पीट पीटरसन का वियतनाम के साथ पहला संपर्क वियतनाम के युद्ध के दौरान हुआ। सन 1966 में बंबारी करने की एक मुहिम में उनका लड़ाकू विमान मार गिराया गया और उन्हें युद्ध बन्दी बना लिया गया। इसके 30 वर्ष से भी अधिक के पश्चात वे अमेरिका के राजदूत बनकर वियतनाम लौटे। एक समाचार लेख में उनके इस आगमन पर उन्हें "मेल-मिलाप के लिए चलता-फिरता विज्ञापन पटल" कहा गया। पीट ने वर्षों पहले इस बात का एहसास कर लिया था कि परमेश्वर ने उनका जीवन इसलिए नहीं बचाया कि वे उसे क्रोध और कटुता में व्यतीत कर दें। क्योंकि वे अपने जीवन के प्रति परमेश्वर के उद्देश्य को समझने लगे थे इसलिए उन्होंने अपना शेष जीवन और अपना ओहदा वियतनाम के बच्चों को बेहतर सुरक्षा मानकों के उपलब्ध करवाए जाने और उनके जीवनों को बेहतर बनाने के लिए लगा दिया।
अपने देश का राजदूत बनाकर किसी दूसरे देश में भेजे जाना बड़े आदर और गौरव की बात है। परमेश्वर का वचन बाइबल हम मसीही विश्वासियों को यह बताती है कि हम मसीह यीशु के राजदूत हैं (2 कुरिन्थियों 5:20)। जैसे परमेश्वर ने प्रभु यीशु मसीह को इसलिए पृथ्वी पर भेजा कि हमारा मेल-मिलाप परमेश्वर के साथ हो जाए, वैसे ही आज हमें इसी मेल-मिलाप के सन्देश को लोगों तक पहुँचाने की सेवकाई सौंपी गई है (पद 18-19)। जो सन्देश हमें संसार के सभी लोगों तक पहुँचाना है वह है कि मसीह यीशु में लाए गए विश्वास द्वारा संसार के प्रत्येक व्यक्ति का मेल परमेश्वर के साथ हो सकता है क्योंकि "जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं" (पद 21)।
जो प्रेम और मेल-मिलाप प्रभु यीशु ने हमारे प्रति दिखाया है, उसके लिए कृतज्ञ होकर प्रत्युत्तर में हम इसी प्रेम को दूसरों के साथ बांट सकते हैं, उन्हें इसके बारे में बता सकते हैं। हम मसीह यीशु के राजदूत हैं, और संसार में जहाँ भी परमेश्वर हमें नियुक्त करता है, हमें वहाँ प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास द्वारा परमेश्वर से होने वाले मेल-मिलाप के सन्देश को लोगों तक पहुँचाना है। - सी० पी० हिया
सुसमाचार यदि बताया ही नहीं जाए तो वह कोई समाचार नहीं रह जाता है।
पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो। - 1 पतरस 2:9
बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:14-21
2 Corinthians 5:14 क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए।
2 Corinthians 5:15 और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा।
2 Corinthians 5:16 सो अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे, और यदि हम ने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तौभी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे।
2 Corinthians 5:17 सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं।
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है।
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो।
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।
एक साल में बाइबल:
- भजन 94-96
- रोमियों 15:14-33