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सोमवार, 17 अप्रैल 2017

परिवार


   एक पास्टर की पत्नि को पार्किन्सन रोग से, जिस के कारण हाथ-पैरों के कार्य करने में बाधा आती है, पीड़ित पाया गया। पास्टर को चिंता हुई कि कैसे वह अपने परिवार और पत्नि की देखभाल करेगा, जबकि उसे अपने चर्च परिवार की भी भलि-भांति देखभाल करनी थी। परन्तु उसकी चिन्ता व्यर्थ थी क्योंकि उसके चर्च परिवार के सदस्यों ने स्वतः ही आगे बढ़कर उसके परिवार के लिए भोजन व्यवस्था और उस की पत्नि की देखभाल में सहायता की।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस द्वारा कुरिन्थुस की मसीही मण्डली को लिखी दो पत्रियाँ हैं। अपनी पहली पत्री में पौलुस ने कुरिन्थुस की मसीही मण्डली के सदस्यों उन आत्मिक वरदानों के उद्देश्य के बारे में समझाया, जो परमेश्वर ने उन्हें दिए थे। उन विभिन्न वरदानों की सूचि बनाने से पहले पौलुस ने उन्हें स्मरण करवाया कि, "किन्‍तु सब के लाभ पहुंचाने के लिये हर एक को आत्मा का प्रकाश दिया जाता है" (पद 7)। परमेश्वर हमें आत्मिक वरदान इसलिए नहीं देता है कि हम उन्हें अपने ही स्वार्थ तथा लाभ के लिए प्रयोग करें; वरन इसलिए देता है जिससे कि हम उनके द्वारा औरों की सेवा करें, और ऐसा करके हम उसकी सेवा करते हैं।

   हम सब मसीही विश्वासियों को परमेश्वर की ओर से भिन्न आत्मिक वरदान मिले हैं, जिन्हें हमें समय तथा आवश्यकता के अनुसार योग्य रीति से मसीही मण्डली तथा विश्वासियों के लाभ के लिए प्रयोग करना है। परन्तु उनका प्रयोग करते समय इस बात का भी ध्यान रखना है कि हम उन्हें प्रेम के साथ प्रयुक्त करें, "जिस से पवित्र लोग सिध्द हों जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए" (इफिसियों 4:12)। परमेश्वर ने हमें जहाँ कहीं भी रखा है, हम वहीं पर उसके द्वारा हमें दी गई विभिन्न योग्यताओं, क्षमताओं, और वरदानों का उपयोग वहाँ की आवश्यकताओं के अनुसार कर सकते हैं, इस बात का ध्यान रखते हुए कि हम सभी मसीही विश्वासी परमेश्वर के परिवार, उसकी मण्डली, अर्थात प्रभु की देह के अंग हैं, एक दूसरे के पूरक तथा सहायक हैं। - सी. पी. हिया


अपने वरदानों को दूसरों के देखभाल के लिए प्रयोग करें।

इसलिये तुम भी जब आत्मिक वरदानों की धुन में हो, तो ऐसा प्रयत्न करो, कि तुम्हारे वरदानों की उन्नति से कलीसिया की उन्नति हो। - 1 कुरिन्थियों 14:12 

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 12:1-12
1 Corinthians 12:1 हे भाइयों, मैं नहीं चाहता कि तुम आत्मिक वरदानों के विषय में अज्ञात रहो। 
1 Corinthians 12:2 तुम जानते हो, कि जब तुम अन्यजाति थे, तो गूंगी मूरतों के पीछे जैसे चलाए जाते थे वैसे चलते थे। 
1 Corinthians 12:3 इसलिये मैं तुम्हें चितौनी देता हूं कि जो कोई परमेश्वर की आत्मा की अगुआई से बोलता है, वह नहीं कहता कि यीशु श्रापित है; और न कोई पवित्र आत्मा के बिना कह सकता है कि यीशु प्रभु है।
1 Corinthians 12:4 वरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है। 
1 Corinthians 12:5 और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्तु प्रभु एक ही है। 
1 Corinthians 12:6 और प्रभावशाली कार्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमेश्वर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है। 
1 Corinthians 12:7 किन्‍तु सब के लाभ पहुंचाने के लिये हर एक को आत्मा का प्रकाश दिया जाता है। 
1 Corinthians 12:8 क्योंकि एक को आत्मा के द्वारा बुध्दि की बातें दी जाती हैं; और दूसरे को उसी आत्मा के अनुसार ज्ञान की बातें। 
1 Corinthians 12:9 और किसी को उसी आत्मा से विश्वास; और किसी को उसी एक आत्मा से चंगा करने का वरदान दिया जाता है। 
1 Corinthians 12:10 फिर किसी को सामर्थ के काम करने की शक्ति; और किसी को भविष्यद्वाणी की; और किसी को आत्माओं की परख, और किसी को अनेक प्रकार की भाषा; और किसी को भाषाओं का अर्थ बताना। 
1 Corinthians 12:11 परन्तु ये सब प्रभावशाली कार्य वही एक आत्मा करवाता है, और जिसे जो चाहता है वह बांट देता है।
1 Corinthians 12:12 क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 1-2
  • लूका 14:1-24