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रविवार, 27 अगस्त 2017

नित्यक्रम


   ब्रिटिश संग्रहालय में प्रदर्शित एक गेंद-घड़ी को देखकर मुझे नित्यक्रम के हानिकारक परिणामों को समझने में सहायता मिली। वहाँ एक तिर्छी रखी हुई स्टील की थाली में बने खांचों में स्टील से बनी एक छोटी गेंद लुडकती हुई एक छोर से दूसरे छोर तक जाती और दूसरे छोर पर पहुँचकर एक लीवर को दबा देती। इससे वह स्टील की थाली विपरीत दिशा में झुक जाती, घड़ी की सूईंयाँ आगे बढ़ जाती, और गेंद वापस पहले छोअ की ओर लुढ़क कर इसी प्रक्रिया को फिर से कर देती। प्रति वर्ष वह स्टील की गेंद इस प्रकार आगे-पीछे लुड़कने के कारण 2,500 मील का सफर तय करती थी परन्तु पहुँचती कहीं नहीं थी।

   यदि हम अपने जीवनों और कार्यों में कोई उद्देश्य नहीं देख पाते हैं तो हमारे लिए अपनी दिनचर्या में फंसे हुए होना अनुभव करना सरल है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस की लालसा थी कि वह मसीह यीशु के सुसमाचार को व्यापक रीति से फैलाए: "इसलिये मैं तो इसी रीति से दौड़ता हूं, परन्तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्तु उस के समान नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है" (1 कुरिन्थियों 9:26)। कुछ भी नित्यक्रम बनने से उबा देने वाला बन सकता है, वह चाहे यात्रा, प्रचार, शिक्षा, विशेषकर कैद में होना, इत्यादि कुछ भी हो। परन्तु पौलुस का विश्वास था कि वह हर परिस्थिति में अपने प्रभु परमेश्वर की सेवा कर सकता है।

   जब हम उसमें कोई उद्देश्य नहीं देखने पाते हैं तो नित्यक्रम हानिकारक बन जाता है। परन्तु पौलुस का दर्शन उसकी सीमित कर देने वाली परिस्थितियों से भी परे था, क्योंकि वह मसीही विश्वास की दौड़ में था और जब तक कि दौड़ पूरी न हो वह रुकना नहीं जानता था। पौलुस ने प्रभु यीशु को अपने जीवन की हर बात, हर परिस्थिति में सम्मिलित कर लेने के द्वारा जीवन के नित्यक्रम में उद्देश्य और अर्थ पाया। पौलुस के समान आज हम भी प्रभु यीशु के साथ अपने जीवनों को सार्थक और उद्देश्यपूर्ण बना सकते हैं। - डेविड मैक्कैसलैंड


प्रभु यीशु हमारे नित्यक्रम को उसके लिए उपयोगी सेवकाई बना सकते हैं।

यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था। हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ। निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है। - फिलिप्पियों 3:12-14

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 9:19-27
1 Corinthians 9:19 क्योंकि सब से स्‍वतंत्र होने पर भी मैं ने अपने आप को सब का दास बना दिया है; कि अधिक लोगों को खींच लाऊं। 
1 Corinthians 9:20 मैं यहूदियों के लिये यहूदी बना कि यहूदियों को खींच लाऊं, जो लोग व्यवस्था के आधीन हैं उन के लिये मैं व्यवस्था के आधीन न होने पर भी व्यवस्था के आधीन बना, कि उन्हें जो व्यवस्था के आधीन हैं, खींच लाऊं। 
1 Corinthians 9:21 व्यवस्थाहीनों के लिये मैं (जो परमेश्वर की व्यवस्था से हीन नहीं, परन्तु मसीह की व्यवस्था के आधीन हूं) व्यवस्थाहीन सा बना, कि व्यवस्थाहीनों को खींच लाऊं। 
1 Corinthians 9:22 मैं निर्बलों के लिये निर्बल सा बना, कि निर्बलों को खींच लाऊं, मैं सब मनुष्यों के लिये सब कुछ बना हूं, कि किसी न किसी रीति से कई एक का उद्धार कराऊं। 
1 Corinthians 9:23 और मैं सब कुछ सुसमाचार के लिये करता हूं, कि औरों के साथ उसका भागी हो जाऊं। 
1 Corinthians 9:24 क्या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो। 
1 Corinthians 9:25 और हर एक पहलवान सब प्रकार का संयम करता है, वे तो एक मुरझाने वाले मुकुट को पाने के लिये यह सब करते हैं, परन्तु हम तो उस मुकुट के लिये करते हैं, जो मुरझाने का नहीं। 
1 Corinthians 9:26 इसलिये मैं तो इसी रीति से दौड़ता हूं, परन्तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्तु उस के समान नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है। 
1 Corinthians 9:27 परन्तु मैं अपनी देह को मारता कूटता, और वश में लाता हूं; ऐसा न हो कि औरों को प्रचार कर के, मैं आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 120-122
  • 1 कुरिन्थियों 9