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मंगलवार, 29 अप्रैल 2014

सही मार्ग


   कभी कभी जीवन का मार्ग बहुत लंबा और कठिन प्रतीत होता है; मुझे लगता है कि इस मार्ग पर अब और चल पाने की क्षमता और इच्छा मुझ में नहीं है। तब मुझे स्मरण आता है कि इससे पहले कि मुझे इस मार्ग पर चलने के लिए बुलाया जाता, परमेश्वर उसके बारे में सब कुछ जानता था। उसे पता था कि उस मार्ग पर चलते हुए मुझे कब कौन सी कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा, मुझे किस कष्ट से होकर निकलना पड़ेगा, मुझे ऐसा क्या क्या सहना पड़ेगा जिसके बारे में किसी और से बातचीत भी नहीं कर सकता। उसे सब पता था और वह उस मार्ग पर मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ता वरन हर कदम पर मेरे साथ साथ ही चलता है।

   हो सकता है कि आप आज किसी दुखः या उदासी से अभिभूत हैं। हो सकता है कि किसी कठिन सेवकाई के स्थान के बोझ ने आप को दबा रखा है; या फिर विवाहित जीवन की कठिनाईयाँ आप को परेशान कर रही हैं; या फिर किसी संघर्षरत सन्तान का दुखः आपको झेलना पड़ रहा है; या वृद्ध माता-पिता की देख-रेख आपको चिन्तित कर रही है; या जीवन की कोई और समस्या अथवा दुखः आपको घेरे हुए है। आप सोच सकते हैं, "अवश्य ही परमेश्वर ने मेरे लिए ऐसा कठिन और दुखदाई मार्ग तो नहीं ठहराया होगा; ज़रूर कोई अन्य सरल मार्ग मेरे लिए होगा।"

   लेकिन हम में से कौन जानता है कि जिस अन्य मार्ग की हम कल्पना कर रहे हैं वह वास्तव में हमारे लिए सरल होगा भी या नहीं; या फिर उस पर चलते हुए क्या हम परमेश्वर की बेहतर और भली सन्तान बनने पाएंगे कि नहीं? हमारा स्वर्गीय पिता हमारे लिए सर्वोत्तम को जानता है, सब मार्गों में से जो सबसे अच्छा है वह उसी को हमारे लिए निर्धारित करता है और हमें उस पर सुरक्षित ले कर साथ साथ चलता है (भजन 142:3)।

   परमेश्वर की गति और मेरी गति एक समान नहीं है; मेरे और परमेश्वर के विचारों में ज़मीन-आसमान का अन्तर है (यशायाह 55:9)। आज हम नम्रता पूर्वक उसके बताए मार्ग पर चल सकते हैं, संपूर्ण विश्वास के साथ कि अपनी असीम बुद्धिमता और प्रेम में होकर जो उसने मेरे लिए निर्धारित किया है वही सर्वोत्तम है। परमेश्वर हमारी ज्ञान और समझ की सीमाओं से कहीं अधिक बुद्धिमान है, हमारे भविष्य को वह पहले ही से जानता है, और उसका हमारे प्रति प्रेम अवर्णनीय है। जो हमारे बारे में सब कुछ हम से कहीं अधिक बेहतर रीति से जानता है, वह हमें सदा सही मार्ग पर ही लेकर चलेगा और हमारे साथ साथ उसी मार्ग पर चलेगा। पूरे विश्वास के साथ अपने आप को उसके हाथों में छोड़ दीजिए। - डेविड रोपर


परमेश्वर आपको कभी किसी गलत मार्ग पर नहीं चलाएगा।

क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति में और मेरे और तुम्हारे सोच विचारों में, आकाश और पृथ्वी का अन्तर है। - यशायाह 55:9

बाइबल पाठ: भजन 142:1-7
Psalms 142:1 मैं यहोवा की दोहाई देता, मैं यहोवा से गिड़गिड़ाता हूं, 
Psalms 142:2 मैं अपने शोक की बातें उस से खोल कर कहता, मैं अपना संकट उस के आगे प्रगट करता हूं। 
Psalms 142:3 जब मेरी आत्मा मेरे भीतर से व्याकुल हो रही थी, तब तू मेरी दशा को जानता था! जिस रास्ते से मैं जाने वाला था, उसी में उन्होंने मेरे लिये फन्दा लगाया। 
Psalms 142:4 मैं ने दाहिनी ओर देखा, परन्तु कोई मुझे नहीं देखता है। मेरे लिये शरण कहीं नहीं रही, न मुझ को कोई पूछता है।
Psalms 142:5 हे यहोवा, मैं ने तेरी दोहाई दी है; मैं ने कहा, तू मेरा शरणस्थान है, मेरे जीते जी तू मेरा भाग है। 
Psalms 142:6 मेरी चिल्लाहट को ध्यान देकर सुन, क्योंकि मेरी बड़ी दुर्दशा हो गई है! जो मेरे पीछे पड़े हैं, उन से मुझे बचा ले; क्योंकि वे मुझ से अधिक सामर्थी हैं। 
Psalms 142:7 मुझ को बन्दीगृह से निकाल कि मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूं! धर्मी लोग मेरे चारों ओर आएंगे; क्योंकि तू मेरा उपकार करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 20-22