कुछ साल पहले मैंने जॉर्ज मैकडॉनल्ड द्वारा लिखी एक कविता पढ़ी जिसका शीर्षक था, "The Hidden Life"। यह कविता एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बयान करती है जो बहुत प्रतिभासंपन्न और बुद्धिजीवी था, किंतु वह एक गौरवपूर्ण तथा उच्च संभावनाओं से भरे भविष्य को छोड़कर अपने वृद्ध पिता के पास गाँव लौट आया था ताकि उनकी देखभाल करे और खेती-किसानी की पारिवारिक ज़िम्मेदारियाँ निभा सके। वहाँ वह साधारण से काम करने और छोटे छोटे कार्यों में लोगों की सहायता करने में व्यस्त रहता था। उसके मित्र इस बात को लेकर उसके लिए शोकित होते थे कि उसने अपनी प्रतिभा को व्यर्थ हो जाने दिया।
हो सकता है कि आज आप भी किसी ऐसे स्थान पर कार्य कर रहे हों जिसके बारे में लोगों को कोई विशेष जानकारी नहीं है; ऐसे कार्य कर रहे हों जो साधारण से माने जाते हों। अन्य लोगों को यह व्यर्थ प्रतीत हो सकता है, लेकिन परमेश्वर के लिए कुछ भी व्यर्थ नहीं है। परमेश्वर के नाम में किया गया प्रत्येक प्रेम पूर्ण कार्य का ध्यान किया जाता है और उसके अनन्त्कालीन प्रतिफल हैं (मरकुस 9:41)। हर स्थान, वह चाहे जितना भी छोटा क्यों ना हो, परमेश्वर की सेवकाई के लिए पवित्र भूमि है। परमेश्वर के लिए प्रभावी होने के लिए महान कार्य करना या बड़े-बड़े शब्द प्रयोग करना आवश्यक नहीं है। यह साधारण से प्रतीत होने वाले सहायता के छोटे छोटे कार्यों से हो सकता है, जैसे सहायता के लिए, सुनने के लिए, बात समझने के लिए, प्रेम जताने के लिए, प्रार्थना करने के लिए, आवश्यकता के समय में, लोगों के लिए उपलब्ध रहना। यही रोज़मर्रा के कार्यों को सेवकाई और आराधना बना देता है।
परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने कुलुस्से के मसीही विश्वासियों को कहा: "जो कुछ तुम करते हो, तन मन से करो, यह समझ कर कि मनुष्यों के लिये नहीं परन्तु प्रभु के लिये करते हो। क्योंकि तुम जानते हो कि तुम्हें इस के बदले प्रभु से मीरास मिलेगी: तुम प्रभु मसीह की सेवा करते हो" (कुलुस्सियों 3:23-24)। परमेश्वर हम पर अपना ध्यान भी लगाए रखता है और हमें अपनी महिमा के लिए उपयोग करने में आनन्दित भी होता है। - डेविड रोपर
मसीह यीशु के लिए बहुतायत से करने के लिए उसकी सेवकाई में जो कुछ भी बन पड़े वह करते रहें।
जो कोई एक कटोरा पानी तुम्हें इसलिये पिलाए कि तुम मसीह के हो तो मैं तुम से सच कहता हूं कि वह अपना प्रतिफल किसी रीति से न खोएगा। - मरकुस 9:41
बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 3:12-25
Colossians 3:12 इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो।
Colossians 3:13 और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो।
Colossians 3:14 और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्ध है बान्ध लो।
Colossians 3:15 और मसीह की शान्ति जिस के लिये तुम एक देह हो कर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।
Colossians 3:16 मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ।
Colossians 3:17 और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।
Colossians 3:18 हे पत्नियों, जेसा प्रभु में उचित है, वैसा ही अपने अपने पति के आधीन रहो।
Colossians 3:19 हे पतियों, अपनी अपनी पत्नी से प्रेम रखो, और उन से कठोरता न करो।
Colossians 3:20 हे बालको, सब बातों में अपने अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन करो, क्योंकि प्रभु इस से प्रसन्न होता है।
Colossians 3:21 हे बच्चे वालो, अपने बालकों को तंग न करो, न हो कि उन का साहस टूट जाए।
Colossians 3:22 हे सेवकों, जो शरीर के अनुसार तुम्हारे स्वामी हैं, सब बातों में उन की आज्ञा का पालन करो, मनुष्यों को प्रसन्न करने वालों की नाईं दिखाने के लिये नहीं, परन्तु मन की सीधाई और परमेश्वर के भय से।
Colossians 3:23 और जो कुछ तुम करते हो, तन मन से करो, यह समझ कर कि मनुष्यों के लिये नहीं परन्तु प्रभु के लिये करते हो।
Colossians 3:24 क्योंकि तुम जानते हो कि तुम्हें इस के बदले प्रभु से मीरास मिलेगी: तुम प्रभु मसीह की सेवा करते हो।
Colossians 3:25 क्योंकि जो बुरा करता है, वह अपनी बुराई का फल पाएगा; वहां किसी का पक्षपात नहीं।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति 20-22
- मत्ती 6:19-34