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मंगलवार, 8 सितंबर 2020

देखभाल

 

         मैं अपनी आँखें बन्द करता हूँ, हाथ जोड़कर, सिर झुकाकर मन में प्रार्थना करना आरंभ करता हूँ, मेरी प्रार्थना आरंभ होती है, “हे परमेश्वर, मैं आपके सम्मुख आपके बच्चे की तरह आता हूँ। मैं आपकी भलाइयों और सामर्थ्य को स्मरण करता हूँ जो आप ...” और अचानक ही मेरी आँखें झटके से खुल जाती हैं। मुझे स्मरण हो आता है कि मेरे बेटे का स्कूल का काम अभी पूरा नहीं हुआ है, उसे मेरी सहायता की आवश्यकता थी, क्योंकि कल उसे वह स्कूल में दिखाना है। मुझे यह भी स्मरण आता है कि कल दोपहर बाद उसे स्कूल में बास्केटबाल के खेल में भी भाग लेना है, और मुझे वहाँ उसके पास होना है; और मैं विचार करता हूँ कि वह अभी अपने स्कूल के कार्य को पूरा करने में लगा होगा, जो लगभग मध्य-रात्रि तक जाकर पूरा होगा। किन्तु मुझे चिंता है कि उसका यह सब परिश्रम उसे थका कर दुर्बल न कर दे, जिससे फिर कोई बीमारी उसे पकड़ न ले। और मेरा ध्यान प्रार्थना से हट जाता है।

         सुप्रसिद्ध मसीही लेखक सी. एस. ल्युईस ने अपने पुस्तक The Screwtape Letters में प्रार्थना में इस प्रकार ध्यान विचलित करने वाली बातों के बारे में लिखा है। उन्होंने लिखा कि जब हमारे मन इधर-उधर भटकने लगते हैं तो हम अपनी इच्छा-शक्ति के द्वारा उन्हें फिर से अपनी मूल प्रार्थना पर लाने के प्रयास करते हैं। लेकिन ल्युईस का निष्कर्ष था कि ऐसा करने के स्थान पर अधिक अच्छा होता है कि विचलित करने वाली उस नई बात को ही हमारी वर्तमान समस्या समझ लिया जाए, उसे परमेश्वर के सामने रख दिया जाए, और उस बात को ही अपनी प्रार्थना का मुख्य विषय बना लिया जाए।

         कोई स्थायी चिंता, या कोई पापमय विचार परमेश्वर के साथ हमारे वार्तालाप का केंद्र बिंदु बन सकता है, हम उस बात को पिता परमेश्वर के सामने रख कर उसके बारे में उससे उसका मार्गदर्शन और सामर्थ्य माँग सकते हैं। परमेश्वर चाहता है कि हम जब उससे वार्तालाप करें तो निःसंकोच होकर अपनी वास्तविक चिंताओं, भय, संघर्षों, इच्छाओं आदि के बारे में उससे खुलकर बोलें। वह हमारी किसी भी बात से आश्चर्यचकित नहीं होगा, क्योंकि वह सब कुछ पहले से ही जानता है। जैसे एक घनिष्ठ मित्र हमारी बातों पर ध्यान लगाता है, परमेश्वर भी वैसे ही हमारी बातों का ध्यान करता है। इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में हमें प्रोत्साहित किया गया है कि हम अपनी सारी चिताएँ उस पर डाल दें क्योंकि उसे हमारा ध्यान है (1 पतरस 5:7), वह हमारी देखभाल करता है। - जेनिफर बेनसन शुल्ट

 

ध्यान बंटने से हमारी प्रार्थनाएं बाधित नहीं होनी चाहिएँ।


अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्हालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा। - भजन 55:22

बाइबल पाठ: 1 पतरस 5:6-10

1 पतरस 5:6 इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए।

1 पतरस 5:7 और अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है।

1 पतरस 5:8 सचेत हो, और जागते रहो, क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गरजने वाले सिंह के समान इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए।

1 पतरस 5:9 विश्वास में दृढ़ हो कर, और यह जान कर उसका सामना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं, ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं।

1 पतरस 5:10 अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिसने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्‍त करेगा।

 

 एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 3-5
  • 2 कुरिन्थियों 1