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बुधवार, 14 अप्रैल 2010

परमेश्वर स्मरण रखता है

एक चीनी त्योहार ’क्विंग मिंग’ बिछड़े हुए रिश्तेदारों को याद करने और उनके लिये दुख मनाने का समय होता है। परंपरा के अनुसार इस समय में लोग कब्रों की मरम्मत करते हैं और प्रीय जनों के साथ खुले इलाकों में घूमते हैं। किवंदन्ती है कि इस प्रथा का आरंभ एक युवक के अपनी माँ से किये अशिष्ट और मूर्खता पूर्ण व्यवहार के कारण हुआ जिससे उसकी माता की मृत्यु हो गयी। तब उस युवक ने निश्चय किया कि वह अपनी माँ द्वारा उसके लिये किये गए कार्यों को समरण करने के लिये वह हर साल उसकी कब्र पर जाया करेगा। दुख की बात है कि माँ की मृत्यु के बाद ही उसे माँ की याद आयी।

परमेश्वर हमसे कितना भिन्न व्यवहार करता है! बाइबल की उत्पत्ती की पुस्तक में हम पढ़ते हैं कि कैसे जल प्रलय ने सारे संसार को नष्ट किया। केवल वे ही जो नूह के साथ जहाज़ में थे बच सके। परमेश्वर ने उनको याद किया (८:१), हवा चला कर पानी को सुखाया ताकि वे जहाज़ से निकल कर भूमि पर आ सकें।

परमेश्वर ने हन्ना को भी याद रखा जब उसने पुत्र के लिये प्रार्थना करी (१ शमुएल १:१९), और उसे एक बेटा दिया - शमुएल।

क्रुस पर मरते हुए चोर को भी प्रभु यीशु ने याद रखा जिसने उससे याचना की थी कि "प्रभु, जब तू अपने राज्य में आये तो मेरी सुधी लेना" और यीशु ने उत्तर दिया कि "आज ही तू मेरे साथ स्वर्ग लोक में होगा" (लूका २३:४२, ४३)।

हम कहीं भी हों, परमेश्वर हमें सदा याद रखता है। हमारी चिंताएं उसकी चिंताएं हैं। हमारे दर्द उसके दर्द हैं। अपनी सब परेशानियों और चुनौतियों को उसे सौंप दो। जैसे एक मां अपने बच्चों को सदा याद रखती है, वह भी हमें सदा याद रखता है, वह सब कुछ देखता और जानता है और हमारी हर आवश्यक्ता को पूरा करने की प्रतीक्षा करता है। - सी. पी. हिया


यह जानना कि परमेश्वर हमें देखता रहता है, हमें तसल्ली भी देता है और कायल भी करता है।


बाइबल पाठ: उत्पत्ती ८:१-१७


परमेश्वर ने नूह की और जितने बनैले पशु और घरेलु पशु उसके संग जहाज़ में थे, उन सभों की सुधि ली। - उत्पत्ति ८:१


एक साल में बाइबल:
  • १ शमुएल २५, २६
  • लूका १२:३२-५९