, और तू अपनी दासी की बातों को
सुन ले।
1 Samuel 25:25 मेरा प्रभु उस दुष्ट नाबाल पर चित्त न लगाए; क्योंकि
जैसा उसका नाम है वैसा ही वह आप है; उसका नाम तो नाबाल है,
और सचमुच उस में मूढ़ता पाई जाती है; परन्तु
मुझ तेरी दासी ने अपने प्रभु के जवानों को जिन्हें तू ने भेजा था न देखा था।
1 Samuel 25:26 और अब, हे मेरे प्रभु, यहोवा
के जीवन की शपथ और तेरे जीवन की शपथ, कि यहोवा ने जो तुझे
खून से और अपने हाथ के द्वारा अपना पलटा लेने से रोक रखा है, इसलिये अब तेरे शत्रु और मेरे प्रभु की हानि के चाहने वाले नाबाल ही के
समान ठहरें।
1 Samuel 25:27 और अब यह भेंट जो तेरी दासी अपने प्रभु के पास लाई है, उन जवानों को दी जाए जो मेरे प्रभु के साथ चलते हैं।
1 Samuel 25:28 अपनी दासी का अपराध क्षमा कर; क्योंकि यहोवा
निश्चय मेरे प्रभु का घर बसाएगा और स्थिर करेगा, इसलिये कि
मेरा प्रभु यहोवा की ओर से लड़ता है; और जन्म भर तुझ में कोई
बुराई नहीं पाई जाएगी।
1 Samuel 25:29 और यद्यपि एक मनुष्य तेरा पीछा करने और तेरे प्राण का ग्राहक होने
को उठा है, तौभी मेरे प्रभु का प्राण तेरे परमेश्वर यहोवा की
जीवनरूपी गठरी में बन्धा रहेगा, और तेरे शत्रुओं के प्राणों
को वह मानो गोफन में रखकर फेंक देगा।
1 Samuel 25:30 इसलिये जब यहोवा मेरे प्रभु के लिये यह समस्त भलाई करेगा जो उसने
तेरे विषय में कही है, और तुझे इस्राएल पर प्रधान कर के
ठहराएगा,
1 Samuel 25:31 तब तुझे इस कारण पछताना न होगा, वा मेरे प्रभु
का हृदय पीड़ित न होगा कि तू ने अकारण खून किया, और मेरे
प्रभु ने अपना पलटा आप लिया है। फिर जब यहोवा मेरे प्रभु से भलाई करे तब अपनी दासी
को स्मरण करना।
1 Samuel 25:32 दाऊद ने अबीगैल से कहा, इस्राएल का परमेश्वर
यहोवा धन्य है, जिसने आज के दिन मुझ से भेंट करने के लिये
तुझे भेजा है।
1 Samuel 25:33 और तेरा विवेक धन्य है, और तू आप भी धन्य है,
कि तू ने मुझे आज के दिन खून करने और अपना पलटा आप लेने से रोक लिया
है।
एक
साल में बाइबल:
- व्यवस्थाविवरण 17-19
- मरकुस 13:1-20