ग्रैण्ड रैपिड्स, मिशिगन में स्थित फ़्रेड्रिक मेइजर उद्यान में तितलियों के लिए एक विशेष कक्ष बनाया गया है जहाँ उनके स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक तापमान और नमी के वातावरण को वर्ष भर बनाए रखा जाता है, काँच से बनी छत से धूप तथा रौशनी आती रहती है, उनके लिए उपयुक्त भोजन उपलब्ध करवाया जाता है। उन तितलियों को बाहर कहीं जाने, भोजन ढ़ूँढ़ने, खतरे उठाने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि प्राकृतिक फूल, स्वच्छ वातावरण और उपयुक्त भोजन सब वहीं उस कक्ष में उनके लिए उपलब्ध करवाया गया है। लेकिन फिर भी कुछ तितलियाँ उस कक्ष की काँच की बनी छत के निकट मंडराती रहती हैं, उसपर बैठी रहती हैं; उस सुरक्षित और बहुतायत के कक्ष से बाहर निकलने की लालसा शायद उन्हें ऐसा करने को उकसाती है। मेरा मन होता है कि उन तितलियों से कहूँ, "क्या तुम को एहसास नहीं है कि जो कुछ तुम्हें चाहिए वह सब इस कक्ष में तुम्हारे लिए पहले से ही उपलब्ध करवाया गया है; यहाँ सुरक्षा है। बाहर ठंडा है, खतरे हैं और बाहर निकलने की लालसा के पूरे होने के कुछ ही समय में वहाँ तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी।"
मेरे लिए शायद यही सन्देश परमेश्वर की ओर से भी है - परमेश्वर ने मुझे अपने सुरक्षा और देख-रेख के बाड़े में बनाए रखा है; वह मेरी प्रत्येक आवश्यकता को जानता है, उसे पूरा करता है, लेकिन फिर भी मेरी नज़रें बाहर के संसार और संसार की बातों की ओर जाती रहती हैं। इसलिए मैं अपने आप से पूछती हूँ, क्या मैं उन बातों की लालसा करती रहती हूँ जो मेरे लिए हानिकारक हैं? क्या मैं अपनी शक्ति और सामर्थ उन बातों पर व्यय करती हूँ जिनकी ना तो मुझे आवश्यकता है और जो ना ही मेरे लिए उचित हैं? उसे नज़रन्दाज़ करके जो मुझे उपलब्ध है, उसे बेहतर मानकर तथा उसकी लालसा में जो मेरी पकड़ के बाहर है, क्या मैं परमेश्वर द्वारा बहुतायत से उपलब्ध करवाई गई आशीशों को महत्वहीन कर देती हूँ? क्या मैं अपने मसीही विश्वास को भरपूरी से जीने की बजाए, उस विश्वास की ज़िम्मेदारियों की सीमाओं को तोड़ने की लालसा में दिन बिताती हूँ?
परमेश्वर अपने बहुतायत के खज़ानों से हमारी हर आवश्यकता को पूरा करता रहता है (फिलिप्पियों 4:19); इसलिए बजाए इसके कि हम अपना समय उन बातों की लालसाओं में व्यतीत करें जो हमें उपलब्ध नहीं करवाई गई हैं, हम उन बातों के लिए जो परमेश्वर ने हमारे लिए उपलब्ध करवाई हैं, उस देख-रेख एवं सुरक्षा के लिए जो वह हमारे प्रति लगातार बनाए रखता है, हम उसके धन्यवादी हों तथा अपने मसीही विश्वास को अपने आशीषपूर्ण जीवन द्वारा प्रकट करें। - जूली ऐकैरमैन लिंक
हमारी आवश्यकताएं परमेश्वर के भण्डार को कभी अपर्याप्त नहीं जता सकतीं।
और परमेश्वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है जिस से हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे, और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो। - 2 कुरिन्थियों 9:8
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 4:10-20
Philippians 4:10 मैं प्रभु में बहुत आनन्दित हूं कि अब इतने दिनों के बाद तुम्हारा विचार मेरे विषय में फिर जागृत हुआ है; निश्चय तुम्हें आरम्भ में भी इस का विचार था, पर तुम्हें अवसर न मिला।
Philippians 4:11 यह नहीं कि मैं अपनी घटी के कारण यह कहता हूं; क्योंकि मैं ने यह सीखा है कि जिस दशा में हूं, उसी में सन्तोष करूं।
Philippians 4:12 मैं दीन होना भी जानता हूं और बढ़ना भी जानता हूं: हर एक बात और सब दशाओं में तृप्त होना, भूखा रहना, और बढ़ना-घटना सीखा है।
Philippians 4:13 जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं।
Philippians 4:14 तौभी तुम ने भला किया, कि मेरे क्लेश में मेरे सहभागी हुए।
Philippians 4:15 और हे फिलप्पियो, तुम आप भी जानते हो, कि सुसमाचार प्रचार के आरम्भ में जब मैं ने मकिदुनिया से कूच किया तब तुम्हें छोड़ और किसी मण्डली ने लेने देने के विषय में मेरी सहयता नहीं की।
Philippians 4:16 इसी प्रकार जब मैं थिस्सलुनीके में था; तब भी तुम ने मेरी घटी पूरी करने के लिये एक बार क्या वरन दो बार कुछ भेजा था।
Philippians 4:17 यह नहीं कि मैं दान चाहता हूं परन्तु मैं ऐसा फल चाहता हूं, जो तुम्हारे लाभ के लिये बढ़ता जाए।
Philippians 4:18 मेरे पास सब कुछ है, वरन बहुतायत से भी है: जो वस्तुएं तुम ने इपफ्रुदीतुस के हाथ से भेजी थीं उन्हें पाकर मैं तृप्त हो गया हूं, वह तो सुगन्ध और ग्रहण करने के योग्य बलिदान है, जो परमेश्वर को भाता है।
Philippians 4:19 और मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा।
Philippians 4:20 हमारे परमेश्वर और पिता की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।
एक साल में बाइबल:
- व्यवस्थाविवरण 3-4
- मरकुस 10:32-52