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रविवार, 1 सितंबर 2013

महत्व

   जिस चर्च का मैं पास्टर हूँ, वहाँ एक इतवार मैंने तीन बच्चों को बुलाया और उन से कहा कि मैंने चर्च में कुछ गोल लपेटे हुए कागज़ छुपाए हैं जिन पर परमेश्वर के वचन बाइबल के कुछ पद लिखे हुए हैं। यदि वे उन्हें ढूँढ़ कर उनमें लिखे पद सबके सामने पढ़ कर सुनाएंगे तो मैं उन्हें इनाम दूँगा। बच्चों का उन कागज़ों को ढूँढ़ने का जोश देखते ही बनता था। चर्च में कोई ऐसी जगह नहीं बची जिसे उन्होंने उलट-पुलट कर देख ना लिया हो, यहाँ तक कि लोगों से आज्ञा लेकर उन्होंने उनके बटुवों और थैलों को भी छान लिया। उन कागज़ों को ढूँढ़ कर पढ़ने से उन्हें और चर्च में एकत्रित सभी लोगों को बहुत आनन्द आया। यह वास्तव में एक तरीका था चर्च के लोगों को परमेश्वर के वचन के प्रति जागरूक करने और उन्हें समय लगाकर तथा परिश्रम करके उस वचन के अद्भुत सत्यों को जानने, उन्हें दूसरों के सामने बोलने और उससे मिलने वाली आशीषों को पहचानने के लिए उत्साहित करने का।

   बाइबल में राजाओं के दूसरे वृतांत के 22 तथा 23 अध्याय में हम पढ़ते हैं कि कैसे राजा योशिय्याह और यहूदा के लोगों ने परमेश्वर के वचन के महत्व और आनन्द को पुनः प्राप्त किया। राजा योशिय्याह के निर्देश पर जब यरुशलेम के मन्दिर की सफाई और मरम्मत का कार्य हिल्कियाह याजक (पुरोहित) द्वारा करवाया गया तो उसे वहाँ परमेश्वर द्वारा इस्त्राएल को दी गई व्यवस्था की लिखित प्रति मिली। यह पुस्तक लाकर राजा योशिय्याह को पढ़कर सुनाई गई, और उसने उस पुस्तक में लिखी बातों को आदर दिया, और उन्हें और गहराई से समझने का प्रयास किया (2 राजा 22:10, 11, 12-20) और फिर अपनी प्रजा के लोगों का नेतृत्व किया कि वे भी उसके महत्व को समझें और उसके प्रति अपने समर्पण के लिए वचनबद्ध हों (2 राजा 23:1-4)।

   आज हम ऐसे समय में रह रहे हैं जब परमेश्वर का वचन संपूर्ण या आंशिक रूप में बहुतायत और बहुत सरलता से संसार की लगभग प्रत्येक भाषा में सब के लिए उपलब्ध है - छपी हुई पुस्तक-पुस्तिकाओं के रूप में, सुनने की रिकौर्डिंग्स एक रूप में और इन्टरनैट पर भिन्न रूपों में। कमी परमेश्वर के वचन की उपलब्धता या उसे समझाने वाले सहायकों की नहीं है वरन लोगों की उस जीवनदायी वचन के प्रति रुचि रखने की है, उस वचन के महत्व को समझने की है। आईए हम निर्णय लें कि परमेश्वर के वचन बाइबल को प्रतिदिन नियमित रूप से अपने जीवनों में स्थान देंगे, उसके अद्भुत सत्यों के खोजी होंगे और उन सत्यों को फिर दूसरों के सामने रखने वाले भी बनेंगे।

   जीवन में महत्वपूर्ण बनाना है तो परमेश्वर के वचन को अपने जीवन में महत्व दीजिए। - मार्विन विलियम्स


लिखित वचन बाइबल से प्रेम करना ही जीवित वचन प्रभु यीशु को जानना है।

और हिलकिय्याह महायाजक ने शापान मंत्री से कहा, मुझे यहोवा के भवन में व्यवस्था की पुस्तक मिली है; तब हिलकिय्याह ने शापान को वह पुस्तक दी, और वह उसे पढ़ने लगा। - 2 राजा 22:8

