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शुक्रवार, 27 दिसंबर 2013

प्रतीक्षा और अनुग्रह


   कंपनी में हुई छंटनी के कारण रॉजर की नौकरी जाती रही। इसके पश्चात वह महीनों तक नौकरी खोजता रहा, स्थान स्थान पर नौकरी के लिए आवेदन देता रहा, नौकरी मिलने के लिए स्वयं प्रार्थना करता रहा और दूसरों को भी प्रार्थना करने के लिए कहता रहा। वे 15 महीने तक नौकरी की प्रतीक्षा करते रहे, इस दौरान रॉजर और उसकी पत्नि जेरी की भावनाएं डांवा-डोल भी हुईं, कभी उन्हें सन्देह होता कि क्या दोबारा नौकरी मिलेगी भी या नहीं। लेकिन इस प्रतीक्षा के समय में साथ ही उन्होंने परमेश्वर द्वारा अद्भुत रीति से अपनी आवश्यकताओं को पूरा होते भी देखा तथा परमेश्वर के अनुग्रह को भी अनुभव किया।

   फिर रॉजर को एक कंपनी में साक्षात्कार के लिए तीन बार बुलाया गया, और उसके एक सप्ताह बाद उसे एक फोन आया। फोन करने वाले ने कहा, "निराशाओं में भी आशा की किरण फूटती है; तुम्हें नौकरी मिल गई है!" बाद में मुझसे रॉजर की पत्नि जैरी ने कहा, "जिस अनुभव से होकर हम निकले हैं, उसे हम कभी किसी अन्य से बदलने को राज़ी नहीं होंगे। इस अनुभव के द्वारा हम एक दूसरे के और परमेश्वर के और अधिक निकट आए।" जिन मित्रों ने रॉजर के लिए प्रार्थनाएं करी थीं वे भी आनन्दित और परमेश्वर के प्रति धन्यवादी हुए।

   प्रेरित पौलुस चाहता था कि कुरिन्थुस की मण्डली परमेश्वर के अनुग्रह को उसके अपने जीवन में कार्यकारी होते हुए देखे, "...ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक हो कर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए" (2 कुरिन्थियों 4:15)। पौलुस को बहुत कठिन परीक्षाओं से होकर निकलना पड़ा था (पद 8-9), लेकिन तब भी वह अन्य लोगों को प्रोत्साहित करता रहा कि वे कठिन समयों में हिम्मत ना छोड़ें, वरन परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखें (पद 16)।

   यदि रॉजर और जेरी तथा पौलुस के समान ही हम मसीही विश्वासी भी कठिन परिस्थितियों में परमेश्वर के प्रति अपने विश्वास को बनाए रखेंगे तथा उसके वचन बाइबल के अनुसार चलते रहेंगे तो अन्ततः हम भी परमेश्वर तथा लोगों के और निकट बढ़ने पाएंगे, और हमारी प्रतीक्षा तथा अनुग्रह का प्रत्येक अनुभव परमेश्वर की महिमा का कारण ठहरेगा। - ऐनी सेटास


परमेश्वर को आदर और महिमा देने के लिए अभी के समय से उपयुक्त और कोई दूसरा समय नहीं है।

इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्‍व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्‍व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है। - 2 कुरिन्थियों 4:16

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 4:7-18
2 Corinthians 4:7 परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे। 
2 Corinthians 4:8 हम चारों ओर से क्‍लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते। 
2 Corinthians 4:9 सताए तो जाते हैं; पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते। 
2 Corinthians 4:10 हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो। 
2 Corinthians 4:11 क्योंकि हम जीते जी सर्वदा यीशु के कारण मृत्यु के हाथ में सौंपे जाते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारे मरनहार शरीर में प्रगट हो। 
2 Corinthians 4:12 सो मृत्यु तो हम पर प्रभाव डालती है और जीवन तुम पर। 
2 Corinthians 4:13 और इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, (जिस के विषय मे लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया, इसलिये मैं बोला) सो हम भी विश्वास करते हैं, इसी लिये बोलते हैं। 
2 Corinthians 4:14 क्योंकि हम जानते हैं, जिसने प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जानकर जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने साम्हने उपस्थित करेगा। 
2 Corinthians 4:15 क्योंकि सब वस्तुएं तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक हो कर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए।
2 Corinthians 4:16 इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्‍व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्‍व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है। 
2 Corinthians 4:17 क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्‍लेश हमारे लिये बहुत ही महत्‍वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। 
2 Corinthians 4:18 और हम तो देखी हुई वस्‍तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्‍तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं।

एक साल में बाइबल: 

  • ज़कर्याह 1-4 
  • प्रकाशितवाक्य 18