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शनिवार, 23 अप्रैल 2016

आशा और आनन्द


   कुछ दिन पहले मैंने अपने बुज़ुर्ग मित्र बॉब को निकट की एक व्यायामशाला में अपनी ऊँगली पर लगे रक्तचाप मापक यंत्र पर नज़रें गड़ाए हुए, पूरी ताकत से साईकिल चलाते देखा। मैंने उससे पूछा, "यह तुम क्या कर रहे हो?" उसने चढ़ी हुई साँस से भारी हो रखी आवाज़ में व्यंग्य किया, "देख रहा हूँ कि मैं ज़िंदा हूँ या नहीं!" मैंने भी उसी अंदाज़ में एक और प्रश्न पूछा, "और यदि तुम्हें पता चले कि तुम मर चुके हो, तो क्या करोगे?" तो उसने एक बड़ी सी मुस्कुराहट के साथ कहा, "मैं ज़ोर से चिल्लाऊँगा "हालेलुईया" (अर्थात, प्रभु की स्तुति हो)!"

   अनेक वर्षों से उसके साथ रहते हुए मैंने बॉब में एक अद्भुत भीतरी सामर्थ के अनेक चिन्ह देखे हैं: उस की शारीरिक शक्ति के कम होते, और परेशानियों के बढ़ते जाने पर भी उसमें बड़े धैर्य से सहने की सामर्थ है; और अब जब वह अपनी शारीरिक जीवन यात्रा की समाप्ति की ओर बढ़ रहा है उसमें आशा और विश्वास की कोई घटी नज़र नहीं आती। ना केवल उसके पास अद्भुत आशा है, वरन उसे मृत्यु से भी कोई भय नहीं लगता; मृत्यु की संभावना उस के जोश को दबा नहीं पाती।

   मृत्यु के सामने भी आशा और शान्ति, तथा आनन्द को भी भला कौन बनाए रख सकता है? केवल वे जो विश्वास द्वारा अनन्तकाल के परमेश्वर से जुड़ चुके हैं और जानते हैं कि उनके पास अनन्तकाल की आशा है (1 कुरिन्थियों 15:52, 54)। जिनके पास यह आश्वासन है, उनके लिए भी, मेरे मित्र बॉब के समान ही, मृत्यु का कोई भय बाकी नहीं है, वरन वे मृत्योप्रांत तुरंत ही प्रभु यीशु मसीह को साक्षात देखने के आनन्द के बारे में बता सकते हैं।

   मृत्यु से भयभीत क्यों हों, या रहें? इसके विपरीत आनन्दित क्यों ना हों? जैसा के कवि जौन डौन (1572-1631) ने लिखा, "नींद का एक छोटा सा पल और फिर हम अनन्तकाल के लिए जागृत रहेंगे।" - डेविड रोपर


एक मसीही विश्वासी के लिए, स्वर्ग की प्रातः से पूर्व, मृत्यु संसार रात की अन्तिम छाया है।

इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे। और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्‍व में फंसे थे, उन्हें छुड़ा ले। इब्रानियों 2:14-15

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 15:50-58
1 Corinthians 15:50 हे भाइयों, मैं यह कहता हूं कि मांस और लोहू परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं हो सकते, और न विनाश अविनाशी का अधिकारी हो सकता है। 
1 Corinthians 15:51 देखे, मैं तुम से भेद की बात कहता हूं: कि हम सब तो नहीं सोएंगे, परन्तु सब बदल जाएंगे। 
1 Corinthians 15:52 और यह क्षण भर में, पलक मारते ही पिछली तुरही फूंकते ही होगा: क्योंकि तुरही फूंकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाए जांएगे, और हम बदल जाएंगे। 
1 Corinthians 15:53 क्योंकि अवश्य है, कि यह नाशमान देह अविनाश को पहिन ले, और यह मरनहार देह अमरता को पहिन ले। 
1 Corinthians 15:54 और जब यह नाशमान अविनाश को पहिन लेगा, और यह मरनहार अमरता को पहिन लेगा, तक वह वचन जो लिखा है, पूरा हो जाएगा, कि जय ने मृत्यु को निगल लिया। 
1 Corinthians 15:55 हे मृत्यु तेरी जय कहां रही? 
1 Corinthians 15:56 हे मृत्यु तेरा डंक कहां रहा? मृत्यु का डंक पाप है; और पाप का बल व्यवस्था है। 
1 Corinthians 15:57 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जयवन्‍त करता है। 
1 Corinthians 15:58 सो हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 16-18
  • लूका 17:20-37