बाइबल पाठ: 2 राजा 22:8-23:3
2 Kings 22:8 और हिलकिय्याह महायाजक ने शापान मंत्री से कहा, मुझे यहोवा के भवन में व्यवस्था की पुस्तक मिली है; तब हिलकिय्याह ने शापान को वह पुस्तक दी, और वह उसे पढ़ने लगा।
2 Kings 22:9 तब शापान मंत्री ने राजा के पास लौट कर यह सन्देश दिया, कि जो चान्दी भवन में मिली, उसे तेरे कर्मचारियो ने थैलियों में डाल कर, उन को सौंप दिया जो यहोवा के भवन में काम कराने वाले हैं।
2 Kings 22:10 फिर शपान मंत्री ने राजा को यह भी बता दिया, कि हिलकिय्याह याजक ने उसे एक पुस्तक दी है। तब शपान उसे राजा को पढ़कर सुनाने लगा।
2 Kings 22:11 व्यवस्था की उस पुस्तक की बातें सुन कर राजा ने अपने वस्त्र फाड़े।
2 Kings 22:12 फिर उसने हिलकिय्याह याजक, शापान के पुत्र अहीकाम, मीकायाह के पुत्र अकबोर, शापान मंत्री और असाया नाम अपने एक कर्मचारी को आज्ञा दी,
2 Kings 22:13 कि यह पुस्तक जो मिली है, उसकी बातों के विष्य तुम जा कर मेरी और प्रजा की और सब यहूदियों की ओर से यहोवा से पूछो, क्योंकि यहोवा की बड़ी ही जलजलाहट हम पर इस कारण भड़की है, कि हमारे पुरखाओं ने इस पुस्तक की बातें न मानी कि कुछ हमारे लिये लिखा है, उसके अनुसार करते।
2 Kings 22:14 हिलकिय्याह याजक और अहीकाम, अकबोर, शापान और असाया ने हुल्दा नबिया के पास जा कर उस से बातें की, वह उस शल्लूम की पत्नी थी जो तिकवा का पुत्र और हर्हस का पोता और वस्त्रों का रखवाला था, (और वह स्त्री यरूशलेम के नये टोले में रहती थी)।
2 Kings 22:15 उसने उन से कहा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि जिस पुरुष ने तुम को मेरे पास भेजा, उस से यह कहो,
2 Kings 22:16 यहोवा यों कहता है, कि सुन, जिस पुस्तक को यहूदा के राजा ने पढ़ा है, उसकी सब बातों के अनुसार मैं इस स्थान और इसके निवासियों पर विपत्ति डाला चाहता हूँ।
2 Kings 22:17 उन लोगों ने मुझे त्याग कर पराये देवताओं के लिये धूप जलाया और अपनी बनाई हुई सब वस्तुओं के द्वारा मुझे क्रोध दिलाया है, इस कारण मेरी जलजलाहट इस स्थान पर भड़केगी और फिर शांत न होगी।
2 Kings 22:18 परन्तु यहूदा का राजा जिसने तुम्हें यहोवा से पूछने को भेजा है उस से तुम यों कहो, कि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा कहता है।
2 Kings 22:19 इसलिये कि तू वे बातें सुन कर दीन हुआ, और मेरी वे बातें सुन कर कि इस स्थान और इसके निवासियों देख कर लोग चकित होंगे, और शाप दिया करेंगे, तू ने यहोवा के साम्हने अपना सिर नवाया, और अपने वस्त्र फाड़ कर मेरे साम्हने रोया है, इस कारण मैं ने तेरी सुनी है, यहोवा की यही वाणी है।
2 Kings 22:20 इसलिये देख, मैं ऐसा करूंगा, कि तू अपने पुरखाओं के संग मिल जाएगा, और तू शांति से अपनी कबर को पहुंचाया जाएगा, और जो विपत्ति मैं इस स्थान पर डाला चाहता हूँ, उस में से तुझे अपनी आंखों से कुछ भी देखना न पड़ेगा। तब उन्होंने लौट कर राजा को यही सन्देश दिया।
2 Kings 23:1 राजा ने यहूदा और यरूशलेम के सब पुरनियों को अपने पास इकट्ठा बुलवाया।
2 Kings 23:2 और राजा, यहूदा के सब लोगों और यरूशलेम के सब निवासियों और याजकों और नबियों वरन छोटे बड़े सारी प्रजा के लोगों को संग ले कर यहोवा के भवन में गया। तब उसने जो वाचा की पुस्तक यहोवा के भवन में मिली थी, उसकी सब बातें उन को पढ़ कर सुनाईं।
2 Kings 23:3 तब राजा ने खम्भे के पास खड़ा हो कर यहोवा से इस आशय की वाचा बान्धी, कि मैं यहोवा के पीछे पीछे चलूंगा, और अपने सारे मन और सारे प्राण से उसकी आज्ञाएं, चितौनियां और विधियों का नित पालन किया करूंगा, और इस वाचा की बातों को जो इस पुस्तक में लिखी है पूरी करूंगा। और सब प्रजा वाचा में सम्भागी हुई।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 135-136 
  • 1 कुरिन्थियों 12