पास्टर
जौन बैबलर टेक्सस शहर के पुलिस तथा अग्निशमन विभागों के कर्मचारियों के लिए पादरी
का काम करते हैं। उन्होंने अपने काम से बाईस सप्ताह का विश्राम अवकाश लेकर, पुलिस
प्रशिक्षण कोर्स को किया जिससे वे पुलिस कर्मियों द्वारा, उनके कर्तव्य के निर्वाह
के समय में आने वाली परिस्थितियों को बेहतर समझ सकें। अन्य प्रशिक्षार्थियों के
साथ समय बिताने और उनके कार्य के साथ जुड़ी हुई तीव्र चुनौतियों के बारे में
जानकारी लेने के कारण बैबलर में उनके लिए एक नई सहानुभूति और दीनता जागृत हुई।
उन्हें लगता है कि भविष्य में वे उन पुलिस अफसरों की और प्रभावी रीति से सहायता कर
पाएँगे और उन्हें परामर्श देने पाएँगे जो
भावनात्मक तनाव, थकान, और क्षति के कारण संघर्ष कर रहे हैं।
हम
जानते हैं कि परमेश्वर हमारी सभी परिस्थितियों को जानता है क्योंकि उस ही ने हमें
बनाया है, तथा जो कुछ भी हमारे साथ होता है, वह सब देखता है। हम यह भी जानते हैं
कि वह हमारी हर परिस्थिति को समझता है, क्योंकि वह पृथ्वी पर मनुष्य बनाकर रहा है
“वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से
परिपूर्ण हो कर हमारे बीच में डेरा किया” (यूहन्ना 1:14),
मनुष्य के सभी अनुभवों से होकर निकला है।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु के आरंभिक जीवन में अनेकों प्रकार की
कठिनाइयाँ थीं। उन्होंने तेज धूप के कष्ट, भूखे पेट की पीड़ा, बेघर होने की
अनिश्चितता, सभी को सहा है। भावनात्मक रूप में, उन्होंने असहमति के तनावों, धोखा
खाने की जलन, और लगातार उत्पीड़न की व्यथा को सहा है।
प्रभु
यीशु ने मित्रता के आनन्द और परिवार के प्रेम का भी आनन्द पाया है और पृथ्वी पर हम
जिन सबसे बुरी समस्याओं का सामना करते हैं उन्हें भी सहन किया है। इसलिए वह हमें
हर परिस्थिति में, हर बात के लिए आशा और सांत्वना प्रदान कर सकते हैं। वे ऐसे
अद्भुत परामर्शदाता हैं जो हमारी समस्याओं और चिंताओं के लिए सहनशीलता से हमारी ओर
कान लगाए रहते हैं, और हमें उचित सलाह तथा मार्गदर्शन दे सकते हैं।
केवल
प्रभु यीशु ही हैं जो यह कह सकते हैं कि “मैं इन सब बातों से होकर निकला हूँ; मैं
समझता हूँ।” – जेनिफर बेन्सन शुल्ट
प्रभु परमेश्वर हमारे संघर्षों को समझता
है।
क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन
वह सब बातों में हमारे समान परखा तो गया, तौभी निष्पाप
निकला। - इब्रानियों 4:15
बाइबल पाठ: यूहन्ना 1:1-18
John 1:1 आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।
John 1:2 यही आदि में परमेश्वर के साथ था।
John 1:3 सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ
और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोई भी वस्तु उसके बिना
उत्पन्न न हुई।
John 1:4 उस में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी।
John 1:5 और ज्योति अन्धकार में चमकती है;
और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया।
John 1:6 एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ
उपस्थित हुआ जिस का नाम यूहन्ना था।
John 1:7 यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास
लाएं।
John 1:8 वह आप तो वह ज्योति न था, परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था।
John 1:9 सच्ची ज्योति जो हर एक मनुष्य को
प्रकाशित करती है, जगत में आनेवाली थी।
John 1:10 वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्पन्न हुआ, और जगत ने उसे नहीं
पहिचाना।
John 1:11 वह अपने घर आया और उसके अपनों ने
उसे ग्रहण नहीं किया।
John 1:12 परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया,
उसने उन्हें परमेश्वर की सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं।
John 1:13 वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं।
John 1:14 और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण हो कर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते
की महिमा।
John 1:15 यूहन्ना ने उसके विषय में गवाही
दी, और पुकारकर कहा, कि यह वही है,
जिस का मैं ने वर्णन किया, कि जो मेरे बाद आ
रहा है, वह मुझ से बढ़कर है क्योंकि वह मुझ से पहिले था।
John 1:16 क्योंकि उस की परिपूर्णता से हम
सब ने प्राप्त किया अर्थात अनुग्रह पर अनुग्रह।
John 1:17 इसलिये कि व्यवस्था तो मूसा के
द्वारा दी गई; परन्तु अनुग्रह, और
सच्चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुंची।
John 1:18 परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा,
एकलौता पुत्र जो पिता की गोद में हैं, उसी ने
उसे प्रगट किया।
एक साल में बाइबल:
- नीतिवचन 10-12
- 2 कुरिन्थियों 4