सन
1997 के एशियाई वित्तीय संकट के समय में उतनी नौकरियां नहीं थीं जितने लोग नौकरी
खोज रहे थे। मैं भी उन नौकरी खोजने वालों में से एक थी। नौ महीनों के चिंता भरे
महीने प्रतीक्षा करने के बाद मुझे एक छोटी सी नौकरी मिली, लेकिन जिस कंपनी में नौकरी मिली थी, वह शीघ्र ही बन्द हो गई और मैं फिर से बेरोजगार हो गई।
क्या
आपके साथ कभी ऐसा हुआ है? आपको लगने
लगता है कि अब जो कुछ बुरा हो सकता था, वह हो चुका है, अब और कुछ
नहीं बिगड़ेगा, तभी अचानक ही आपके
पैरों तले से ज़मीन खिसक जाती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम सारपत की विधवा के
साथ कुछ ऐसा ही होता हुआ पाते हैं (1 राजाओं 17:12)। देश में पड़े हुए अकाल के कारण
वह विधवा अपने और अपने बेटे के लिए अपना अंतिम भोजन पकाने की तैयारी कर रही थी, कि एलिय्याह भविष्यद्वक्ता ने उस से कहा कि वह
पहले उसे एक रोटी बना कर दे। उसने हिचकिचाते हुए उसकी बात स्वीकार कर ली, और परमेश्वर ने उसके लिए एक निरंतर बने रहने वाली
तेल और मैदा की आपूर्ति का प्रावधान कर दिया (आयतें 10-16)।
लेकिन
इसके बाद उसका बेटा बीमार पड़ गया,
और उसकी हालत बिगड़ती चली गई, यहाँ
तक कि उसकी साँस भी रुक गई। वह विधवा एलिय्याह के सामने विलाप कर के कहने लगी, “तब वह एलिय्याह से कहने लगी, “हे परमेश्वर के जन! मेरा तुझ से क्या काम? क्या तू इसलिये मेरे यहाँ आया है कि मेरे बेटे की
मृत्यु का कारण हो और मेरे पाप का स्मरण दिलाए?” (पद 18)।
कभी-कभी
हम उस विधवा के समान प्रतिक्रिया देना चाहते हैं – यह सोचते हुए कि परमेश्वर हमें
दण्ड दे रहा है, लेकिन क्यों, यह हमारी
समझ में नहीं आता है। हम भूल जाते हैं कि इस पतित संसार में, बुरी बातें होती हैं।
एलिय्याह
ने उसकी चिंता को परमेश्वर के सामने रखा, उस बच्चे के लिए सच्चाई और बल देकर प्रार्थना की, और परमेश्वर ने उस
बच्चे को जिला दिया! (पद 20-22)।
जब
हमारे पैरों तले ज़मीन खिसकने लगे,
हम भी एलिय्याह के समान इस बात को स्मरण रखें कि हमारा विश्वासयोग्य स्वर्गीय पिता
हमें कभी नहीं छोड़ेगा! हम परमेश्वर के उद्देश्यों में आश्वासन रखते हुए अपनी
प्रार्थनाएँ उसके सामने रख सकते हैं।
परमेश्वर हर समय में, भले या बुरे, अच्छा ही रहता है।
इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएँ, जो आवश्यकता
के समय हमारी सहायता करे। - इब्रानियों 4:16
बाइबल पाठ: 1 राजाओं 17:15-24
1 राजाओं 17:15 तब वह
चली गई, और एलिय्याह के वचन के अनुसार
किया, तब से वह और स्त्री और उसका घराना
बहुत दिन तक खाते रहे।
1 राजाओं 17:16 यहोवा के उस वचन के अनुसार जो
उसने एलिय्याह के द्वारा कहा था, न तो
उस घड़े का मैदा समाप्त हुआ, और न उस
कुप्पी का तेल घटा।
1 राजाओं 17:17 इन बातों के बाद उस स्त्री का
बेटा जो घर की स्वामिनी थी, रोगी हुआ, और उसका रोग यहाँ तक बढ़ा कि उसका साँस लेना बन्द
हो गया।
1 राजाओं 17:18 तब वह एलिय्याह से कहने लगी, “हे परमेश्वर के जन! मेरा तुझ से क्या काम? क्या तू इसलिये मेरे यहाँ आया है कि मेरे बेटे की
मृत्यु का कारण हो और मेरे पाप का स्मरण दिलाए?”
1 राजाओं 17:19 उसने उससे कहा, “अपना बेटा मुझे दे।” तब वह उसे उसकी गोद से लेकर
उस अटारी पर ले गया जहाँ वह स्वयं रहता था, और अपनी खाट पर लिटा दिया।
1 राजाओं 17:20 तब उसने यहोवा को पुकारकर कहा, “हे मेरे परमेश्वर यहोवा! क्या तू इस विधवा का
बेटा मार डालकर जिसके यहाँ मैं टिका हूँ, इस पर भी विपत्ति ले आया है?”
1 राजाओं 17:21 तब वह बालक पर तीन बार पसर गया
और यहोवा को पुकारकर कहा, “हे मेरे परमेश्वर
यहोवा! इस बालक का प्राण इसमें फिर डाल दे।”
1 राजाओं 17:22 एलिय्याह की यह बात यहोवा ने
सुन ली, और बालक का प्राण उसमें फिर
आ गया और वह जी उठा।
1 राजाओं 17:23 तब एलिय्याह बालक को अटारी पर
से नीचे घर में ले गया, और एलिय्याह
ने यह कहकर उसकी माता के हाथ में सौंप दिया, “देख तेरा बेटा जीवित है।”
1 राजाओं 17: 24 स्त्री ने एलिय्याह से कहा, “अब मुझे निश्चय हो गया है कि तू परमेश्वर का
जन है, और यहोवा का जो वचन तेरे मुँह
से निकलता है, वह सच होता है।”
एक साल में बाइबल:
- भजन 72-73
- रोमियों 9:1-15